Class 10 Subjective Hindi prose Chapter 7 हिरोशिमा गोधूलि किताब के काव्य खंड से परीक्षा में कई सारे प्रश्न पूछे जाते हैं खास करके सब्जेक्टिव प्रश्न (Subjective Questions) पूछे जाते हैं आपको पता होगा 50% सब्जेक्टिव और 50% ऑब्जेक्टिव प्रश्न परीक्षा में पूछे जाना है ऐसे में आप लोगों को लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Short And Long Question Answer) की तैयारी करना बेहद जरूरी है
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Class 10 Subjective Hindi prose Chapter 7 हिरोशिमा
हिरोशिमा
लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1. हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में क्या है (2011C, 2012A, 2020A11, 2021A
उत्तर-हिरोशिमा में मनुष्य की साखी के रूप में पत्थर पर लिखी हुई मानव की जली हुई छाया है अर्थात् मनुष्य की साखी के रूप में अमेरिका द्वारा गिराया गया परमाणु बम है। वर्षों बीत जाने के बाद भी हिरोशिमावासी इस त्रासदी का श झेलने के लिए विवश है। साक्ष्य के रूप में उपस्थित रहने वाला वह काला दिवस आज भी सिहरन पैदा करता है।
प्रश्न 2. छायाएँ दिशाहीन सब ओर क्यों पड़ती है ? स्पष्ट करें। 12012A, 2012C, 2015AI
उत्तर- परमाणु बम के विस्फोट से जो अग्नि पैदा होती है। उसका प्रकाश अनंत होता है। धरती के मनुष्य जल जलाते हैं। कोई नहीं बचता है। मनुष्य की कोई छाया बनती नहीं है या बनती भी है तो यह दिशाहीन होती है। मनुष्य भाप बन जाता है।
प्रश्न 3. मनुष्य की छायाएँ कहाँ और क्यों पड़ी हुई है ? [2012C, 2021AI]
उत्तर- मनुष्य की छायाएँ झुलसे हुए पत्थरों पर और उजड़ी सड़कों के ऊपर पड़ी हुई है। क्योंकि ये छायाएँ जहाँ पड़ी, वहाँ से अब मिटने वाली नहीं है। ये अब इतिहास का हिस्सा बन गयी है।
प्रश्न 4. हिरोशिमा कविता से हमें क्या सीख मिलती है ? एक दिन सूरज अरे नगर के धूप पर अंत फटी अमेरिका ने पड़ा। यह अमेरिका द्वारा नहीं थी। यह [2018AII]
उत्तर- ‘हिरोशिमा’ कविता अतीत की भीषणतम मानवीय दुर्घटना का ही साक्ष्य नहीं है, बल्कि आण्विक आयुधों की होड़ में फँसी आज की वैश्विक राजनीति से उपजते संकट की आशंकाओं से भी जुड़ी हुई है। इस प्रकार ‘हिरोशिमा’
कविता से यह सीख मिलती है कि हमें परमाणु आयुधों की होड़ से बचना चाहिए ताकि भविष्य में यदि ऐसी स्थिति उत्पन्न हो तो इसका उपयोग न हो पाएगा।
प्रश्न 5. प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय क्या है ? [2022AI]
उत्तर- प्रज्वलित क्षण की दोपहरी से कवि का आशय है कि बम फूटने पर क्षणभर में लगा कि दोपहर हो गया, और सारा दृश्य लगा कि उस दोपहरी ने सोख लिया। फिर, घना अन्धकार छा गया। कवि के कहने का आशय है कि वह प्रज्वलित क्षण दोपहरी की तरह गर्म, जिसने तत्काल सब कुछ नष्ट कर घोर अन्धकार फैला दिया। अतः कवि ने बम विस्फोट के क्षण को दोपहरी कहा है। क्योंकि एक निश्चित क्षण में ही शहर उजड़ गया तथा चमकता प्रकाश विलीन हो गया।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. “मानव का रचा सूरज मानव को भाप बनाकर सोख गया व्याख्या करें।” [2020A1]
उत्तर- प्रस्तुत पंक्तियाँ महान मानववादी कवि अज्ञेय द्वारा लिखित कविता ‘हिरोशिमा’ पाठ से उद्धृत है। इसमें कवि ने हिरोशिमा में हुई संहारकारी दुर्घटना के विषय में अपना विचार प्रकट किया है।
कवि का कहना है कि मानव-निर्मित सूरज अर्थात् आण्विक आयुध ने कुछ क्षण में ही अपना खेल समाप्त कर लिया। मानव वाष्प बनकर प्रकृति में विलीन
हो गया। लेकिन, उस विनाशकारी विभीषिका के अवशेष अभी भी शेष हैं। मानव की यह क्रूरता युग-युग तक संदेश देती रहेगी कि जब मानव का दम आसमान छूने लगता है तब मानव दानव बनकर अपना प्रभुत्व स्थापित करने के लिए अमानवीय एवं अनैतिक कार्य करने से भी नहीं हिचकता है। कवि उस विनाशलीला की भयंकरता के विषय में कहता है
कि हिरोशिमा के झुलसे पत्थर एवं उजड़ी सड़केहमें याद दिलाती है कि किस प्रकार मानव-निर्मित सूरज ने मानव का नामोनिशान मिटा दिया था। कवि आज की वैश्विक राजनीति से उत्पन्न संकट की आशंकाओं की ओर ध्यान आकृष्ट करता है कि मानवता की रक्षा के लिए अमानवीय प्रयोगों से परहेज करना चाहिए। ऐसा न हो कि सारा विश्व ही हिरोशिमा बन जाए।
प्रश्न 2. निम्न पंक्तियों का अर्थ लिखें।
एक दिन सहसा सूरज निकला अरे क्षितिज पर नहीं नगर के चौक; धूप बरसी।पर अंतरिक्ष से नहीं फटी मिट्टी से। [2021AII]
उत्तर-अज्ञेय जी हिरोशिमा की उस सुबह की विषय में कहते हैं जिस दिन अमेरिका ने बम गिराया था। कवि कहता है कि एकदिन सबेरे प्रकाश दिखाई पड़ा। यह प्रकाश क्षितिज से निकलते सूरज का नहीं, बल्कि शहर के मध्य में अमेरिका द्वारा गिराए गए बम का था। लोग गर्मी से जलने लगे। यह धूप की गर्मी नहीं थी। यह गर्मी बम विस्फोट से उत्सर्जित किरणों की थी। गर्मी फटी धरती की थी।
Hindi prose Chapter 7 हिरोशिमा Subjective
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S.N | CLASS 10TH HINDI गोधुली (हिन्दी) काव्य खंड OBJECTIVE 2025 |
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