Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिका | पीयूषम् भाग 2 | Bihar Board Sanskrit Subjective Question 2025

Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिका सब्जेक्टिव प्रश्न (Subjective Questions)की तैयारी कर रहे हैं तो संस्कृत विषय के चैप्टर वाइज सब्जेक्टिव प्रश्न (Sanskrit Chapter Wise Subjective Questions) आप लोग के लिए मंटू सर Mantu Sir(Dls Education) के द्वारा तैयार कर दिया गया है आप लोगों को हर चैप्टर के सेट मिलने वाले हैं जिसमें 25 से 30 सब्जेक्टिव प्रश्न उपलब्ध होंगे जिसमें लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Short And Long Question Answer)  सभी प्रश्न उपलब्ध है

जिससे आप परीक्षा में ज्यादा प्राप्त कर पाएंगे आपको बता दे की महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्नों (important Subjective Questions) की तैयारी करना बेहद जरूरी है क्योंकि 5 अंक के प्रश्न पूछे जाते हैं ऐसे में अगर आपने एक प्रश्न के जवाब सटीक दे दिया तो आपको 5 अंक सीधा मिल जाएंगे बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा (Bihar Board Matric Exam 2025) में 50% सब्जेक्टिव बार 50% ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछा जाता है ऐसे में आप अपनी परीक्षा की तैयारी और मजबूत कर पाएंगे इन मॉडल सेट (Subjective Model Set 2025)  की मदद से

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Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिका

संस्कृत के चौथे पाठ में आपकोपंडित समारोह के योगदान के बारे में पढ़ने को मिलता है औरउपनिषद में नारियों के योगदान का उल्लेख किस प्रकार है इसके भी जानकारी मिलती है विजयनगर राज्य में संस्कृत भाषा की स्थिति क्या थी और संस्कृत साहित्य में महिलाओं की योगदान का पूरा वर्णन आपको इस पाठ में मिल जाएगा विज्ञान का की विशेषताओं का वर्णन किया गया है इस पाठ के अंदरअगर आप भीसंस्कृत विषय की तैयारी कर रहा है तो आपको पढ़ना चाहिए इस पाठ को और इसके महत्वपूर्ण प्रश्नों (Important Questions) को याद करना चाहिए

लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. विजयनगर राज्य में संस्कृत भाषा की स्थिति क्या थी?1201203

उत्तर– विजयनगर राज्य के नरेश (राजा) संस्कृत भाषा के संरक्षण के प्रसिद्ध (दृढ़ संकल्पित) थे, ऐसा विदित ही है। उनके अन्त:पुर में संस्कृत रचना की कुशल रानियाँ हुई। कम्पण राज्य की(चौदहवींशताब्दी)गंगादेवी ने ‘मधुराविजयम्’ महाकाव्य अपने स्वामी को (मदुरै) विजय घटना परआश्रित रचना की । वहाँ अलंकारों का सन्निवेश आकर्षक है। उसी राज्य मेंसोलह सौ (16वीं शताब्दी ई. में) शासन करते हुए अच्युतराय की रानी (राजी)तिरुमलाम्बा ने वरदाम्बिका परिणय नामक प्रौढ़ (गम्भीर) चम्पूकाव्य लिखा(रचना) । वहाँ संस्कृत गद्य की छटा समस्त पदावली द्वारा ललितपद विन्यास सेअतीव शोभता है। संस्कृत साहित्य में प्रयुक्त दीर्घतम समस्त पद भी वहीं प्राप्तहोता है।

प्रश्न 2. संस्कृत साहित्य में महिलाओं के योगदान में वर्णन करें2015A

उत्तर– समाजरूपी गाड़ी पुरुषों एवं स्त्रियों के द्वारा चलती है। संस्कृतसाहित्य में प्राचीन काल से ही साहित्य समृद्धि में स्त्रियों की भूमिका सराहनीयहै। वैदिक युग में मन्त्रों के वाचक न केवल ऋषि अपितु ऋषिकाएँ भी हैं। यमी,अपाला, इन्द्राणी, उर्वशी एवं मैत्रेयी स्त्रियों के मंत्रदर्शन आज के जाज्वल्यमाननक्षत्र की भाँति दीप्ति मान हैं। याज्ञवल्क्य की पत्नी ने स्वयं अपने पति से आत्मतत्त्व की शिक्षा ली है । जनक की सभा को बढ़ाने वाली गार्गी का नाम बड़े आदरसे लिया जाता है। लौकिक साहित्य में भी विदुषी क्षमाराव अत्यन्त प्रसिद्ध हैं

प्रश्न 3. संस्कृत में पण्डिता क्षमाराव के योगदान का वर्णन करें[2018AI, 2024AT

अथवा, संस्कृत साहित्य के संवर्द्धन में पण्डिता क्षमाराव के योगदानका उल्लेख करें ।[2021AX)

उत्तर-आधुनिक काल की लेखिका क्षमाराव ने अपने पिता शंकर पाण्डुरंगे पण्डित, जो महान विद्वान थे, का जीवन चरित्र, ‘शङ्करचरितम्’ की रचना संस्कृतमें की। साथ ही उन्होंने सत्ययाग्रहगीता, मीरालहरी, कथामुक्तावली, विचित्रपरिषद् यात्रा, ग्राम ज्योति इत्यादि अनेक गद्य-पद्य ग्रंथों की रचना कर संस्कृत को धन्य किया ।

प्रश्न 4. उपनिषद् में नारियों के योगदान का उल्लेख करें ||2018Ch

उत्तर– शास्त्रलेखन में वैदिक एवंउपनिषद्कालीन महिलाओं का काफी योगदान है। पुरुषों से वे किसी तरह कम नहीं थी । ऋग्वेद में चौबीस और संस्कृतवागाम्भृणी । वैदिककालीन महिलाएँ भी मन्त्रों की दर्शिकाएँ थी । वृहदारण्यअथर्ववेद में पाँच महिलाओं का योगदान है-यमी, अपाला, उर्वशी, इन्द्राणी औरउपनिषद् याज्ञवल्क्य की पत्नी एक दार्शनिक महिला थी।

प्रश्न 5. तिरूमलाम्बा किसकी रानी थी और उसने किस प्रकार केकाव्य की रचना की थी ?[2019C]

उत्तर– तिरूमलाम्बा, अच्युतराय की रानी थी और उसने वरदाम्बिकायरिण्यनामक प्रौढ़ चम्पूकाव्य की रचना की थी ।

प्रश्न 6. आधुनिक काल की किन्हीं तीन संस्कृत लेखिकाओं के नामलिखें।12020A11, 20231]

उत्तर– पण्डिता क्षमाराव, पुष्पा दीक्षित, मिथिलेश कुमारी आदि आधुनिककाल की संस्कृत लेखिकाएँ है

प्रश्न 7. विजयाङ्का कौन थी और उनका समय क्या माना जाता है ?[2020AII]

उत्तर– विजयाङ्का लौकिक संस्कृत साहित्य की प्रथम कल्पा है। उनकाकाल आठ सौ के आसपास माना जाता है ।

प्रश्न 8. विजयांका की विशेषताओं का वर्णन करें। [2021AJI]अथवा, विजयांका को ‘सर्वशुक्ला सरस्वती’ क्यों कहा गया ?1202011

उत्तर-विजयांका श्याम वर्ण की थी। किन्तु उनकी कृतियाँ ज्योतिर्मय थी ।नील कमल की पंखुड़ियों की तरह विजयांका अपनी रचना में अद्भुत लेखन कला की आभा बिखरती है। एक असाधारण लेखिका की पराकाष्ठा से प्रभावित होकर दण्डी ने उन्हें सर्वशुक्ला सरस्वती कहा है ।

प्रश्न 9. संस्कृत साहित्य के संवर्धन में विजय नगर राज्य के योगदानका वर्णन करें[2022A1]

उत्तर– विजयनगर राज्य के राजाओं ने संस्कृत साहित्य के संरक्षण के लिए जो प्रयास किये थे वे सर्व विदित है। उनके अन्तःपुर में भी संस्कृत रचना में कुशल रानियाँ हुई। इनमें कम्पणराय की रानी गंगादेवी तथा अच्युताराय की रानीतिरुलाम्बा प्रसिद्ध हैं । इन दोनों रानियों की रचनाओं में समस्त पदावली और ललित पद विन्यास के कारण संस्कृत गद्य शोभित होता है।

प्रश्न 10. ‘मधुराविजयम्’ महाकाव्य का वर्ण्य विषय क्या है ?[2022AJJ

उत्तर-चौदहवीं शताब्दी के अनुमान में कम्पनराय की रानी गंगा देवी ने अपने स्वामी के मदुरै विजय घटनाचक्र पर आधारित मदुरा विजयम् नामक महाकाव्य की रचना की जिसमें वहाँ अलंकारों का सन्निवेश आकर्षक है

प्रश्न 11. अथर्ववेद में किन पाँच मन्त्रदर्शनवती ऋषिकाओं का उल्लेखहै ?[2022AII]

उत्तर-अथर्ववेद में यमी, अपाला, उर्वशी, इन्द्राणी और वागम्भृणी आदिमन्त्रदर्शवती ऋषिकाओं का उल्लेख है।

प्रश्न 12. पण्डिता क्षमाराव की प्रमुख कृतियों के नाम लिखें ।[20224]|

उत्तर–पण्डिता क्षमाराव की प्रमुख कृतियाँ शंकरचरितम्, सत्याग्रहगीता,मीरालहरी, कथा मुक्तावली विचित्र परिषद् यात्रा ग्राम ज्योति आदि है

प्रश्न 13. महाकवि दण्डी की उक्ति ‘सर्वशुक्ला सरस्वती’ को व्यर्थक्यों कहा गया है ?[2022C1

उत्तर-लौकिक संस्कृत साहित्य में प्रायः चालीस कवयित्रियों का डेढ़ सौ(150) पद स्पष्टरूप से जहाँ-तहाँ प्राप्त हैं। उनमें विजयांका प्रथम कल्पा है ।वह श्यामवर्ण की थी। यह इस पद को स्पष्ट होता है ।नीलकमल के दन (पंखुरी) के जैसा श्यामल रंगवाली विजयांका को जानें।उसके सामने “सबसे सुंदर सरस्वती हैं” यह दण्डी के द्वारा कहा गया बेकार है ।

प्रश्न 14. ‘शंकरचरितम्’ काव्य की विशेषताओं का वर्णन करें। 2022C, 2024AII]

उत्तर-शंकरचरितम् काव्य की रचनाकार पण्डित क्षमाराव है। शंकरचरितम्पण्डित क्षमाराव के पिता शंकर पाण्डुरंग पण्डित का जीवन चरित है । इसमें उनकी महान् विद्वता का बखान किया गया है।

प्रश्न 15. उपनिषद में किसका वर्णन है ?

उत्तर-उपनिषद् वैदिक वाङ्मय का अभिन्न अंग है । इसमें दर्शनशास्त्री केसिद्धान्तों का प्रतिपादन किया गया है। परमात्मा के द्वारा ही यह संसार व्याप्त और अनुशासित है । सत्य की पराकाष्ठा ही ईश्वर का मूर्त रूप है। ईश्वर-प्राप्ति की सभी तपस्याओं का लक्ष्य है । अतः सर्वत्र परमपुरुष परमात्मा का गुणगान किया गया है । भारतीय संस्कृत लेखिकाएँ अपने स्फुट

Sanskrit Chapter 4 संस्कृतसाहित्ये लेखिका Class 10

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संस्कृतसाहित्ये लेखिका Class 10 Subjective

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