Class 10 Subjective Geography Chapter 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग: सामाजिक विज्ञान (Social Science) विषय की तैयारी कर रहे हैं सभी छात्र-छात्राओं को जियोग्राफी यानी की भूगोल के महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्नों (Geography important Subjective Questions) को जरूर याद करना चाहिए परीक्षा में आपसे लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Short And Long Question Answer) पूछ लिया जाता है आपको बता दे की 5 से 10 नंबर के प्रश्न पूछ लिया जाते हैं तो ऐसे में आपको सब्जेक्टिव विषय (SST Subjective) की तैयारी करना भी है जरूरी है आप लोग के लिए मंटू सर Mantu Sir(Dls Education) के द्वारा तैयार किया गया
यह लघु उत्तरीय प्रश्नों का सेट इसमें आपको कई महत्वपूर्ण प्रश्न (important Questions Set) उपलब्ध कराए गए हैं इन महत्वपूर्ण प्रश्नों में चैप्टर के अनुसार प्रश्नों (Chapter Wise Subjective Questions) को तैयार किया गया है और साथ ही इस चैप्टर से पिछले कुछ सालों में पूछे जाने वाले प्रश्नों को भी चयनित करके उपलब्ध कराया गया है आप लोग के लिए प्रश्न के साथ उत्तर भी मौज कराई गई है तो अब आप अपने परीक्षा की तैयारी (bihar board 10th exam preparation) और मजबूत बना सकते हैं इन प्रश्नों को याद कर
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Class 10 Subjective Geography Chapter 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग
भारत संसाधन एवं उपयोग के इस चैप्टर में आपकोभारत केलोगों कोमिलने वाले संसाधन एवं उपयोग की जानकारी दी गई है जिससे जीवन स्तर अनंत होता है संसाधन संरक्षण के उपयोग को भी बताया गया है आप लोग के लिए दीर्घ उत्तरीय प्रश्न भी तैयार किया गया है इस चैप्टर से संसाधन निर्माण में तकनीकीविशेषता के बारे में भी आपको इस चैप्टर में पढ़ने का मिलता हैसंसाधन के विकास मेंसतत विकास की अवधारणा की व्याख्या भी की गई है संसाधन कितने प्रकार के होते हैं इसकी जानकारी भी आपको इस चैप्टर में मिल जाती हैतो अब आप इस चैप्टर के महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्नों (Chapter 1 Important Subjective Questions)को जरूर याद करें
भारत: संसाधन एवं उपयोग
लघु उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न 1. संसाधन को परिभाषित कीजिए
उत्तर- संसाधन का अर्थ बहुत व्यापक है जिन साधनों से मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति होती है और उनका जीवन स्तर अनंत होता है वह सभी साधन संसाधन कहलाते हैं संसाधनों में प्राकृतिक तथा मानवीय संसाधन सभी आते हैं
प्रश्न 2.संभावी एवं संचित कोष संसाधन में अंतर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर- ऐसे ज्ञात संसाधन जिनका उपयोग अभी तक नहीं किया गया है वे सभी संभावित संसाधन हैं जैसे बहुत गहराई में रहने वाले संसाधन पवन ऊर्जा तथा सौर ऊर्जा आदि ठीक इसकी विपरीत वैसे संसाधन जो ज्ञात भी है और साधारण तकनीक के आधार पर उनका उपयोग किया जा सकता है किंतु भविष्य के लिए सुरक्षित रखा गया है उन्हें संचित कोष संसाधन कहते हैं।
प्रश्न 3.संसाधन संरक्षण की उपयोगिता को लिखिए।
उत्तर- संसाधन संरक्षण के उपयोगिता यह है कि संसाधनों से मानव अधिकार अधिक लाभान्वित होता रहे संसाधन संरक्षण से ही अगली पीढ़ी लाभान्वित हो सकती है जब तक वन पड़े हम आयात से अपने आवश्यकताओं की पूर्ति करते रहे और अपने संसाधनों को सुरक्षित रख रहे इससे हमारी भावी पीढ़ी को किसी अन्य पर आश्रित नहीं होना पड़ेगा।
प्रश्न 4. संसाधन निर्माण में तकनीकी की क्या भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- संसाधन निर्माण में तकनीकी की यह भूमिका है कि इसी के सहारे संसाधन मानवीय पहुंच में आते हैं या फिर मानव भी उनके उपयोग के योग्य बनते हैं तकनीकी के सहारे हैं लोग खनिज कारखाने तक पहुंचाते हैं और उसी के सहारे लोहा या स्टील का रूप धारण करते हैं तकनीकी के सहारे ही मानव उपयोगी वस्तुएं बनती हैं जिससे सभ्यता विकसित होती है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न:
प्रश्न1.संसाधन के विकास में सतत विकास की अवधारणा की व्याख्या कीजिए।
उत्तर- संसाधन न केवल मानवीय विशालता के साधन हैं बल्कि वे मनुष्य के जीविका के आधार हैं उसी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की संसाधन प्रकृति द्वारा जीव जगत के लाभ के लिए दिया गया अमूल्य उपहार है समाज में विषमता के कारण कुछ लोगों द्वारा प्रकृति प्रदत्त संसाधनों को निर्माता पूर्वक दोहन किया गया है और अपना शौक पूरा किया गया है इसमें कुछ लोग ही नहीं लगभग सभी विकसित देश शामिल हैं उन्होंने भरपूर जंगल कांटे खनिज निकले और उनका उपयोग किया नतीजा हुआ की संपूर्ण पृथ्वी विषय हो गई इसी को आज वैश्विक उष्मन ,नाम दिया जा रहा है।आकाशीय ओजोन परत क्षीण हो गया है।
जिसे हानिकारक सौर विकिरण पृथ्वी पर आबाद गति से पहुंच रही है।इस कारण पृथ्वी पर ताप की वृद्धि हो रही है।पहाड़ों और ध्रुव पर के बर्फ पिघल रहे हैं।परिणाम: समुद्र जलस्तर में वृद्धि हो रही है। इस कारण उपयोगी भूमि की ओर समुद्र बढ़ता आ रहा है यदि वैश्विक उष्मन‘पर रोक का उपाय नहीं किया गया तो आशंका है कि समुद्र में जल की इतनी वृद्धि होगी की पूरी पृथ्वी उसी में डूब जाएगी और सभ्यता का नामोनिशान मिट जाएगा अभी तो केवल मौसम में परिवर्तन होना आरंभ हुआ है जिससे मानव भयभीत होने लगा है।
अभी भी समय है, मानव अपने लालच को छोड़ें संसाधनों का तीव्रता से दोहन बंद करें उनका उपयोग मीतव्यापिता पूर्वक करें ताकि हानिकारक गैस से वातावरण में काम पहले जो पहले उनको नष्ट कर देने का उपाय ही भूमंडलीय तापन ओजोन परत का क्षय मृदा के संरक्षण को रोकने का शीघ्रता शीघ्र प्रयास होता भूमि–विस्थापन अम्लीय वर्षा और समय ऋतु परिवर्तन जैसे पारिस्थितिक संकट से विश्व को बचाया जा सके। इन्हीं सब बातों की अवधारणा को सतत विकास की अवधारणा कहते हैं इस अवधारणा को अपना कर ही विश्व को विनाश के आगोश में जाने से रोका जा सकता है।
प्रश्न 2. स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के विविध स्वरूप का वर्णन कीजिए।
उत्तर- स्वामित्व के आधार पर संसाधन चार प्रकार के माने गए हैं :
क. व्यक्तिगत संसाधन
ख. सामुदायिक संसाधन
ग. राष्ट्रीय संसाधन
घ.अंतरराष्ट्रीय संसाधन।
क. व्यक्तिगत संसाधन– कुछ ऐसे संसाधन है, जिन पर व्यक्ति विशेष का अधिकार होता है हालांकि उसके एवज में वे सरकार को किराया के रूप में लगान देते हैं। इन संसाधनों में खेत,बाग,बगीचा, तालाब,कुआं,इत्यादि संसाधन आते हैं। इन पर व्यक्ति का निजी स्वामित्व रहता है।
(ख) सामुदायिक संसाधन –सामुदायिक संसाधन में ,सामुदायिक विशेष के सभी लोगों का स्वामित्व रहता है इसका उपयोग उसे समुदाय के लिए व्यक्तिगत कर सकते हैं उदाहरण में चरागाह मंदिर मस्जिद सामुदायिक भवन तालाब शमशान आदि के नाम दिए जा सकते हैं। नगरों में इस कोटी में पार्क, खेल, के मैदान, मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजाघर, आदि आते हैं।
(ग)राष्ट्रीय संसाधन–देश के अंदर अवस्थित सभी संसाधन राष्ट्रीय संसाधन कहलाते हैं। इन संसाधनों पर सरकार का अधिकार रहता है। सरकार को यह अधिकार है की शादी के गीत में किसी भी व्यक्तिगत संसाधन का अधिग्रहण कर सकती है प्राय:ऐसे संसाधन में भूमि की ही प्रधानता रहती हैं
(घ)अंतर्राष्ट्रीय संसाधन –अंतर्राष्ट्रीय संसाधन के अंतर्गत खास कर समुद्र आते हैं किसी भी देश की तट रेखा से 200 N.M की दूरी के बाद समुद्री क्षेत्र पर सभी देशों को अधिकार प्राप्त रहता है लेकिन इसके लिए किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था जैसे राष्ट्र संघ की अनुमति आवश्यक होती हैं।
कुछ अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न तथा उसके उत्तर
प्रश्न 1.संसाधनों का क्या महत्व है?
उत्तर- संसाधनों का महत्व यह है कि उनके उपयोग से ही मानवीय आवश्यकताओं की पूर्ति होती है संसाधनों के अंतर्गत भौतिक तथा जैविक दोनों प्रकार के पदार्थ आ जाते हैं अब मानव को भी एक संसाधन माना गया है मानव ही संसाधनों को उपयोग योग बनता है जिनके उपयोग से मानव अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है इसी से मानवीय सभ्यता का विकास होता है पहले जहां यात्रा के लिए बैलगाड़ी या घोड़ा का उपयोग होता था वहीं अब द्रुतगामी रेलगाड़ी तथा वायुयान तक का उपयोग होने लगा है।
प्रश्न 2. संसाधनों का वर्गीकरण के आधार क्या है किन्ही चार उल्लेख कीजिए।
उत्तर- संसाधनों के वर्गीकरण के आधार निम्नलिखित हैं।
उत्पत्ति के आधार– पर जैव तथा अजैव।
उपयोगिता के आधार पर– नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय।
स्वामित्व के आधार पर– व्यक्तिगत,सामुदायिक, राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय
विकास की स्थिति के आधार पर– संभाव्य, विकसित तथा सचित।
प्रश्न 2. संसाधन के कितने प्रकार हैं? आधार अनुसार उत्तर दीजिए।
उत्तर- (1) उत्पत्ति के आधार पर संसाधनों के दो प्रकार हैं:
(क) जैव संसाधन
(ख) अजैव संसाधन।
उपयोगिता के आधार पर उनके संसाधनों के दो प्रकार है:
(क) नवीकरणीय
(ख) अनवीकरणीय।
स्वामित्व के आधार पर संसाधनों के चार प्रकार हैं
(क) व्यक्तिगत
(ख) सामुदायिक राष्ट्रीय
(ग) अंतरराष्ट्रीय ।
विकास की स्तर के आधार पर संसाधनों के चार प्रकार हैं:।
(क) संभावित संसाधन
(ख) विकसित संसाधन
(ग)भंडार संसाधन तथा
(घ)संचित कोष संसाधन।
प्रश्न 4. संसाधन नियोजन क्या है?
उत्तर- यदि सही कहा जाए तो संसाधनों का विवेक पूर्ण उपयोग है संसाधन नियोजन है तथा इसके लिए प्राथमिकता है कि संसाधनों का विवेक पूर्ण दोहन हो किसी देश के विकास के लिए संसाधनों का नियोजन करती आवश्यक है इसे वर्तमान की आवश्यकता तो पूरी होगी है भविष्य में हमारी अगली पीढ़ी भी उनका लाभ उठा सकेंगी।
प्रश्न 5.संसाधन नियोजन के सोपानों को किस रूप में बांटा कर अध्ययन किया जाता हैं?
उत्तर- संसाधन नियोजन के सोपानों को निम्नलिखित पांच रूप में बताकर अध्ययन किया जाता है: देश के विभिन्न राज्य में संसाधनों की पहचान कर सर्वेक्षण करना। सर्वेक्षण के बाद मानचित्र तैयार करना। संसाधनों का गुणात्मक तथा मात्रात्मक आधार पर आकलन करना। संसाधन विकास योजना को मूर्त रूप देने के लिए उपयुक्त तकनीक कौशल एवं संस्थागत नियोजन की रूपरेखा तैयार करना। राष्ट्रीय विकास योजना तथा संसाधनों के विकास की योजनाओं के बीच समन्वय स्थापित करना।
प्रश्न 6 संसाधनों के सर्वेक्षण के संदर्भ में भारतीय चिंतकों और समाज सेवाओ ने क्या कहा तथा क्या किया?
उत्तर- संसाधनों के संरक्षण के संदर्भ में महात्मा गांधी ने कहा था कि हमारे पास पेट भरने के लिए बहुत कुछ है, ,लेकिन पेटी भरने के लिए नहीं।इनका अर्थ संग्रह नहीं करने की ओर है। मेधा पाटेकर ने ’नर्मदा बचाओ’ अभियान चलाया था सुंदरलाल बहुगुणा ‘चिपको ‘आंदोलन चलाकर वृक्षों के संरक्षण का मुहिम चलाया। संदीप पांडे ने वर्षा जल संग्रहण या संचय करने का अभियान चला कर कृषि भूमि की सिंचाई के विस्तार का महत्वाकांक्षी अभियान चलाया था
Geography Chapter 1 भारत : संसाधन एवं उपयोग Class 10
भारत : संसाधन एवं उपयोग के कोई भी प्रश्न अब आप बड़े आसानी से बना सकते है बस आप को इन प्रश्न को कई बार पढ़ लेना है और हमने QUIZ Format मे आप के परीक्षा के मध्यनाज़र इस पोस्ट को तैयार किया है class 10h Geography भारत : संसाधन एवं उपयोग इस पोस्ट मे दिए गए है तो अब आप को परीक्षा मे कोई भी भारत : संसाधन एवं उपयोग के प्रश्न से डरने की जरूरत नहीं फट से उतर दे
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भारत : संसाधन एवं उपयोग Class 10 Quiz
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S.N | CLASS 10TH GEOGRAPHY (भूगोल ) OBJECTIVE 2025 |
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