Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 11 व्याघ्रपथिककथा | पीयूषम् भाग 2 | Bihar Board Sanskrit Subjective Question 2025

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Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 11 व्याघ्रपथिककथा

व्याघ्रपथिककथा इस पाठ में आपकोदान किसको देना चाहिए और सात्विक दान क्या होता है और दान और दवा किस देना उचित हैकिसी को दान देना चाहिए और इसपाठ से आपके जीवन में बहुत कुछ सीखने को मिलता है और साथी आपकी परीक्षा के लिए भी काफी महत्वपूर्ण (important Chapter ) है हर वर्ष इस पाठ से एक दो प्रश्न जरूर पूछे जाते हैं

लघु उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. ‘व्याघ्रपथिक कथा’ पाठ में हमें क्या शिक्षा मिलती है ?[2015C, 2015AII, 2017AII]

उत्तर-‘व्याघ्रपथिक कथा’ से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मनुष्य को लोभसे आकृष्ट नहीं होना चाहिए तथा कदापि प्रलोभनों के चक्कर में नहीं पड़नाचाहिए ।

प्रश्न 2. ‘व्याघ्रपथिक कथा’ कहाँ से लिया गया है ? इनके लेखककौन हैं तथा इससे क्या शिक्षा मिलती है ? छः वाक्यों में लिखें ।[2017AL, 2017C]

उत्तर-‘व्याघ्रपथिक कथा’ नारायण पंडित रचित ‘हितोपदेश’ ग्रन्थ से लियागया है । प्रस्तुत कथा में लोभ का दुष्परिणाम प्रकट हुआ है। इस कथा मेंलो भविष्ट व्यक्ति की दुर्दशा का निरूपण है। इसलिए हमें कभी की लोभ नहींकरना चाहिए। हमें हमेशा अपनी मेहनत से कमाये हुए धन पर विश्वास करना चाहिए । अगर हम अनावश्यक लोभ करते हैं तो निश्चित ही किसी न किसी मुसीबत में पड़ सकते हैं।

प्रश्न 3. ‘व्याघ्रपथिक कथा’ के आधार पर बतायें कि दान किसको देना चाहिए ?[2018A1, 2023A1, 2024AI

उत्तर– देने योग्य दान को उसे देना चाहिए जिसने उपकार न किया हो ।

प्रश्न 4. सात्विक दान क्या है ? पठित पाठ के आधार पर उत्तर दें ।12018A1, 2022A11, 2023AII]

उत्तर– देश, काल और पात्र के अनुसार जो दान किया जाता है, वह ही सात्विक दान कहलाता है ।

प्रश्न 5. “ज्ञानं भारः क्रियां बिना” यह उक्ति व्याघ्रपथिक कथा परकैसे चरितार्थ होती है ?12019AII, 2021AII]

उत्तर– प्रस्तुत श्लोक के माध्यम से कहानीकार नारायण पंडित ने ब्राह्मण की मूर्खता के विषय में कहा है। कथाकार का कहना है कि व्यावहारिक ज्ञान केअभाव में शास्त्रीय ज्ञान व्यर्थ साबित होता है । इसलिए कहा गया है कि जिस व्यक्ति के इन्द्रियाँ तथा मन नियंत्रित नहीं हैं, उसकी सारी क्रियाएँ हाथी के स्नानके समान है क्योंकि हाथी स्नान करने के बाद धूल एवं कीचड़ अपने ऊपरडालकर यह साबित कर देता है कि क्रिया अर्थात् व्यावहारिक ज्ञान के बिना शास्त्रीय ज्ञान बोझ के समान होता है । अतः बाघ हिंसक पशु होता है, यह जानते हुए भी पथिक व्यावहारिक ज्ञान के अभाव में बाघ की बातों पर विश्वास करनेके कारण मारा जाता है।

प्रश्न 6. बाघ के द्वारा पकड़ लिए जाने पर पथिक अपने मन में क्या सोचता है ?[2019C]

उत्तर– बाघ के द्वारा पकड़ लिए जाने पर पथिक अपने मन में सोचता हैकि जिसकी इन्द्रियाँ वश में नहीं है तथा चित्त की क्रिया हाथी के स्नान के समान है; उसके ज्ञान क्रिया के अभाव में उसी तरह बोझ है जैसे विधवा स्त्री का श्रृंगार(आभूषण) भारत होता है।

प्रश्न 7. धन और दवा किसे देना उचित है ?

उत्तर-गरीबों को धन देना और रोगी को दवा उचित है।

प्रश्न 8. अनिष्ठ से इष्ट की प्राप्ति का परिणाम कैसे बुरा होता है ?[2020AI][2020A1, 2023A1]

उत्तर-अनिष्ठ आदि लाभ की गति शुभ नहीं होती है, अर्थात् गलत रूप से धन की गति शुभ नहीं होती है, क्योंकि विष के संसर्ग में लोग अमृत पीकर भीमर जाते हैं ।

प्रश्न 9. सोने के कंगन को देखकर पथिक ने क्या सोचा ?[2020 AII, 2023AII]

उत्तर-सोने के कंगन को देखकर पथिक ने सोचा कि यह भाग्य से ही- संभव होता है । किन्तु इसमें आत्म संदेह वाले कार्य में झुकाव नहीं करनी चाहिए ।

प्रश्न 10. बाघ ने स्वयं को अहिंसक सिद्ध करने के लिए क्या तर्कदिया ?[2021AI]

उत्तर- बाघ ने स्वयं को अहिंसक सिद्ध करने के लिए यह तर्क देता है कि मैं पहले दुर्विचारी था अनेको गाय और मनुष्यों को मारा जिसके पाप से पुत्र और पत्नी मर गई। किसी धार्मिक व्यक्ति ने उपदेश दिया की दान और धर्म करो तबसे मैं दान और धर्म कर रहा हूँ, मेरे दाँत टूट गये नख जल गये अभी भी विश्वास नहीं होता है ? इस प्रकार बाघ स्वयं को हिंसक सिद्ध करता है।

प्रश्न 11. किसको दान देना चाहिए ?2021AII, 2023AI]

उत्तर-दान गरीबों को देना चाहिए। ऐश्वर्यवान को दान नहीं देना चाहिए।

प्रश्न 12. बूढ़े बाघ ने पथिक को कैसे मारा ? 12022C, 2024411]

उत्तर– बूढे बाघ ने पथिक को कंगन के लोभ में कीचड़ में फँसा कर मार डाला

Sanskrit Chapter 11 व्याघ्रपथिककथा Class 10

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व्याघ्रपथिककथा Class 10 Subjective

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