LPG Gas Cylinder Price पेट्रोलियम कंपनियों के द्वारा घरेलू गैस सिलेंडर के रेट में बढ़ोतरी कर दी गई है। पिछले कई महीनों से घरेलू गैस सिलेंडर के रेट में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा था, लेकिन अब यह महंगा हो गया है। घरेलू गैस सिलेंडर आम आदमी के लिए चिंता का कारण बन सकता है और इससे लोगों को काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि आपको बता दें कि यह रेट कई महीनों के बाद बढ़ा है, लेकिन फिर भी इससे आम जनता को बड़ा झटका लगने वाला है। उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को भी इसका असर झेलना पड़ेगा और यह नया रेट कल से ही लागू कर दिया जाएगा। अगर आप अब कोई भी नया सिलेंडर बुक करते हैं और आपके घर पर उसकी डिलीवरी होती है, तो इसके लिए अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
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LPG Gas Cylinder Price

भारत में आमतौर पर हर महीने की पहली तारीख को गैस सिलेंडर के रेट अपडेट किए जाते हैं, लेकिन इस बार महीने के बीच में ही रेट में बढ़ोतरी देखने को मिली है। आपको बता दें कि घरेलू गैस सिलेंडर के रेट में ₹50 की बढ़ोतरी की गई है और आज, सोमवार 8 अप्रैल से नया रेट लागू हो जाएगा। इसकी जानकारी 7 अप्रैल को पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने दी है।
दिल्ली में अभी के समय में सिलेंडर ₹803 में मिल रहा है, लेकिन 8 अप्रैल से यह ₹853 में मिलेगा। ₹50 की इस बढ़ोतरी के साथ पूरे देशभर में गैस सिलेंडर के रेट में बदलाव देखने को मिलेगा।

आपको बता दें कि आखिरी बार सरकार ने 8 मार्च 2024 को महिला दिवस के अवसर पर सिलेंडर के दाम में ₹100 की बड़ी कटौती की थी। तब रेट ₹903 चल रहा था।
क्यों बढ़ाया जा रहा है गैस सिलेंडर का दाम?
आप में से कई लोगों के मन में यह सवाल होगा कि सरकार या ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने दाम में बढ़ोतरी क्यों की है? इसके जवाब में पेट्रोलियम मंत्री ने जानकारी दी कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को लागत से कम कीमत पर सिलेंडर बेचने की वजह से लगभग ₹41,000 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस घाटे को कम करने के लिए कीमतों में बढ़ोतरी का फैसला लिया गया है।
भारत में कैसे तय होती है गैस सिलेंडर की कीमत?
आपको बता दें कि तेल कंपनियों के द्वारा हर महीने गैस के दाम तय किए जाते हैं। इसके लिए पिछले महीने के अंतरराष्ट्रीय मूल्य, एक्सचेंज रेट और अन्य लागतों को आधार बनाया जाता है। इसके बाद एलपीजी की बेस प्राइस तय की जाती है। फिर टैक्स, ट्रांसपोर्ट और डिलीवरी कमीशन जोड़कर खुदरा मूल्य निर्धारित किया जाता है।
सब्सिडी वाले सिलेंडर के लिए सरकार की तरफ से कुछ राशि की भरपाई की जाती है, जबकि बिना सब्सिडी वाले सिलेंडर की पूरी कीमत ग्राहकों को चुकानी होती है। आपको यह भी पता होना चाहिए कि गैस सिलेंडर और पेट्रोल-डीजल पर काफी ज्यादा टैक्स लगता है और कई बार क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से भी रेट में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।