Class 10 Subjective Hindi Chapter 7 परम्परा का मूल्यांकन | गोधुली गद्य खंड | Bihar Board Hindi Subjective Question 2025

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Class 10 Subjective Hindi Chapter 7 परम्परा का मूल्यांकन

 परम्परा का मूल्यांकन

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. साहित्य का कौन-सा पक्ष अपेक्षाकृत स्थायी होता है ? इस संबंध में लेखक की राय स्पष्ट करें। [2011C|

उत्तर- साहित्य का वह पक्ष अपेक्षाकृत स्थायी हैं, जिसमें मनुष्य का इन्द्रियबोध उसकी भावनाएँ करती है। साहित्य का संबंध सम्पूर्ण जीवन से है। आर्थिक के अलावा मनुष्य प्रणी के रूप में भी अपना जीवन बिताता है। कई भावनाएँ साहित्य में प्रतिफलित होती है जो उसे प्राणि मात्र से जोड़ती है । इस प्रकार, साहित्य विचारधारा मात्र नहीं बल्कि उसमें मनुष्य का इन्द्रयबोध तथा भावनाएँ भी प्रकट होती हैं । साहित्य का यह पक्ष अपेक्षाकृत स्थायी होता है ।

प्रश्न 2. साहित्य के निर्माण में प्रतिभा की भूमिका स्वीकार करते हुए लेखक किन खतरों से आगाह करता  है (2011C]

उत्तर- साहित्य के निर्माण में प्रतिभाशाली व्यक्ति की भूमिका निर्णायक होती है । किन्तु, इसका यह अर्थ नहीं कि ये लोग जोते हैं, वह सब अच्छा ही होता है। उनकी रचनाओं में कोई दोष नहीं होते। लेकन, कला को पूर्णतः

निर्दोष होना भी दोष है, क्योंकि ऐसी कला निर्जीव होती है। इसीलिए प्रतिभाशाली व्यक्तियों की अद्वितीय उपलब्धियों के बाद कुछ नया और उल्लेखनीय करने की गुंजाईश बनी हुई रहती है। अतः लेखक के कहने का उद्देश्य यह है कि इन खतरों से बचने के लिए कला में भावात्मक सौन्दर्य पर ध्यान रखना आवश्यक है।

प्रश्न 3. परम्परा का ज्ञान किसके लिए सबसे ज्यादा आवश्यक है और [2014C, 2015C, 2015A1, 2016AII, 2019AI |

उत्तर- जो लोग रूढ़ियाँ तोड़कर क्रांतिकारी साहित्य की रचना करना चाहते अथवा जो लोग साहित्य में एक नयी परम्परा का आरम्भ करना चाहते हैं, उनके लिए परम्परा का ज्ञान अतिआवश्यक है। क्योंकि वे लोग समाज में बुनियादी परिवर्तन करके वर्गहीन शोषणमुक्त समाज की स्थापना करना चाहते हैं। साहित्य के परम्परा के ज्ञान से ही प्रगतिशील आलोचना का विकास होता है। क्यों ?

प्रश्न 4. बहुजातीय राष्ट्र की हैसियत से कोई भी देश भारत का मुकाबला क्यों नहीं कर सकता है ? 12017AI, 2024AI]

उत्तर- भारत की राष्ट्रीयता एक जाति द्वारा दूसरी जातियों पर प्रभुत्व स्थापित कर स्थापित नहीं हुई है। यह राष्ट्रीयता मुख्यतः संस्कृति और इतिहास की देन है जिसके निर्माण में कवियों का सर्वोच्च स्थान है। रामायण, महाभारत आदि इसके साहित्य की आन्तरिक एकता स्थापित करती है। किसी भी बहुजातीय राष्ट्र के।सामाजिक विकास में कवियों की ऐसी निर्णायक भूमिका नहीं रही। इसलिए वे भारत का मुकाबला नहीं कर सकते।

प्रश्न 5. साहित्य सापेक्ष रूप से स्वाधीन क्यों होता है ? [ 2018C

उत्तर- साहित्य सापेक्ष रूप में स्वाधीन होता है। इस मत को प्रमाणित करने के लिए लेखक ने अमेरिका तथा एथेन्स की गुलामी के विषय में अपना विचार प्रकट किया है । लेखक का कहना है कि गुलामी अमेरिका में थी तथा गुलामी एथेन्स में भी थी । लेकिन, एथेन्स की सभ्यता ने सारे यूरोप को प्रभावित किया । लेकिन, अमेरिकी मालिकों ने मानव संस्कृति को कुछ भी नहीं दिया। सामन्तवाद सारे संसार में कायम था। किंतु सामंती दुनिया में महान कविता के केन्द्र भारत तथा ईरान थे ।

पूँजीवादी विकास यूरोप में हुआ। लेकिन, रैफेल, लेओनार्दो दा विंची और माइकल ऐंजेलो इटली की देन है । यही कारण है कि द्वन्द्वात्मक भौतिकवाद मनुष्य की चेतना को आर्थिक संबंधों से प्रभावित मानते हुए उसकी सापेक्ष स्वाधीनता स्वीकार करता है। उनका मानना है कि न तो मनुष्य परिस्थितियों का नियामक है और न ही परिस्थितियाँ मनुष्य के नियामक है।

प्रश्न 6. राजनीतिक मूल्यों से साहित्य के मूल्य अधिक स्थायी कैसे होते हैं ? परम्परा का मूल्यांकन शीर्षक पाठ के अनुसार उत्तर लिखें।। [2022AIL

उत्तर- राजनीतिक मूल्य राज्यों और परिस्थितियों के अनुसार बदलते रहते हैं क्योंकि राजनीति में घात-प्रतिघात चलते रहते हैं। घात-प्रतिघात सामाजिक मूल्यों के भी होते हैं। किन्तु, इन दोनों मूल्यों की गूँज में अन्तर होता है। राजनीतिक मूल्य सम्पूर्ण समाज को एकरूप में प्रभावित नहीं करता जबकि सहित्यिक मूल्य व्यापक रूप में अपना प्रभाव डालता है।

इस सम्बन्ध में, लेखक ने कवि टेनीसन, शेक्सपीयर, मिल्टन तथा शैली के काव्यों का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए लिखा है कि टेनीसन ने लैटिन कवि वर्जिल पर एक बड़ी अच्छी कविता लिखी थीं। इसमें उन्होंने लिखा है कि रोमन साम्राज्य का वैभव समाप्त हो गया। परन्तु, वर्जिल के काव्य सागर की ध्वनि तरंगें हमें अभी सुनाई देती हैं और हृदय को अद्भूत आनन्द प्रदान करती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :

प्रश्न 1. परंपरा का मूल्यांकन निबंध का समापन करते हुए लेखक कैसा स्वप्न देखता है? उसे साकार करने में परम्परा की क्या भूमिका हो सकती है ? विचार करें। [2018AII

उत्तर- निबन्ध के अन्त में, लेखक भारत में अधिक से अधिक लोगों के साक्षर होने का स्वप्न देखता है ताकि अधिक से अधिक नए पाठक उत्पन्न होंगे और देश, काल तथा रचना की सीमा के परे सभी भाषाओं का अध्ययन करेंगे। तब विभिन्न भाषाओं में रचना हमारा साहित्य सारे देश की सम्पत्ति बनेगा और साहित्य की गौरवशाली परम्परा का नवीन योगदान होगा।

प्रश्न 2. किस तरह समाजवाद हमारी राष्ट्रीय आवश्यकता है ? इस प्रसंग में लेखक के विचारों पर प्रकाश डालें। [2021AII]

उत्तर-भारत एक विशाल गणतांत्रिक देश है। इसमें विपुल प्राकृतिक संसाधन की क्षमता है। पूँजीवादी व्यवस्था इन प्राकृतिक संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं कर सकती क्योंकि पूँजीवादी व्यवस्था में शक्ति का इतना अपव्यय होता है कि उसका कोई हिसाब न रहता। समाजवादी व्यवस्था ही विशाल भारत की विशाल प्राकृतिक सम्पदा का सही उपयोग कर सकती है। गुलामी की अवस्था में भारत का विकास अवरूद्ध हो गया था। अतः देश के त्वरित और तीव्र विकास के लिए भारत में समाजवाद आवश्यक है।

Hindi Chapter 7 परम्परा का मूल्यांकन Subjective 

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हिन्दी Class 10 Subjective

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S.N CLASS 10TH HINDI गोधुली (हिन्दी) गद्य खंड OBJECTIVE 2025
1 श्रम – विभाजन और जाति – प्रथा Click Here 
2 विष के दाँत Click Here
3 भारत से हम क्या सीखें Click Here
4 नाखून क्यों बढते हैं Click Here
5 नागरी लिपि Click Here
6 बहादुर Click Here
7 परम्परा का मूल्यांकन Click Here
8 जित – जित मैं निरखत हूँ Click Here
9 आविन्यो Click Here
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