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Bihar Board 10th Hindi Subjective Question Answer 2023
Bihar Board 10th Hindi Subjective Question Answer 2023 :- भारत से हम क्या सीखें [ 10वीं हिन्दी ] Bihar Board Class 10th Hindi Question Answer 2023 Class 10th Hindi Subjective Question 2023, Bhart Se Hum Kya Sikhe Subjective Question 2023, Bihar Board Class 10th Hindi Subjective Question 2023, 10th Hindi Subjective Question 2023, DLS Education, Mantu Sir, Matric Hindi Subjective Question 2023 in HIndi,
भारत से हम क्या सीखें
प्रश्न 1. भारत को पहचान सकने वाली दृष्टि की आवश्यकता किनके लिए वांछनीय है और क्यों ?
उत्तर:- भारत को पहचान सकनेवाली दृष्टि की आवश्यकता यूरोपियन लोगों के लिए वांछनीय है, क्योंकि भारत ऐसी अनेक समस्याओं से भरपूर है जिनका समाधान होने पर यूरोपियन लोगों की अनेक समस्याओं का निदान संभव है।
प्रश्न 2. लेखन ने किन विशेष क्षेत्रों में अभिरुचि रखने वालों के लिए भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक बताया है ?
उत्तर:- लेखक ने बताया है कि जिन्हें भू-विज्ञान में, वनस्पति जगत में, जीवों के अध्ययन में, पुरातत्त्व के ज्ञान में एवं नीतिशास्त्र जैसे विषयों में विशेष अभिरुचि है उन्हें भारत का प्रत्यक्ष ज्ञान आवश्यक है।
प्रश्न 3. लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन कहाँ हो सकते हैं और क्यों ?
उत्तर:- लेखक की दृष्टि में सच्चे भारत के दर्शन भारतीय ग्रामीण जीवन में हो सकते हैं। भारतीय ग्राम्य संस्कृति में सच्चा भारत निहित है। क्योंकि सच्चाई, प्रेम, करुणा, सहयोग की भावना ग्रामीणों में कूट-कूट कर भरा होता है।
प्रश्न 4. भारत की ग्राम पंचायतों को किस अर्थ में और किनके लिए लेखक ने महत्त्वपूर्ण बतलाया है ? स्पष्ट करें।
उत्तर:- प्राचीन स्थानीय शासन प्रणाली या पंचायत-प्रथा को समझने-समझाने का बहुत बड़ा क्षेत्र भारतीय ग्राम पंचायत में विद्यमान है। जिन लोगों को अत्यंत सरल राजनैतिक इकाइयों के निर्माण और विकास से सम्बद्ध प्राचीनयुगीन कानून के पुरातन रूपों के विषय में हुए अनुसंधान की महत्ता को समझने की क्षमता प्राप्त करनी है, उनके लिए भारत की ग्राम पंचायतों को लेखक ने महत्त्वपूर्ण बताया है।
प्रश्न 5. लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स से संबंधित किस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना का हवाला दिया है और क्यों ?
उत्तर:- लेखक ने वारेन हेस्टिंग्स द्वारा 172 दारिस नामक सोने के सिक्के इस्ट इंडिया कंपनी के निदेशक मंडल की सेवा में भेजे जाने पर कम्पनी के मालिक द्वारा उसका महत्त्व नहीं समझना एवं मुद्राओं को गला देना दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना कहा है।क्योंकि, वह एक धरोहर था, अन्वेषण का विषय था ।
प्रश्न 6. भारत के साथ यूरोप के व्यापारिक संबंध के प्राचीन प्रमाण लेखक ने क्या दिखाए हैं ?
उत्तर:- लेखक के अनुसार सोलोमन के समय में ही भारत, सीरिया और फिलीस्तीन के मध्य आवागमन के साधन सुलभ हो चुके थे । साथ ही इन देशों के व्यापारिक अध्ययन के आधार पर प्रमाणित होता है कि हाथी-दाँत, बन्दर, मोर और चन्दन आदि जिन वस्तुओं के ओफिर से निर्यात की बात बाइबिल में कही गयी है, वे वस्तुएँ भारत के सिवा किसी अन्य देश से नहीं लाई जा सकती।
प्रश्न 7. भारत किस तरह अतीत और सुदूर भविष्य को जोड़ता है ? अस्पष्ट करें
उत्तर:- भारत अतीत और भविष्य को जोड़ता है। यहाँ मानवीय जीवन का प्राचीनतम ज्ञान विद्यमान है। यहाँ की भूमि प्राचीन इतिहास से जुड़ी रही है । यहाँ की संस्कृत भाषा के द्वारा विश्व को चिंतन की ऐसी धारा में अवगाहन का अवसर मिलता है जो अभी तक अज्ञात थी । अतः यह बीते हुए काल और आने वाले समय के लिए सेतु के रूप में मान्य है।
प्रश्न 8. मैक्समूलर ने संस्कृत की कौन–सी विशेषताएँ और महत्त्व बतलाए हैं ?
उत्तर:- मैक्समूलर के अनुसार संस्कृत की पहली विशेषता इसकी प्राचीनता है। इसके वर्तमान रूप में भी अत्यन्त प्राचीन तत्त्व भलीभाँति सुरक्षित है । संस्कृत की मदद से, ग्रीक-लैटिन, गॉथिक और एंग्लो-सैक्सन जैसी ट्यूटानिक भाषाओं केल्टिक तथा स्लाव भाषाओं में विद्यमान समानता की समस्या को आसानी से हल किया जा सका।
प्रश्न 9. संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से पाश्चात्य जगत् को प्रमुख लाभु क्या–क्या हुए ?
उत्तर:- संस्कृत और दूसरी भारतीय भाषाओं के अध्ययन से मानव जाति के बारे में पाश्चात्य जगत के विचार व्यापक और उदार बने हैं। लाखों-करोडों अजनबियों तथा बर्बर समझे जानेवाले लोगों को भी अपने परिवार के सदस्य की भाँति गले लगाने की संस्कृति का विकास हुआ । इसके अध्ययन ने मानव-जाति के सम्पूर्ण इतिहास को एक वास्तविक रूप में प्रकट कर दिखाया, जो पहले नहीं हो पाया था। इसके अध्ययन से पाश्चात्य जगत में विश्व के प्राचीनतम अवस्था का ज्ञान प्राप्त किया जा
सका।
प्रश्न 10. समस्त भूमंडल में सर्वविद सम्पदा और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण देश भारत है । लेखक ने ऐसा क्यों कहा है ?
उत्तर:- भारत ऐसा देश है, जहाँ मानव मस्तिष्क की उत्कृष्टतम उपलब्धियाँ का सर्वप्रथम साक्षात्कार हुआ है । यहाँ जीवन की बड़ी-से-बड़ी समस्याओं के ऐसे समाधान ढूंढ निकाले गये हैं जो विश्व के दार्शनिकों के लिए चिन्तन का विषय है। यहाँ जीवन को सुखद बनाने के लिए उपयुक्त ज्ञान एवं वातावरण का सान्निध्य मिलता है जो भूमंडल में अन्यत्र नहीं है।
प्रश्न 11. लेखक ने नया सिकंदर किसे कहा है? ऐसा कहना क्या उचित है ? लेखक का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:- लेखक ने नया सिकंदर भारत को समझन, जानन एवं सम्पूण लाभ प्राप्त करने हेतु भारत आनेवाले नवागंतुक अन्वेषकों, पर्यटकों एवं अधिकारियों को कहा है। उसी प्रकार आज भी भारतीयता को निकट से जानने के नवीन स्वप्नदशी को आज का सिकंदर कहना अतिशयोक्ति नहीं है, यह उचित है।
प्रश्न 12. धर्मों की दृष्टि से भारत का क्या महत्त्व है? अथवा, धर्म की दृष्टि से भारत का क्या महत्त्व है? भारत से हम क्या सीखें’ पाठ के आधार पर बतायें।
उत्तर:- भारत प्राचीन काल से ही धार्मिक विकास का केन्द्र रहा है। यहाँ धर्म के वास्तविक उद्भव, उसके प्राकृतिक विकास तथा उसके अपरिहार्य झीयमा रूप का प्रत्यक्ष परिचय मिलता है। भारत वैदिक धर्म की भूमि है, बौद्ध धर्म की यह जन्मभूमि है, पारसियों के जरथुस्त्र धर्म की यह शरण-स्थली है। आज भी यहाँ नित्य नये मत-मतान्तर प्रकट एवं विकसित होते रहते हैं। इस तरह से भारत धार्मिक क्षेत्र में विश्व को आलोकित करनेवाला एक महत्त्वपूर्ण देश है।
प्रश्न 13. लेखक ने नीति कथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है ?
उत्तर:- लेखक ने बताया है कि नीति कथाओं के अध्ययन-क्षेत्र में नवजीवन का संचार हुआ है। समय-समय पर विविध साधनों और मार्गों द्वारा अनेक नीति कथाएँ पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित रही हैं।
प्रश्न 14. लेखक वास्तविक इतिहास किसे मानता है और क्यों ?
उत्तर:- लेखक किसी विषय के भूल उद्गम-स्रोत तक पहुँचने को उसका वास्तविक इतिहास मानता है। क्योंकि, वहीं से उस विषय की मौलिकता, उसका विकास तथा उसकी शाखाओं, प्रशाखाओं तथा जीवन-मूल्य ज्ञात होता है तथा उसका अध्ययन फलदायी होता है।
प्रश्न 15. लेखक ने नीति कथाओं के क्षेत्र में किस तरह भारतीय अवदान को रेखांकित किया है ?
उत्तर:- लेखक ने बताया है कि नीति कथाओं के अध्ययन-क्षेत्र में नवजीवन का संचार हुआ है। समय-समय पर विविध साधनों और मार्गों द्वारा अनेक नीति कथाएँ पूर्व से पश्चिम की ओर प्रवाहित रही हैं। भारत में प्रचलित कहावतों और दन्तकथाओं का प्रमुख स्रोत बौद्ध धर्म को माना जाने लगा है, किन्तु इसमें निहित समस्याएँ समाधान की प्रतीक्षा में हैं। लेखक ने एक उदाहरण देकर बताया है कि ‘शेर की खाल में गदहा’ वाली कहावत सबसे पहले यूनानी दार्शनिक प्लेटो के क्रटिलस में मिलती है। इसी तरह संस्कृत की एक कथा यूनान के एक नीति कथा से मिलती है अर्थात् भारतीय नीति कथाएँ यूनान से कैसे जुड़ी यह एक शोध का विषय है ।
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