Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः | पीयूषम् भाग 2 | Bihar Board Sanskrit Subjective Question 2025

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जिसमें लघु उत्तरीय, दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Short And Long Question Answer) शामिल हैइन प्रश्नों की मदद से अब आप परीक्षा में सभी सब्जेक्टिव प्रश्नों (Subjective Questions) के जवाब बड़े आसानी से दे पाएंगे प्रश्नों के साथ उनके उत्तर भी आपको मिल जाएंगे आप लोग के लिए चैप्टर वाइज सब्जेक्टिव प्रश्न मुहैया कराया जा रहा हैआपको बता दे की महत्वपूर्ण प्रश्नों (important questions) के इस सेट की मदद से परीक्षा में 30 से 40 अंक का प्राप्त कर पाएंगे अगर अपने सभी चेप्टर के मॉडल (Model Set 2025) सेट की तैयारी कर ली आपने तो

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Class 10 Subjective Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः

भारत के कुछ मुख्य शास्त्र कार्य के वर्णन आपको इस पाठ के अंदर मिलती है की शिक्षा देने वालेशास्त्रकी जानकारी और शास्त्र मनुष्य को किन चीजों से बांधता है यह आपको पढ़ने को मिलता है वेद कितने हैंऔर भारतीय दर्शन शास्त्र एवं उनके प्रवर्तकों की चर्चा आपको इस पाठ के अंतर्गत मिलती है आयुर्वेद उप प्रमुख ग्रंथ कौन-कौन से हैं इस पाठ के अंदर मिलता है आपको जानना इस पाठ से परीक्षा में एक या दो प्रश्न पूछे जातेहैं

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. भारतीय शास्त्र कारों का परिचय दें l

उत्तर – आयुर्वेद में चरक संहिता सुषुप्त संहिता आदि शस्त्र का विश्व प्रसिद्ध है खगोल ज्ञान में आर्यभट्ट बड़ा हमीरा प्रसिद्ध है बताया भारद्वाज गौतम वरिष्ठ आदि ऋषियों ने शास्त्रों की रचना की है तथा पाणिनि कृतज्ञ व्याकरण विश्व प्रसिद्ध है

प्रश्न 2. ‘शास्त्रकारा:’ पाठ में प्रश्नोत्तर शैली अपनाने से हमें क्याशिक्षा मिलती है ?[2012C1

उत्तर-‘शास्त्रकारा:’ पाठ में प्रश्नोत्तर शैली अपनाने से हमें यह शिक्षा मिलती है कि शास्त्रों का ज्ञान करना कठिन है, किन्तु उसका ज्ञान मनोरंजन द्वारा हल और शीघ्र हो जाता है। प्रश्नोत्तर शैली में प्रश्न और उत्तर सहित सहज भावमें होते हैं। इस पाठ में प्राचीन शास्त्रों का ज्ञान शास्त्र की परिभाषा, भारतीय वैज्ञानिक का वर्णन, दर्शन शास्त्रों तथा व्याकरण के प्रवर्तकों की जानकारी इस शैली में छात्रों को आसानी से होती है।

प्रश्न 3. विज्ञान की शिक्षा देनेवाले शास्त्र का परिचय दें। 1 [2012C]

उत्तर– प्राचीन भारत में विज्ञान की विभिन्न शाखाओं की पुस्तकों की रचना हुई। आयुर्वेदशास्त्र में चरक संहिता और सुश्रुत तो शास्त्रकार के नाम से ही प्रसिद्धहै। वही रसायन विज्ञान और भौतिक विज्ञान अन्तर्भुत हैं। ज्योतिश शास्त्र में खगोल विज्ञान, गणित इत्यादि शास्त्र हैं। आर्यभट्ट की पुस्तक आर्यभट्टीयम् नामसे विख्यात है। वास्तुशास्त्र भी यहाँ व्यापक शास्त्र है । कृषि विज्ञान पराशर केद्वारा रचित है।

प्रश्न 4. शास्त्र मनुष्यों को किन-किन चीजों का बोध कराता है ?[2013A, 2014AT |

उत्तर- शास्त्र मनुष्यों को काव्य और अकर्तव्य का बोध कराता है। कृत्रिम शास्त्र अर्थात् ऋषियों द्वारा लिखे गए शास्त्र तथा वेद स्वरूप शास्त्र अर्थात् ईश्वर-प्रदत्त शास्त्र का भी बोध कराता है । ‘रामायण’ कृत्रिम शास्त्र तथा ‘वेद’ वेद स्वरूप शास्त्र है। इसके अतिरिक्त शास्त्र वेदाङ्ग तथा दर्शन एवं वैज्ञानिक शास्त्रों का भी बोध कराता है।

प्रश्न 5. वेदाङ्ग कितने है ? उनके प्रवर्तकों एवं शास्त्रों के नाम लिखें।[2013A, 2014A, 2015C, 2021AII]

अथवा, वेदाङ्ग के नाम लिखें। [2018AII, 2019AI, 2020AII]

अथवा, ‘वेदाङ्ग’ संख्या में कितने हैं ?[2018C, 2019AII]

उत्तर-वेदाङ्ग छ: हैं-शिक्षा, कल्प, व्याकरण, निरुक्त, छन्द एवं ज्योतिष ।शिक्षा उच्चारण प्रक्रिया का बोध कराता है। इसके प्रवर्तक पाणिनी है। कल्प अंग में सूत्रात्मक कर्मकाण्ड ग्रन्थ है, जिसके प्रवर्तक बौधायन, भारद्वाज, गौतम, वशिष्टआदि ऋषि है। निरुक्त वेद अर्थ का बोध कराता है, इसके प्रवर्तक यास्क है । छन्द अङ्ग सूत्र ग्रन्थ हैं, जिसके प्रवर्तक पिङ्गल हैं तथा ज्योतिष अङ्ग के प्रवर्तक लगधर ऋषि हैं।

प्रश्न 6. वेद कितने हैं ? सभी के नाम लिखें।[2014C]

उत्तर-वेद चार हैं, इनके नाम इस प्रकार से हैं-ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद,यजुर्वेद ।

प्रश्न 7. शास्त्रकाराः पाठ के आधार पर संस्कृत की विशेषता बताएँ ।[2016AI]

उत्तर– संस्कृत ज्ञान का समुद्र है। यह देववाणी है। यह कर्त्तव्य औरअकर्त्तव्य की शिक्षा देती है । वेदांत भी संस्कृत रूप है। योगदर्शन, न्यायदर्शन,मीमांसादर्शन आदि सभी संस्कृत की व्यापकता ही है । आर्यभट्टीय विज्ञान,गणित की पृष्ठभूमि है । भारतीय शास्त्रकार प्रायः संस्कृत में ही लिखित है

8. ‘शास्त्रकारा:’ पाठ के आधार पर शास्त्र की परिभाषा अपनेशब्दों में लिखें।[2017AU]

अथवा, गुरु के द्वारा शास्त्र का क्या लक्ष्य बताया गया है ? [2019A1]

अथवा, शास्त्र क्या है ?[2023AI]

उत्तर– शास्त्र ज्ञान का शासक है। वह मनुष्यों के कर्त्तव्य एवं अकर्त्तव्य विषयों की शिक्षा देता है। शास्त्र ही इस समय अध्ययन का विषय कहा जाता है।पाश्चात्य देशों में इसे अनुशासन भी कहा जाता है। इस प्रकार, आसक्ति अथवाविरक्ति, नित्य अथवा कृत्रिम की शिक्षा मनुष्यों को जिससे दिया जाता है, वहशास्त्र है ।

प्रश्न 9. ज्योतिष शास्त्र के अन्तर्गत कौन-कौन शास्त्र है तथा उनके[]प्रमुख ग्रन्थ कौन से हैं ?2018AI

उत्तर– ज्योतिष शास्त्र के अन्तर्गत खगोल विज्ञान, गणित इत्यादि शास्त्र है। उनके प्रमुख ग्रंथ आर्यभट्ट रचित ‘आर्यमहिमा’ और वराहमिहिर रचित वृहत्संहिता आदि है।

प्रश्न 10. कल्प ग्रन्थों के प्रमुख रचनाकारों का नामोल्लेख करें।[ 2018AII, 2019AI]

उत्तर-कल्प ग्रन्थों के प्रमुख रचनाकार बोधायन, भारद्वाज, गौतम, वशिष्ठ,आदि ऋषि है।

प्रश्न 11. शास्त्रकाराः पाठ में वर्णित वैज्ञानिक शास्त्रों पर प्रकाश[2019AI1, 2021AII) अथवा, भारतीय वैज्ञानिक शास्त्रकारों की संक्षेप में करें।12012C)

उत्तर- प्राचीन भारत में अनेक वैज्ञानिक ऋषि थे। जिन्होंने विज्ञान सम्बन्धी रचनाएँ लिखीं। आयुर्वेद शास्त्र में चरक विरचित ‘चरक संहिता’ एवं सुश्रुत  संहिता’ अति प्रसिद्ध है। इनमें रसायन विज्ञान एवं भौतिक विज्ञान का भी वर्णन है। आर्यभट्ट का आर्यभट्टीय अति प्रसिद्ध ग्रन्थ है जिसमें अनेक विषयों का वर्णन है । कृषि विज्ञान के रचयिता महर्षि पराशर है। इसमें वैज्ञानिक कृषिका वर्णन है। इस प्रकार भारतीय वैज्ञानिक शास्त्रकार किसी भी क्षेत्र में अन्य देशोंसे कम नहीं है।

प्रश्न 12. भारतीय दर्शनशास्त्र एवं उनके प्रवर्तकों की चर्चा करें।12020A1)

उत्तर– सांख्य दर्शन के संस्थापक कपिल, योग-दर्शन के पतंजलि, न्यायदर्शन के गौतम, वैशेषिक दर्शन के कणाद ऋषि, मीमांसा दर्शन के जैमिनी और वेदान्त दर्शन के संस्थापक वादायण है।

प्रश्न 13. आयुर्वेद के प्रमुख ग्रन्थ कौन-कौन है ? [2021AI, 2023AII]

उत्तर– आयुर्वेद शास्त्र के प्रमुख दो चिकित्सकों चरक और सुश्रुत के द्वाराआयुर्वेद शास्त्र में चरकसंहिता और सुश्रुत संहिता प्रमुख ग्रन्थ है ।

Sanskrit Chapter 14 शास्त्रकाराः Class 10

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शास्त्रकाराः Class 10 Subjective

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S.N संस्कृत | Class 10 Sanskrit Chapters objective and Links
1 मङ्गलम् Click Here
2 पाटलिपुत्रवैभवम् Click Here
3 अलसकथा Click Here
4 संस्कृतसाहित्ये लेखिकाः Click Here
5 भारतमहिमा Click Here
6 भारतीयसंस्काराः Click Here
7 नीतिश्लोकाः Click Here
8 कर्मवीरकथा Click Here
9 स्वामी दयानन्दः Click Here
10 मन्दाकिनीवर्णनम् Click Here
11 व्याघ्रपथिककथा Click Here
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