20 March 9th Hindi Question Paper : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा कक्षा 9वीं का वार्षिक परीक्षा 2025 (Class 9th Annual Exam 2025) का आयोजन बोर्ड के द्वारा दिनांक 20 मार्च से किया जा रहा है। बोर्ड के द्वारा परीक्षा दो पालियों में आयोजिक किया जा रहा है ।

जिसमें प्रथम पाली सुबह में 9 : 30 से और दूसरी पाली दोपहर में 2 बजे से हो रहा है । बोर्ड के द्वारा 20 मार्च को सुबह में हिंदी विषय और दोपहर में सामाजिक विज्ञान के परीक्षा का आयोजन होना हैं। 9th Hindi Answer Key 20 March
आज के इस लेख में हिंदी विषय के परीक्षा का बिलकुल सही सही उत्तर साझा किया हुआ है । जिसके माध्यम से आप सभी अपना उत्तर मिला सकते है ।
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9th Hindi Answer Key 20 March : Overview
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा कक्षा 9वींके वार्षिक परीक्षा का आयोजन स्कूल स्तर पर हो रहा है
बोर्ड द्वारा आयोजिक यह परीक्षा वार्षिक परीक्षा यानी कि (Bihar Board Class 9th Annual Exam) हैं। जिसमें हिन्दी विषय के प्रथम पाली 20 मार्च सुबह 9 बजे से 12 : 45 तक होनी है

20 March 9th Hindi Question Paper : Exam pattern
Board Name | Bihar Board (BSEB) |
Class | 9th |
Exam Date | 1st Shift |
Types of Questions | Subjective and objective |
DOWNLOAD ANSWER IN PDF | DOWNLOAD |
Class 9th Final Exam question paper कैसा है प्रश्न पत्र का पैटर्न
जानकारी के लिए बता दें की आप सभी के (Class 9th Hindi Final Exam 2024) में कुल 100 अंक का प्रश्न पत्र पूछा गया है । जिसके दो तरह कर प्रश्न पूछा गया है। ऑब्जेक्टिव प्रश्न और सब्जेटिव प्रश्न (20 March 9th Hindi Exam Answer Key)
परीक्षा में पूछे गए कुल 100 वस्तुनिष्ठ प्रश्नों में से केवल किसी भी 50 प्रश्नों को ही हल करना है । और विषयनिष्ठ प्रश्न में भी केवल आधे प्रश्न का उत्तर देना है।
नीचे टेबल के माध्यम से ऑब्जेक्टिव प्रश्न का उत्तर दिया हुआ है। जिसे आप देख सकते है और PDF के रूप में डाउनलोड कर सकते है।
9th Hindi Answer Key Download (Objective & Sub)
1.A | 11.A | 21.C | 31.B | 41.B |
2.C | 12.B | 22.A | 32.A | 42.A |
3.D | 13.C | 23.B | 33.B | 43.C |
4.D | 14.B | 24.B | 34.B | 44.D |
5.A | 15.B | 25.B | 35.A | 45.C |
6.C | 16.D | 26.A | 36.B | 46.A |
7.A | 17.A | 27.C | 37.B | 47.D |
8.B | 18.D | 28.B | 38.C | 48.B |
9.C | 19.C | 29.D | 39.A | 49.A |
10.D | 20.D | 30.D | 40.D | 50.D |
51.B | 61. | 71. | 81. | 91. |
52.A | 62. | 72. | 82. | 92. |
53.D | 63. | 73. | 83. | 93. |
54.C | 64. | 74. | 84. | 94. |
55.A | 65. | 75. | 85. | 95. |
56.A | 66. | 76. | 86. | 96. |
57.D | 67. | 77. | 87. | 97. |
58.B | 68. | 78. | 88. | 98. |
59.A | 69. | 79. | 89. | 99. |
60. | 70. | 80. | 90. | 100. |
SUBJECTIVE ANSWER
4. परोपकार पर निबंध
परोपकार मानवता का सबसे महान गुण है। यह वह कार्य है, जो हम बिना किसी स्वार्थ के दूसरों के भले के लिए करते हैं। परोपकार का उद्देश्य केवल किसी एक व्यक्ति की मदद करना नहीं है, बल्कि यह समाज में सामूहिक भलाई की भावना को बढ़ावा देना है। यह हमें सिखाता है कि जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य केवल स्वयं के लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी जीना है। परोपकार केवल एक अच्छाई नहीं है, बल्कि यह समाज में समरसता और भाईचारे की भावना को उत्पन्न करता है।
परोपकार का मतलब सिर्फ धन या भौतिक संसाधनों का वितरण नहीं होता। यह किसी की सहायता करने, उसके दुःख में साथ देने या उसकी खुशियों में भागीदार बनने के रूप में भी हो सकता है। जब हम किसी की मदद करते हैं, तो हम न केवल उसकी स्थिति को बेहतर बनाते हैं, बल्कि हमारे अपने जीवन को भी मूल्यवान बनाते हैं। परोपकार से हमारी आत्मा को शांति मिलती है, और हम अपने जीवन में एक उद्देश्य महसूस करते हैं।
इतिहास में कई महान व्यक्तित्वों ने परोपकार के उदाहरण प्रस्तुत किए हैं। महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, और रवींद्रनाथ ठाकुर जैसे महान लोग हमेशा दूसरों की भलाई के लिए समर्पित रहे। गांधीजी ने अपने जीवन का अधिकांश समय गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा में लगाया। उनके विचारों से यह साफ होता है कि परोपकार समाज की प्रगति के लिए अत्यंत आवश्यक है।
आजकल के प्रतिस्पर्धात्मक युग में जहां हर व्यक्ति अपने स्वार्थ में डूबा रहता है, वहाँ परोपकार का महत्व और भी बढ़ जाता है। हालांकि आज के समय में परोपकार के लिए धन की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि हम किसी का हौंसला बढ़ाकर, समय दे कर या प्यार और स्नेह से भी किसी का भला कर सकते हैं। कभी-कभी एक मुस्कान या एक अच्छा शब्द भी किसी की पूरी दिनचर्या को सकारात्मक दिशा दे सकता है।
परोपकार के कई रूप हो सकते हैं। यह किसी गरीब को खाना खिलाने, किसी असहाय व्यक्ति को इलाज कराने, बच्चों को शिक्षा देने, या समाज के पिछड़े वर्गों के लिए काम करने के रूप में हो सकता है। परोपकार सिर्फ धन से नहीं, बल्कि अपने वक्त और संसाधनों से भी किया जा सकता है। एक अच्छा नागरिक बनने के लिए हमें परोपकार की भावना को अपनाना चाहिए।
इसके अतिरिक्त, परोपकार का एक और पहलू यह है कि यह हमारी मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। जब हम दूसरों की मदद करते हैं, तो हमें मानसिक संतोष मिलता है, जो हमारी भलाई के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। वैज्ञानिकों ने यह साबित किया है कि परोपकार से हमारी जीवनशक्ति में वृद्धि होती है और हम मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं।
अंत में, यह कहा जा सकता है कि परोपकार केवल एक नैतिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह मानवता की सबसे बड़ी ताकत है। हमें परोपकार को अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए और दूसरों की मदद करने की भावना को हर कदम पर जागृत रखना चाहिए। परोपकार से समाज में शांति और सद्भाव बढ़ता है, और यह हमें अपने अस्तित्व का असली उद्देश्य समझने में मदद करता है।
अथवा. ध्वनि प्रदूषण की समस्या को केन्द्र में रखते हुए दो मित्रों के बीच संवाद लिखें।
उत्तर – अंकित : क्या हुआ रमेश, तुम उदास क्यों हो?
रमेश : अंकित, मेरी माँ की हालत ठीक नहीं है।
अंकित : क्या हुआ उन्हें?
रमेश : हमारे शहर में इतना प्रदूषण हो गया है जिसकी वजह से माँ आज अस्पताल में भर्ती हैं।
अंकित : उनको तो सांस की बीमारी है ना?
रमेश : हाँ मित्र, शहर की जहरीली गैस ने माँ के शरीर में ऐसा घर कर लिया कि उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
अंकित : हम छात्रों को प्रदूषण की समस्या का ठोस निदान निकालने के लिए सड़कों पर उतरना होगा, आंदोलन करना होगा। तभी लगता है सरकार जागेगी और शहर को प्रदूषण से मुक्ति मिल पाएगी।
रमेश : ठीक कहते हो मित्र। 9th Hindi Answer Key Download
5. निम्नलिखित में से किसी पांच प्रश्न के उत्तर दें
Q. लाल पान की बेगम’ शीर्षक कहानी के कहानीकार कौन हैं ? इस कहानी के प्रमुख हात्रों के नाम लिखें
उत्तर : – ‘लाल पान की बेगम’ शीर्षक कहानी के कहानीकार फणीश्वरनाथ रेणु हैं और इस कहानी के प्रमुख पात्र हैं बिरजू की माँ, जिसे कहानी में ‘लाल पान की बेगम’ कहा गया है, बिरजू, बिरजू के पिता, मखनी बुआ, जंगी की पूतोहू आदि.
(Q) मुंशीजी किस कहानी के पात्र हैं एवं उनकी पुत्री का नाम क्या था ?
उत्तर : – लेखक के गांव के पास ही एक छोटा सा गांव है उसी गांव में एक बूढे मुंशीजी, रहते हैं उनकी एक पुत्री थी जिसका नाम था । ( भगजोगनी) मुंशी जी के बड़े भाई दरोगा थे, और दरोगा जी ने खूब रुपया कमाया था। दरोगा जी जो कमाई से अपनी जिंदगी में ही फूक कर ताप गए, उनके मरने के बाद सिर्फ एक घोड़ी बची थी।
(Q) कवि मंझन ने सच्चे प्रेम की दया कसौटी बताई है ? ?
उत्तर : – कवि ने सच्चे प्रेमी की कसौटी यह बताई है कि उसका मन विकारों से दूर, निर्मल तथा पवित्र होता है। उससे मिलने मात्र से ही मन की सारी दुर्भावनाएं समाप्त हो जाती है तथा हमारे सारे पाप कर्म पुण्य में परिवर्तित हो जाते हैं ।
(घ) रैदास ने अपने ईश्वर को सगे-संबंधियों से बुलाया है?
उत्तर : – रैदास ने अपने ईश्वर को जिन नामों से पुकारा, उनका उल्लेख संदर्भ में नहीं किया गया है।
(च) कवि लीलाधर जगूड़ी ने क्यों दुखी होकर न रहने की बात कही है?
उत्तर : – कवि लीलाधर जगूड़ी ने दुखी न होने का निर्णय क्यों लिया, इसका उल्लेख संदर्भ में नहीं किया गया है।
निष्कर्ष
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