10th Social Science vvi Subjective Question 2023 विष के दाँत कक्षा [ 10वीं हिन्दी ]

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10th Social Science vvi Subjective Question 2023

10th Social Science vvi Subjective Question 2023 :- विष के दाँत कक्षा [ 10वीं हिन्दी ] Bihar Board Class 10th Question Answer 2023Class 10th Hindi Subjective Question 2023, Vish Ke Tant Subjective Question 2023, Bihar Board Class 10th Hindi Subjective Question 2023, 10th Hindi Subjective Question 2023, DLS Education, Mantu Sir, Matric Hindi Subjective Question 2023 in HIndi,
 विष के दाँत
 

प्रश्न 1. विष के दाँत शीर्षक कहानी का नायक कौन है ? तर्कपूर्ण उत्तर दें

उत्तर :- विष के ‘दाँत’ कहानी में मदन ऐसा पात्र है जो अहंकारी के अहंकार को नहीं सहन करता है बल्कि उसका स्वाभिमान जाग्रत होता है और वह ‘खोखा’ जैसे बालक को ठोकर देकर वर्षों से दबे अपने पिता की आँखें भी खोल देता है। सम्पूर्ण कहानी में मदन की क्रांतिकारी भूमिका है। अतः इसका नायक मदन है।

प्रश्न 2. खोखा किन मामलों में अपवाद था ?

उत्तर :- सेन साहब एक अमीर आदमी थे । खोखा उनके बुढापे की आँखों का तारा था। इसीलिए मिसेज सेन ने उसे काफी छूट दे रखी थी । खोखा जीवन के नियम का जैसे अपवाद था और इसलिए यह भी स्वाभाविक था कि वह घर के नियमों का भी अपवाद था।

प्रश्न 3. ‘विष के दाँतशीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए।

उत्तर :- ‘विष के दाँत’ शीर्षक महल और झोपड़ी की लड़ाई की कहानी है। मदन द्वारा पिटे जाने पर खोखा के जो दाँत टूट जाते हैं वे अमीरों की प्रदर्शन-प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार के विरुद्ध एक चेतावनी है, सशक्त विद्रोह है। यहीं। इस कहानी का लक्ष्य है। अत: निसंदेह कहा जा सकता है कि ‘विष के दाँत’ इस दृष्टि से बड़ा ही सार्थक शीर्षक है। अमीरों के विष के दाँत तोड़कर मदन ने जिस उत्साह, ओज और आग का परिचय दिया है वह समाज के जाने कितने गिरधर लालों के लिए गर्वोल्लास की बात है । इसमें लेखक द्वारा दिया गया संदेश मार्मिक बन पड़ा है।

प्रश्न 4. काशू का चरितचित्रण करें।

उत्तर :- काशू समृद्ध पिता का शोख लडका है। माता-पिता और बहनों को अतिशय प्रेम पाकर उसके स्वभाव में एक प्रकार का दुराग्रह व्याप्त हो गया है। वह जिद्दी स्वभाव का है, उसके मन में जो आता है, वही करता है। उसमें अहंकारवृत्ति भी है।

प्रश्न 5. आपकी दृष्टि में कहानीविष के दाँतका नायक कौन है तर्कपूर्ण उत्तर दें

उत्तर :- हमारी दृष्टि में ‘विष के दाँत’ शीर्षक कहानी का नायक मदन है। सारे पात्रों में सर्वाधिक प्रभावशाली है और कथावस्तु में उसका ही महत्त्व सर्वोपरि है।। इस दृष्टि से विचार करने पर स्पष्ट ज्ञात होता है कि इस कहानी का नायम् मदन। ही है। इसमें मदन का ही चरित्र है जो सबसे अधिक प्रभावशाली है। पूरी कथावस्तु में इसी के चरित्र का महत्त्व है। खोखे के विष के दाँत उखाड़ने की महत्त्वपूर्ण घटना।का भी वही संचालक है। अतः निर्विवाद रूप से मदन की कहानी का नायक है।

10th Social Science vvi Subjective Question

प्रश्न 6. सेन साहब के परिवार में बच्चों के पालनपोषण में किए जा रहे |लिंगआधारित भेद भाव का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर :- सेन साहब अमीर आदमी थे। उनकी पाँच लड़कियाँ थी एवं एक लड़का था । उस परिवार में लड़कियों के लिए घर में अलग नियम तथा शिक्षा थी। लेकिन लड़का, के लिए अलग नियम एवं अलग शिक्षा ।

प्रश्न 7. मदन और ड्राइवर के बीच के विवाद के द्वारा कहानीकार क्या बताना चाहता है ?

उत्तर :- मदन और ड्राइवर के बीच विवाद के द्वारा कहानीकार बताना चाहते हैं। कि अपने पर किये गये अत्याचार का विरोध करना पाप नहीं है। सेन साहब की नयी चमकती काली गाड़ी को केवल छूने भर के तथाकथित अपराध के लिए मदन शोफर द्वारा घसीटा जाता है। यह गरीब बालक पर अत्याचार है। मदन द्वारा उसका मुकाबला करना अत्याचारियों पर विजय प्राप्त करने का प्रयास है।

प्रश्न 8. आरंभ से ही कहानीकार को स्वर व्यंग्यपूर्ण है। ऐसे कुछ प्रमाण उपस्थित करे

उत्तर :- ‘विष के दाँत’ कहानी के प्रारंभ में मोटर कार की बात की प्रस्तुति व्यंग्यात्मक शैली में है। उनके लड़कियाँ के गुणों की चर्चा, सेन साहब द्वारा खोखा को एक इंजीनियर के रूप मे
देखना, उसकी हमेशा प्रशंसा करना भी लेखक का व्यंग्य ही है ।

Long Answer Type Question

प्रश्न 1. विष के दाँतकहानी का सारांश लिखें।

उत्तर :- सेन साहब को अपनी कार पर बडा नाज था । घर में कोई ऐसा न था जो गाड़ी तक बिना इजाजत फटके । पाँचों लड़कियाँ माता-पिता का कहना। अक्षरशः पालन करतीं। किन्तु बुढ़ापे में उत्पन्न खोखा पर घर का कोई नियम लागू। न होता था । अतः गाड़ी को खतरा था तो इसी खोखा अर्थात् काश से। सेन साहब अपने लाडले को इंजीनियर बनाना चाहते थे। ये बड़ी शान से मित्रों से अपने बेटे की काबलियत की चर्चा करते थे। एक दिन मित्रों की गप्प-गो और काश के गुण-गान से उठे ही थे कि बाहर गुल-गपाड़ा सुना। निकले तो देखा कि गिरधारी की पत्नी से शोफर उलझ रहा है और उसका बेटा मुदन शोफर पर झपट रहा है।

     शोफर ने कहा कि मदन गाडी छ रहा था और मना करने पर उथम मचा रहा है। सेन साहब ने मदन क स को चेतावनी दी और अपने किरानी गिरधर को बुलाकर डाँटा-अपने बेटे को संभालो। घर आकर गिरधारी ने मदन को खूब पीटा।। दूसरे दिन बगल वाली गली में मदन दोस्तों के साथ लट्टू खेल रहा था। काशू भी खेलने को मचल गया। किन्तु मदन ने लट्टू देने से इनकार कर दिया काशू की।आदत तो बिगड़ी थी। बस, आदतवश हाथ चला दिया। मदन भी पिल पड़ा और मार मार कर काश के दाँत तोड दिए ।देर रात मदन घर आया तो सुना कि सेन साहब ने उसके पिता को नौकरी में हुआ दिया है और आउट हाउस से भी जाने का हुक्म दिया है। मदन के पैर से लोटा। लुढ़क गया। आवाज सुनकर उसके माता-पिता निकल आए। मदन मार खाने को तैयार हो गया।

      गिरधारी उसकी ओर तेजी से बढ़ा किन्तु सहसा उसका चेहरा बदल गया। उसने सदन को गोद में उठा लिया-‘शावास बेटा  एक मैं हैं और एक तू है जो खोखा के दो-दो दाँत तोड़ डाले।’ इस प्रकार हम देखते हैं कि कहानीकार ने ‘विष के दाँत’ उच्च वर्ग के सेन साहब की महत्त्वाकांक्षा, सफेदपोशी के भीतर लड़के-लड़कियों में विभेद भावना, नौकरी-पेशा वाले गिरधारी की हीन-भावना और उसके बीच अन्याय का प्रतिकार करनेवाली बहादुरी ओर साहस के प्रति प्यार और श्रद्धा को प्रस्तुत करते हुए प्यार-दुलार के परिणामों को बुखबी दर्शाया है।

10th Social Science vvi Subjective Question

प्रश्न 2. सेन साहब के और उनके मित्रों के बीच क्या बातचीत हुई और पत्रकार मित्र ने उन्हें किस तरह उत्तर दिया ?

उत्तर :- एक दिन सेन साहब के कुछ दोस्त बैठे गपशप कर रहे थे। उनमें एक साहब साधारण हैसियत के अखबारनवीस थे और साथ में उनका लड़का भी था, जो था तो खोखा से भी छोटा, पर बड़ा समझदार और होनहार मालूम पड़ता था। किसी ने उसकी कोई हरकत देखकर उसकी कुछ तारीफ कर दी और उन साहब से पूछा कि बच्चा स्कूल तो जाता ही होगा ? इसके पहले कि पत्रकार महोदय कुछ जवाब देत, सेन साहब ने शुरू किया- मैं तो खोखा को इंजीनियर बनाने जा रहा हैं, और वे हो बातें दुहराकर वे थकते नहीं थे।

     पत्रकार महोदय चुप मुस्कुराते रहे। जब उनसे फिर पूछा गया कि अपने बच्चे के विषय में उनका क्या ख्याल है, तब उन्होंने कहा मै चाहता हूँ कि वह जेंटलमैन जरूर बने और जो कुछ बने, उसका काम है, उसे पूरी आजादी रहेगी।” सेन साहब इस उत्तर के शिष्ट और प्रच्छन्न व्यंग्य पर ऐठकर रह गए ।

प्रश्न 3. सेन साहब, मदन, काशू और गिरधर का चरित्रचित्रण करे।

उत्तर :- प्रस्तुत कहानी में लेखक ने अमीरों की तथाकथित मर्यादा पर करारा व्यंग्य किया है । महल और झोपड़ी की लड़ाई में महल की खिल्ली उडाना हो इस कहानी में कहानीकार का मुख्य संदेश है। सेन साहब प्रदर्शन, प्रिय अमीर आदमी हैं । वे गरीबों का शोषण करके उन्हें प्रताड़ित करके अपनी प्रतिष्ठा स्थापित करने वाले बाह्याडम्बर से युक्त धनी आदमी के रूप में दिखाये गये हैं।

    खोखा महल में रहकर लाड़-प्यार से बिगड़ा हुआ बड़े बाप की औलाद के रूप में चित्रित है। वह अहंकारी बालक है ।वह देश का प्रतीक है। मदन अमीरों की प्रदर्शन-प्रियता और गरीबों पर उनके अत्याचार के विरुद्ध एक चेतावनी है, सशक्त विद्रोह है। गिरधर अत्याचार, शोषण एवं अन्याय को सहनेवाला लाचार एवं विवश इनसान है। लेकिन अंतर्मन से वह अत्याचार का समर्थन नहीं करता है,

    बल्कि उसका प्रतिकार करने की इच्छा रखता है। वैसे तो कहानी में कई पात्र आये हैं. मि सेन, खोखा. गिरधरलाल आदि मगर सभी पात्रों में यह मदन का ही चरित्र है जो सवाधिक प्रभावशाली है । मदन का चरित्र उसके व्यक्तित्व को हँक लेता है। मदन के चरित्र की विशेषता है. निर्भीकता । वह दुलियों के दिल की चिनगारी है।

प्रश्न 4. सेन साहब के परिवार में बचा के पालन पोषण में जा रहे लिंगआधारित भेद भाव को अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर:- सेन साहब अमीर आदमी थे। उनकी पाँच लड़कियाँ थी एक लड़का था। उस परिवार में लड़कियों के लिए घर में अलग नियम तथा शिक्षा थी। लेकिन लड़का, के लिए अलग नियम एवं अलग शिक्षा । लड़कियों के लिए सामान्य शिक्षा की व्यवस्था थी। वहीं खोखा को प्रारंभ से ही इंजीनियर के रूप में देखा जा रहा था।

     लड़कियाँ कठपुतली स्वरूप थीं । उन्हें क्या नहीं करना चाहिए यह पूरी तरह से सिखाया गया था। दूसरी ओर खोखा (लड़का) के दुर्ललित स्वभाव के अनुसार सिद्धान्तों को बदल देना सेन परिवार के लिए सामान्य बात थी । इस तरह से उस परिवार में लिंग-आधारित भेद भाव व्याप्त था।

S.N गोधुली | गद्य खंड
1 श्रम – विभाजन और जाति – प्रथा DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
2 विष के दाँत DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
3 भारत से हम क्या सीखें DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
4 नाखून क्यों बढते हैं DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
5 नागरी लिपि DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
6 बहादुर DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
7 परम्परा का मूल्यांकन DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
8 जित – जित मैं निरखत हूँ DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
9 आविन्यो DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
10 मछली DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
11 नौबतखाने में इबादत DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
12 शिक्षा और संस्कृति DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
S.N गोधुली | काव्य खंड
1 राम बिनु बिरथे जगी जनमा DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
2 प्रेम आयनी श्री राधिका DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
3 अति सूधो सनेह को मारग है DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
4 स्वदेशी DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
5 भारत माता DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
6 जनतंत्र का जन्म DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
7 हिरोशिमा DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
8 एक वृक्ष की हत्या DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
9 आविन्यो DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
10 अक्षर ज्ञान DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
11 लौटकर फिर आऊँगा DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
12 मेरे बिना तुम प्रभु DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
S.N वर्णिका
1 दही वाली मंगम्मा DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
2 ढहते विश्वास  DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
3 माँ DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
4 नगर DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
5 धरती कब तक घूमेगी DOWNLOAD new-gif-image-14[1]
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