10th Social science vvi Subjective Question 2022 | Matric Social Science Subjective Question Model Paper 2022

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Bihar Board Class 10th vvi Subjective Question 2022

इतिहास  लघुउत्तरीय:- 

प्रश्न 1. ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था?
उत्तर- (i) क्रांति के बगैर-ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण अचानक हुई उथल-पुथल या क्रांति का परिणाम नहीं था । यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया का नतीजा था । इसके अलावा यूरोप के अन्य देशों में क्रांति के लिए
राष्ट्रवाद ही जिम्मेदार था ।

(ii) भिन्न रीतिरिवाज-अठारहवीं सदी से पहले ब्रितानी राष्ट्र था ही नहीं। यह एक जातीय समूहों का संगठन था जिनकी अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक परम्पराएं थीं । इन सबके बावजूद यहाँ राष्ट्रवाद की भावना उदित हुई । लेकिन अन्य यूरोपीय देशों के लोग एक ही जाति से संबंध रखते थे ।

(ii) संसद का योगदान-इंगलैंड में राष्ट्रवाद की भावना संसद क माध्यम से आई । लेकिन दूसरे राष्ट्रों में राजा और राष्ट्रीय अभिनेता इसके लिए जिम्मेदार थे ।

प्रश्न 2. खूनी रविवार क्या है ?
उत्तर-1905 ई० के ऐतिहासिक रूस-जापान युद्ध में रूस बुरी तरह पराजित हुआ। इस पराजय के कारण 1905 ई० में रूस में क्रांति हो गई। 9 फरवरी, 1905 ई० को लोगों का समूह “रोटी दो” के नारे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सेंट पीटर्सबर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था । परन्तुजार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसायीं जिसमें हजारों लोग मारे गए, उस दिन रविवार था इसलिए उस तिथि को खूनी रविवार (लाल रविवार) के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 3. जेनेवा समझौता कब और किनके बीच हुआ?
उत्तर-1954 ई० में जेनेवा में हिंद-चीन समस्या पर वार्ता हेतु सम्मेलन बुलाया गया, जिसे जेनेवा समझौता कहा जाता है। जेनेवा समझौते ने पूरे वियतनाम को दो हिस्सों में बाँट दिया। हनोई नदी से सटे उत्तर का क्षेत्र उत्तरी वियतनाम साम्यवादियों को और उससे दक्षिण में दक्षिणी वियतनाम अमेरिका  समर्थित सरकार को दे दिया गया ।

प्रश्न 4. चंपारण सत्याग्रह के बारे में बताएँ।
उत्तर-बिहार में नीलहे गोरों द्वारा तीनकठिया व्यवस्था प्रचलित थी जिसमें किसान को अपनी भूमि के 3/20 हिस्से में नील की खेती करनी होती थी। किसान नील की खेती नहीं करना चाहते थे क्योंकि इससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती थी। उसे उत्पादन का उचित कीमत भी नहीं मिलता था जिससे उसकी स्थिति दयनीय हो गई थी।

       किसानों के पक्ष को लेकर महात्मा गाँधी ने चंपारण में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की। इससे ब्रिटिश सरकार को अन्ततः झुकना पड़ा। इसे ही चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है ।

प्रश्न 5. असहयोग आन्दोलन प्रथम आन्दोलन था । कैसे ?
उत्तर-1920 ई० में गाँधीजी के नेतृत्व में चलाया गया असहयोग आन्दोलन इस मायने में प्रथम जन-आन्दोलन था कि इससे पूर्व के सभी आन्दोलन आर्थिक या सामाजिक आधार पर किसी वर्ग-विशेष के द्वारा अपने हितों की रक्षा अथवा पूर्ति के लिए चलाये गये थे जबकि असहयोग आन्दोलन के कार्य ऐसे थे कि हर तरह के लोग इसमें अपना योगदान कर सकें ।

         जैसे- सरकारी उपाधियों एवं अवैतनिक पदों का त्याग, सरकारी और अर्द्धसरकारी उत्सवों का बहिष्कार, सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों का बहिष्कार, सरकारी न्यायालयों का बहिष्कार, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आदि । जनता ने अपने-अपने स्तर के अनुरूप इन कार्यक्रमों में योगदान दिया और असहयोग आन्दोलन को जन-आन्दोलन का रूप प्रदान किया ।

प्रश्न 6. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ?
उत्तर-तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई। पहला औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, दूसरे विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्श का विकास।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 7. भारत में औद्योगिकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तन पर प्रकाश डालें।
उत्तर-औद्योगिकरण के परिणामस्वरूप :
(i) नगरों का विकास
(ii) कुटीर उद्योगों का पतन
(iii) साम्राज्यवाद का विकास
(iv) समाज में वर्ग विभाजन एवं बुर्जुआवर्ग का उदय
(v) फैक्ट्री मजदूर वर्ग का जन्म
(vi) स्लम पद्धति की शुरुआत हुई ।

1850 से 1950 ई० के बीच भारत में वस्त्र उद्योग, लौह उद्योग, कोयला उद्योग जैसे कई उद्योगों का विकास हुआ। जमशेदपुर, सिन्द्री तथा डालमियानगर आदि नए व्यापारिक नगर तत्कालीन बिहार राज्य में कायम हुए। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों के कायम हो जाने से प्राचीन गह उद्योग का पतन आरंभ हो गया।  विभिन्न देशों में आर्थिक विकास की दरें (1950-2000 ई०) शासन का प्रकार और देश। विकास दर सभी लोकतांत्रिक शासन।

        3.95 प्रतिशत सभी तानाशाहियाँ। 4.42 प्रतिशत तानाशाही वाले गरीब देश। 4.34 प्रतिशत लोकतंत्र वाले गरीब देश। 4.28 प्रतिशत उपर्युक्त आंकड़ों के अवलोकन से लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था से निराशा तो होती है। किंतु किसी देश का आर्थिक विकास उस देश की जनसंख्या, आर्थिक प्राथमिकताएँ, अन्य देशों से सहयोग के साथ-साथ वैश्विक स्थिति पर भी निर्भर करती है।

         लोकतांत्रिक शासन में विकास की दर में कमी के बावजूद लोकतांत्रिक व्यवस्था का चयन सर्वोत्तम होना चाहिए क्योंकि इसके अनेक सकारात्मक एवं विश्वसनीय फायदे हैं जिसका एहसास हमें धीरे-धीरे होता है, जो अन्ततः सुखद होता है।

अर्थशास्त्र
लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 15. गरीबी रेखा से क्या समझते हैं ?
उत्तर-गरीबी को निर्धारित करने के लिए योजना आयोग द्वारा सीमांकन किया गया है। गरीबी रेखा कैलोरी मापदण्ड पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निर्धारित किया गया है। अर्थशास्त्र में गरीबी की माप की यह काल्पनिक रेखा है ।

       इस रेखा से नीचे के लोगों को गरीबी रेखा के नीचे (Below Poverty Line) माना जाता है। उसे संक्षेप में BPL के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 16. सकल या कुल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-किसी देश में किसी दिए हुए वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की जो कुल मात्रा उत्पादित की जाती है उसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहा जाता है । (The total quantity of goods and services produced in an economy in a given year is called Gross Domestic Product.)

प्रश्न 17. साख क्या है?

उत्तर- साख का अर्थ है विश्वास अथवा भरोसा । अर्थशास्त्र में साख का अर्थ ऋण लौटाने या भुगतान करने की क्षमता में विश्वास से होता है। प्रो० जोड के अनुसार, “साख एक ऐसा विनिमय कार्य है जो एक निश्चित अवधि के बाद भुगतान करने के बाद पूरा हो जाता है। (Credit is an exchange which is complete after the expiry of a certain period of time after payment.) साख के दो पक्ष होते हैं

(i) ऋणदाता तथा (ii) ऋणी Debtor. अर्थात् किसी दिए हुए समय में ऋणी रुपये, सेवाएँ या वस्तुएँ साख के आधार पर प्राप्त करता है और एक निश्चित अवधि के बाद उतनी ही मुद्रा ब्याज सहित लौटाने का वादा करता है।

प्रश्न 18. उदारीकरण को परिभाषित करें।
उत्तर-उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों, जैसे लाइसेंस, कोटा आदि को हटाना है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत 1991 ई० से भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनायी।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 19. आर्थिक विकास क्या है ? आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में अंतर बतायें।
उत्तर-आर्थिक विकास की परिभाषा को लेकर अर्थशास्त्रियों में काफी मतभेद है। इसकी एक सर्वमान्य परिभाषा नहीं दी जा सकती है। प्रो० रोस्टोव आर्थिक विकास एक ओर श्रम शक्ति में वृद्धि की दर तथा दूसरी ओर जनसंख्या में वृद्धि के बीच का संबंध है। “प्रो० मेयर एण्ड बोल्डविन के अनुसार, “आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा दीर्घकाल में किसी अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है।”

          अर्थात् आर्थिक विकास आवश्यक रूप से परिवर्तन की प्रक्रिया है। इससे अर्थव्यवस्था के ढाँचे में परिवर्तन होता है। इसके चलते प्रति व्यक्ति वास्तविक आय बदलती है तथा आर्थिक विकास के निर्धारक निरन्तर बदलते रहते हैं आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अंतर-सामान्यतः आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में कोई अंतर नहीं माना जाता है।

           दोनों शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है । श्रीमती उर्मिला हिक्स के अनुसार, “वृद्धि शब्द का प्रयोग आर्थिक दृष्टि से विकसित देशों के संबंध में किया जाता है जबकि विकास शब्द का प्रयोग अविकसित अर्थव्यवस्था के संदर्भ में किया जा सकता है। आर्थिक विकास से तात्पर्य राष्ट्रीय विकास में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन क्षमता के विस्तार से होता है जबकि आर्थिक वृद्धि से तात्पर्य राष्ट्रीय
आय में वृद्धि से है।

प्रश्न 20. राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के कार्यों का वर्णन करें।

उत्तर-राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के निम्नलिखित कार्य हैं-
(i) सहकारी बैंक-इनके माध्यम से किसानों को अल्पकालीन, मध्यकालीन तथा दीर्घकालीन ऋण की सुविधा उपलब्ध होती है।

(ii) प्राथमिक सहकारी समितियाँ-इसकी स्थापना कृषि क्षेत्र की अल्पकालीन ऋणों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए की गई है। एक गाँव अथवा क्षेत्र के कोई भी कम से कम 10 व्यक्ति मिलकर एक प्राथमिक साख समिति का निर्माण कर सकते हैं

(iii) भूमि विकास बैंक-राज्य में किसानों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान करने के लिए भूमि बंधक बैंक खोला गया था, जिसे अब भूमि विकास बैंक कहा जाता है। यह किसानों की भूमि को बंधक रखकर कृषि में स्थायी सुधार एवं विकास के लिए दीर्घकालीन ऋण प्रदान करता है

(iv) व्यावसायिक बैंक-देश में बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण की नीति 1968 के बाद में उनका राष्ट्रीयकरण (1969) के बाद व्यावसायिक बैंक अधिक मात्रा में किसानों को ऋण प्रदान करने लगे। यद्यपि बिहार जैसे राज्य में व्यावसायिक बैंकों के द्वारा किसानों को साख की सुविधा प्रदान किया जा रहा है। लेकिन यह संतोषजनक नहीं है।

(v) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक-सीमान्त एवं छोटे किसानों, कारीगरों तथा अन्य कमजोर वर्ग की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक देश में 1975 में स्थापित किए गए।

(vi) नाबार्ड राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक-देश में कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए पुनर्वित्त प्रदान करने वाली शिखर की संस्था है। यह कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए सरकारी संस्थाओं, व्यावसायिक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वित्त की सुविधा प्रदान करता है जो बाद में किसानों को यह सुविधा प्रदान करते हैं। बिहार राज्य में नाबार्ड ने 1998-99
से 2000-01 के बीच कुल 539.27 करोड़ रुपए का पुनर्वित्त सहायता प्रदान किया।

भूगोल
लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 21. संसाधन नियोजन की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-(i) अधिकतर संसाधनों की आपूर्ति सीमित होती है ।
(ii) अधिकतर संसाधनों का वितरण देश भर में असमान होता है ।
(iii) संसाधनों का अत्यधिक प्रयोग पर्यावरण को प्रदूषित करता है ।
(iv) संसाधनों का कम उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को अविकसित करता है।
(v) मानवीय संसाधनों को नियोजित करने की आवश्यकता है क्योंकि
तभी हमारे प्राकृतिक संसाधन विकसित हो पाएँगे ।

प्रश्न 22. बिहार में वन सम्पदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-झारखण्ड के बिहार से अलग हो जाने के बाद यहाँ की वन-सम्पदा काफी दयनीय स्थिति में आ गयी है। केवल 6764.14 हेक्टेयर पर अब वन बच गये हैं, जो बिहार की कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का सिर्फ 7.1 प्रतिशत है। बिहार के 38 में से 17 जिलों में वन प्रदेश तो समाप्त हो गये हैं।

           पश्चिमी चम्पारण, मुंगेर, बांका, जमुई, नवादा, नालंदा, गया, रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद में वनों की स्थिति कुछ अच्छी है। शेष में वन के नाम पर झाड़-झुरमुट बच गए

प्रश्न 23. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?
उत्तर-पेट्रोलियम से निर्मित होने वाली वस्तुएँ निम्नांकित हैं

(i) गैसोलीन

(ii) डीजल

(iii) किरासन तेल

(iv) स्नेहक (ग्रीस)

(v) पेट्रोल

(vi) कृत्रिम रेशा

(vii) कीटनाशी एवं अन्य दवाइयाँ

(viii) साबुन

(ix) प्लास्टिक आदि ।

प्रश्न 24. भारत के लिए जलमार्ग का क्या महत्त्व है ?
उत्तर- भारत के लिए जलमार्ग का महत्त्व इस प्रकार है-
(i) भारत का विदेशी व्यापार जलमार्ग से होता है । (ii) यह परिवहन का सर्वोत्तम सस्ता साधन है । (iii) तटीय इलाके के लोग मछली मारकर अपनी आजीविका चलाते हैं। (iv) तीन ओर से समुद्र से घिरे होने के कारण भारत को प्रायद्वीप कहा जाता है।

प्रश्न 25. कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है । इस कथन की व्याख्या कीजिए।

उत्तर–संयुक्त बिहार, (झारखंड के अलग होने से पूर्व) खनिज के भंडार की दृष्टि से भारत के अग्रणी राज्यों में से एक था। किन्तु, विभाजनोपरांत सभी खनन क्षेत्र झारखंड में चले गये। अब बिहार की सीमा में केवल कृषि कार्य के लिए ही भूमि उपलब्ध है। यहाँ की समृद्धि कृषि पर ही निर्भर है।

           क्योंकि यहाँ की 90 प्रतिशत आबादी गाँवों में निवास करती है, जिनका मुख्य पेशा कृषि है । 80 प्रतिशत लोग कृषि पर ही आधारित हैं । अतः उनके जीविका के आधार एवं अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि को कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।

प्रश्न 26. तलचिह्न और स्थानिक ऊँचाई क्या है ?
उत्तर-तलचिह्न-वास्तविक सर्वेक्षण के द्वारा दीवारों, पुलों, खांभों, पत्थरों जैसे स्थायी वस्तुओं पर समुद्र तल से मापी गई ऊँचाई को प्रदर्शित करने वाले चिह्न को तलचिह्न (Bench Mark) कहा जाता है। इसे फीट या मीटर की इकाई में प्रदर्शित किया जाता है ।

             स्थानिक ऊँचाई-तलचिह्न की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई ऊँचाई को स्थानिक ऊँचाई (Spot Height) कहा जाता है। इस विधि में बिंदुओं के सहारे मानचित्र में स्थानों की ऊँचाई की संख्या लिख दी जाती है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 27. जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?
उत्तर-आजादी के बाद भारत में उद्योग-धंधों के विकास पर जोर के साथ ही अधिक अन्नोत्पादन पर भी जोर दिया गया । इसके आशातीत परिणाम भी सामने आए। किन्तु विकास की यह प्रक्रिया शीघ्र ही अंधाधुंध विकास से जुड़ गयी । इसी अंधाधुंध विकास क्रम से उत्पन्न हुई-जलाक्रांतता । पंजाब, हरियाणा और प० उत्तर प्रदेश के इलाके में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के साथ ही अधिक सिंचन का प्रयोग कृषि में हुआ है।

             इससे इस इलाके में भूमि पर जलाक्रांतता की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जलाक्रांतता से भूमि का निम्नीकरण हुआ। इससे मृदा में लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाता है जो भूमि के निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। अत्यधिक जलाक्रांतता से भूमि में लवण की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे भूमि के पोषक तत्त्व तो कम होते ही हैं, साथ ही मिट्टी की परतों में भी क्षय होने  लगता है । मिट्टी के अवयव घुलते जाते हैं। कुछ जल में बह जाते हैं,

             तो कुछ सूखने पर हवा द्वारा उड़ा लिये जाते हैं। इस तरह अपरदन की क्रिया शुरू होती है और निर्बाध गति से चलती रहती है। फलतः सम्बन्धित भूमि का निम्नीकरण भी होता जाता है।

प्रश्न 25. खनिज कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर-सामान्यतः खनिजों को दो भागों में विभक्त कर अध्ययन किया जा सकता है
A. धात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में धातु मौजूद रहते हैं। ये धातु किसी-न-किसी पदार्थों के साथ मिले होते हैं। जैसे-लौह-अयस्क, ताँबा, निकेल इत्यादि । लौह धातु की उपस्थिति के आधार पर धात्विक खनिज को भी दो उप-विभागों में विभाजित किया जा सकता है :

(i) लौहयुक्त धात्विक खनिज- ऐसे खनिज में लोहांश अधिक होते हैं। जैसे-लौह अयस्क, मैंगनीज, निकेल, टंग्सटन आदि।

(ii) अलौहयुक्त धात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में लोहांश अतिन्यून होते हैं, जैसे-सोना, चाँदी, बॉक्साइट, टिन, ताँबा आदि।

B. अधात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में धातु नहीं होते हैं । जैसे- -चूना-पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम इत्यादि । जीवाश्म की उपस्थिति के आधार पर अधात्विक खनिज के भी दो उपविभाग किये जा सकते हैं :

(i) कार्बनिक खनिज- ऐसे खनिजों का निर्माण भूगर्भ में प्राणी एवं पादप के दबने से होते हैं जिसमें जीवाश्म होते हैं तथा कालान्तर में परिवर्तित होकर खनिजों का रूप धारण कर लेते हैं। जैसे-कोयला, पेट्रोलियम, चूनापत्थर आदि।
(ii) अकार्बनिक खनिज- ऐसे खनिजों में जीवाश्म की मात्रा नहीं होती है। जैसे-अभ्रक, ग्रेफाइट इत्यादि ।

आपदा प्रबंधन
लघ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 29. सूखे की स्थिति को परिभाषित करें ।
उत्तर-औसत से कम (50 cm से कम) वर्षा होने एवं भूमिगत जल स्तर के अधिक गहराई तक नीचे चले जाने से उत्पन्न समस्या, सूखा कहलाती है। सूखे के कारण पीने हेतु एवं फसलों की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध नहीं हो पाता है। सूखे का सबसे प्रमुख कारण भूमंडलीय ताप में वृद्धि है।

प्रश्न 30. भूकंप के केंद्र एवं अधिकेंद्र के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-भूपटल के नीचे का वह स्थल जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारंभ होता है, भूकम्प केन्द्र कहलाता है जबकि भूपटल पर वे केन्द्र जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव होता है, अधिकेन्द्र कहलाता है

प्रश्न 31. आपदा के समय सर्वप्रथम सक्रिय या मददगार कौन होते
उत्तर-आपदा के दौरान तथा एकदम बाद अधिकतर पड़ोसी अथवा समुदाय के लोग ही सबसे पहले सक्रिय या मददगार होते हैं । वे लोग, जो आपात्कालीन स्थिति में सबसे पहले क्रियाशील होते हैं, जिनके पास चिकित्सा संबंधी अथवा अन्य आपत्तियों से निपटने के लिए मूलभूत योग्यताएँ होती हैं तथा वे समुदाय के भाग होते हैं अथवा उनसे मिलकर कार्य करते हैं।

प्रश्न 32. भूकम्प के प्रभावों को कम करने वाले चार उपायों को लिखिए।
उत्तर- भूकम्प के प्रभावों को कम करने वाले चार उपाय निम्न हैं :
(a) भवन का निर्माण आयताकार किया जाना चाहिए ।
(b) ईंट, पत्थर या कंक्रीट युक्त दिवालों का निर्माण किया जाना चाहिए ।
(c) दरवाजे तथा खिड़कियों की स्थिति भूकम्प अवरोधी होनी चाहिए ।
(d) गलियों एवं सड़कों को चौड़ा होना चाहिए।

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