Class 10 Subjective Disaster Management Chapter 5 आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था आपदा प्रबंधन विषय से परीक्षा में कई सारे प्रश्न पूछे जाते हैं ऐसे में आप लोग को भी इस विषय के महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्नों ( Important Subjective Questions) को याद करना बेहद जरूरी है क्योंकि बिहार बोर्ड (Bihar Board matric exam 2025 के द्वारा 50% सब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं ऐसे में आप लोगों को चैप्टर वाइज महत्वपूर्ण सब्जेक्ट प्रश्नों (chapter wise subjective questions) को याद करना बेहद जरूरी है आप लोग के लिए बिल्कुल मुफ्त मंटू सर Mantu Sir(Dls Education) के द्वारा मॉडल सेट तैयार किया गया है
इस मॉडल सेट (Subjective Model Set) में 30 से पर ज्यादा महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न (Disaster Management Important Subjective Questions) शामिल है जिसमें चैप्टर वाइज प्रश्न और पिछले कुछ परीक्षा के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्न को भी इसमें जोड़ा गया है आपको बता दे की परीक्षा में कई सारे प्रश्न आपदा प्रबंधन से पूछे जाते हैं न केवल सब्जेक्टिव बलकी ऑब्जेक्टिव भी अगर आपने सब्जेक्ट की तैयारी कर ली तो आप परीक्षा में ज्यादा ज्यादा प्राप्त कर पाएंगे
Class 10 Subjective Disaster Management Chapter 5 आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था
आपदा प्रबंधन कैसे चैप्टर में आपको पढ़ने को मिलता हैआपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्थाकिस प्रकार किया जाता है सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कर्ण की जानकारीप्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले वैकल्पिक संचार माध्यम की चर्चा और प्राकृतिक आपदा में वैकल्पिक संचार माध्यम का विवरण आपको इस चैप्टर में मिलता है जो की परीक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण
आपदा काल में वैकल्पिक संचार व्यवस्था
लघु उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारणों को लिखिए ।
उत्तर- सामान्य संचार व्यवस्था के बाधित होने के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं : (i) केबुल का टूट जाना ।(ii) बिजली आपूर्ति का बाधित होना । (iii) संचार भवनों के ध्वस्त होने पर संचार यंत्रों का क्षतिग्रस्त हो जाना।
(iv) ट्रांसमिशन टावर का क्षतिग्रस्त हो जाना ।
प्रश्न 2. प्राकृतिक आपदा में उपयोग होनेवाले किसी एक वैकल्पिक संचार माध्यम की चर्चा कीजिए ।
उत्तर- प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले वैकल्पिक संचार माध्यमों में से यदि किसी एक को चुनना हो तो मैं हेम रेडियो (Ham Radio) को चुनूँगा। हेम रेडियो के लिए आधारीय इन्फ्रास्ट्रक्चर की कोई आवश्यकता नहीं होती। हेम रेडियो में कुछ खास फ्रीक्वेंसी की तरंगों का उपयोग कर अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार नियमों के अनुसार ही होती है, जिसका नियंत्रण भारत में संचार मंत्रालय के अधीन बतौर आयोजन एवं समन्वय स्कंध द्वारा किया जाता है।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न :
प्रश्न 1. प्राकृतिक आपदा में वैकल्पिक संचार माध्यमों का विवरण कीजिए ।
उत्तर- प्राकृतिक आपदा में वैकल्पिक संचार माध्यम निम्नलिखित हैं : (i) रेडियो संचार (Radio Communication) (ii) एमेच्योर या हेम रेडियो (Ham Radio) (iii) उपग्रह संचार (Sattellite Communication) प्रस्तुत रेडियो संचार–रेडियो तरंगे विद्युत चुम्बकीय होती हैं। ये विद्युत चुम्बकीय तरंगें एंटिना द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान या स्थानों तक भेजा जाता है। रेडियो तरंगों की तीन फ्रीक्वेंसियाँ (feqeuencies) होती हैं : (i) निम्न (low), (ii) उच्च (high) तथा (iii) अत्यधिक उच्च (Extremely hight) । रेडियो ग्राही की किसी विशेष फ्रीक्वेंसी पर रखकर इच्छित संकेत प्राप्त किया जा सकता है।
यदि अधिक दूरी से सम्पर्क स्थापित न करना हो तो उच्च फ्रीक्वेंसी की तरंगों का उपयोग करते हैं। बहुत अधिक फ्रीक्वेंसी की तरंगों का उपयोग कम दूरी, जो 5 किमी से 50 किमी तक की होती है, के लिए किया जाता है। अत्यधिक उच्च फ्रीक्वेंसी के बैंडों का उपयोग हाथ वाला वायरलेस कहा जाता है। वॉकी-टॉकी बिना तार के सम्बंधों का ही उपयोग किया जाता है। एमेच्योर या हेम रेडियो—एमेच्योर रेडियो और हेम रेडियो एक ही होता है।
इसके लिए आधारीय इन्फ्रास्ट्रक्चर की कोई आवश्यकता नहीं होती। हेम रेडियो में कुछ ही फ्रीक्वेंसी की तरंगों का उपयोग होता है। लेकिन इसे भी अंतर्राष्ट्रीय दूर संचार के नियमों का पालन करना पड़ता है। इसका नियंत्रण भारत में संचार मंत्रालय के अधीन बेतार आयोजन एवं समन्वय स्कंध द्वारा किया जाता है। निर्धारित नियमों के अनुसार इन फ्रीक्वेंसियों का उपयोग केवल अनुसंधान कार्यों, शिक्षा-प्रसार तथा व्यक्तिगत प्रयोजनों के निमित होता है।
एमेच्योर का अर्थ ही होता है गैर व्यापारिक उपयोग के लिए रेडियो संचार का उपयोग। इसके चलाने के लिए बहुत ही कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जिसकी आपूर्ति बैटरी या जेनेरेटर द्वारा हो जाती है। एमेच्योर या हेम रेडियो का उपयोग अधिकतर आपात काल में ही होता है। उपग्रह संचार-अंतरिक्ष में उपग्रह स्थापित करने की प्रथा अभी हाल में ही आरंभ हुई है।
जबसे उपग्रह की प्रथा चली है, तबसे संचार व्यवस्था में क्रांति-सी आ गई है। वैसे तो उपग्रह अनेक प्रकार के होते हैं, लेकिन दो प्रमुख हैं। वे हैं: संचार उपग्रह तथा सुदूर संवेदी उपग्रह । अपने देश में दूरदर्शन, मौसम की जानकारी, आपदा से सम्बद्ध चेतावनी देने में ये काफी लाभप्रद सिद्ध हुए हैं। खास तौर से टेलिविजन, टेलिफोन,।मोबाइल फोन आज भारत के ग्रामीण क्षेत्रों तक एक आम बात हो गई हैं। एक उपग्रह में हजारों ट्रॉसपौंडर होते हैं। टेलिविजन के लिए ये खास तौर पर उत्तरदायी हैं। उपग्रह फोन आपदा प्रबंधन में काफी सहायक हुए हैं।
Disaster Management Chapter 5 आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था Class 10
आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था के कोई भी प्रश्न अब आप बड़े आसानी से बना सकते है बस आप को इन प्रश्न को कई बार पढ़ लेना है और हमने QUIZ Format मे आप के परीक्षा के मध्यनाज़र इस पोस्ट को तैयार किया है class 10h HISTORY आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था इस पोस्ट मे दिए गए है तो अब आप को परीक्षा मे कोई भी आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था के प्रश्न से डरने की जरूरत नहीं फट से उतर दे
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आपदा में वैकल्पिक संचार व्यवस्था Class 10 Subjective
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