Bihar Board 10th Economics Chapter 6 Subjetive वैश्वीकरण बिहार बोर्ड परीक्षा (Bihar Board Exam 2025) में सामाजिक विज्ञान की तैयारी कर रहे हैं छात्र-छात्राओं को मंटू सर Mantu Sir (Dls Education ) के द्वारा उपलब्ध कराए गए महत्वपूर्ण ऑब्जेक्टिव प्रश्नों (Important Subjective Questions) को जरूर याद करना चाहिए यह 30 से 40 ऑब्जेक्टिव प्रश्न (Subjective Questions) परीक्षा में 10 से 15 अंक प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं और साथ ही सब्जेक्टिव प्रश्न बनाने में भी आपको काफी मदद करेंगे
आपको पता होगा आप बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा 2025 में 50% सब्जेक्टिव और 50% ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाते हैं ऐसे में अगर आप ऑब्जेक्टिव (Subjective Questions) में ज्यादा प्राप्त कर पाते हैं तो आपको परीक्षा में अच्छा प्राप्त करने में मदद मिलेगी अर्थशास्त्र की तैयारी के लिए चैप्टर वाइज ऑब्जेक्टिव प्रश्न (Chapter Wise Subjective Questions) तैयार किए गए हैं आप इनको जरूर याद करें और पढ़े आपको बता दे सभी चैप्टर के ऑब्जेक्ट के प्रश्न आपको मिल जाएंगे महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions) चैप्टर से निकल गए हैं और साथी कुछ वर्षों से पूछे गए प्रश्नों को भी इनमें जोड़े गए हैं
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Bihar Board 10th Economics Chapter 6 Subjetive वैश्वीकरण
लघु उत्तरीय प्रश्न (Short Answer Questions) :
प्रश्न 1. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- वैश्वीकरण वह प्रक्रिया है, जिसके द्वारा विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का समन्वय या एकीकरण किया जाता है। इस प्रक्रिया से वस्तुओं के साथ-साथ सेवाओं, प्रौद्योगिकी, पूँजी के साथ ही मानवीय श्रम का भी निर्वाध प्रवाह होता है। इसको अच्छी तरह स्पष्ट करते हुए अर्थशास्त्रीय बैंको निलनोबीक ने कहा है कि वैश्वीकरण का अर्थ पूँजी, वस्तु, प्रौद्योगिकी, यहाँ तक कि लोगों के विचार तक का स्वतंत्र प्रवाह होता है।
प्रश्न 2. बहुराष्ट्रीय कम्पनी किसको कहते हैं?
उत्तर- कोई ख्याति प्राप्त कम्पनी अपने देश के अतिरिक्त अन्य देशों में कारखाना लगाती है और उत्पादन करती है, उसे बहुराष्ट्रीय कम्पनी कहते हैं। उदाहरण के तौर पर फोर्ड मोटर्स, सैमसंग, कोका कोला, नोकिया, टाटा मोटर्स आदि के नाम दिए जा सकते हैं। इनमें सबसे पुरानी कम्पनी फोर्ड मोटर्स है और उसके बाद, टाटा मोटर्स है।
प्रश्न 3. विश्व व्यापार संगठन क्या है? यह कब और क्यों स्थापित किया गया ?
उत्तर- विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organisation = W.T.O.) एक ऐसा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाता है। भारत में इसकी स्थापना जनवरी, 1995 में की गई। इसके संस्थापक राष्ट्र संघ के सदस्य रहे। हैं। अभी वर्तमान में 149 देश इस संगठन के सदस्य हैं। इसका मुख्यालय जेनेवा में है।
प्रश्न 4. भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- 1980 के दशक के अंत तक सरकारी खर्च उसकी आय के मुकाबले काफी बढ़ गया। इसका फल हुआ कि मुद्रा स्फीति की स्थिति उपस्थित हो गई। वस्तुओं का मूल्य बढ़ने लगा । निर्यात के मुकाबले आयात की मात्रा बढ़ने लगी। भारतीय अर्थव्यवस्थाडगमाने लगी। इस पर काबू पाने के लिए सन् 1991 में आर्थिक सुधार की नीति अपनानी पड़ी। निजीकरण, उदारीकरण, तत्पश्चात वैश्वीकरण उदारीकरण का ही परिणाम है ।
प्रश्न 5. उदारीकरण को परिभाषित करें ।
उत्तर- उदारीकरण से तात्पर्य व्यापार, खासकर विदेश व्यापार पर लगाए गए विभिन्न नियंत्रणों से मुक्ति देना है। इन सभी नियंत्रणों को अनावश्यक मानकर सभी प्रतिबंधों, जैसे : लाइसेंस, कोटा आदि को हटा दिया गया, जिससे आर्थिक सुधार हो सके। यह सुधार 1991 से आरम्भ हुआ । “विदेशी व्यापार के क्षेत्र में सरकार द्वारा अपनाई गई इसी नीति को उदारीकरण कहा जाता है ।”
प्रश्न 6. निजीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- निजी क्षेत्र के उद्यमियों द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्णरूपेण या अंशतः अधिकार जमा लेना निजीकरण कहलाता है। ये सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को चलाने में अपने अनुभवों का लाभ उठाते हुए उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करते हैं। यह नीति भारत सरकार द्वारा 1991 में उदारीकरण की नीति को लागू करते हुए लागू की थी ।
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (Long Answer Questions) :
प्रश्न 1. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वैश्वीकरण में कैसे मुख्य भूमिका निभा रही हैं?
उत्तर- बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ विदेशों में अपने कारखाने खोलकर वैश्वीकरण में अपनी भूमिका निभा रही हैं। लेकिन वहाँ कारखाना स्थापित करने के पूर्व पता कर लेती हैं कि वहाँ कच्चे माल, श्रम शक्ति आदि की स्थिति क्या है ? फिर उत्पादन की बिक्री के लिए वहाँ जनसंख्या का घनत्व तथा उनकी आर्थिक स्थिति का पता भी कर लेती हैं। कम्पनियाँ पहले कारखाना लगाती हैं।
उदाहरण के लिए हम फोर्ड मोटर्स को ले सकते जिस देश में कच्चा माल, सस्ते श्रम तथा धनी-मानी खरीदार रहते हैं वहाँ बहुराष्ट्रीय हैं। यह अमेरिका की बहुत पुरानी और विश्व में विख्यात कम्पनी है। उसने भारत को हर प्रकार से उपयुक्त पाकर यहाँ अपना कारखाना खोल दिया और अनेक नामो से मोटरकार बना रही है। यह कोई आवश्यक नहीं कि बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ अच्छे इंजीनियर अपने देश से ही मँगाती हों।
ये विश्व के किसी भी देश से इंजीनियर बुलाकर या जिस देश में कारखाना रहता है, उस देश के इंजीनियरों की सेवा खरीद सकती है। श्रमिक तो उसी देश के रहते हैं, जहाँ पर कारखाना अवस्थित रहता है। इससे लाभ मिलता है कि उन्हें सस्ते श्रमिक मिल जाते हैं इन्हीं सब कामों से बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ वैश्वीकरण में मुख्य भूमिका निभाती हैं।
प्रश्न 2. वैश्वीकरण का बिहार पर पड़े प्रभावों को बताएँ ।
उत्तर- बिहार पर वैश्वीकरण के दो प्रकार के प्रभाव पड़े हैं : सकारात्मक तथा नाकरात्मक । बिहार में वैश्वीकरण का सकारात्मक प्रभाव :
(i) कृषि उत्पादन में वृद्धि –कृषि उत्पादन में वृद्धि से किसानों में खुशहाली बढ़ी है।1980-83 में बिहार प्रति हेक्टेयर औसत मूल्य जहाँ 3,680 रु. था वहीं 1992-95 में 5,678 रु. हो गया ।(ii) निर्यात में वृद्धि — वैश्वीकरण के कारण बिहार से किए गए निर्यात में वृद्धि हुई है। निर्यात की वस्तुओं में अधिकतर कृषिगत वस्तुएँ ही हैं।(iii) निर्धनता में कमी-वैश्वीकरण के कारण राज्य में निर्धनता में कमी आई है। निर्धनता रेखा से नीचे आने वालों में काफी कमी आई है।(iv) विश्व स्तरीय उपभोक्ता वस्तुओं की उपलब्धता-वैश्वीकरण के कारण ही बिहार के बाजारों में विश्व स्तरीय उपभोक्ता वस्तुएँ उपलब्ध हो गई हैं। बिहार में
वैश्वीकरण का नाकरात्मक प्रभाव :
(i) कृषि एवं कृषि आधारित उद्योगों की उपेक्षा-बिहार एक कृषि प्रधान राज्य है। यहाँ बड़े उद्योगों की काफी कमी है। कृषि पर भी जितना निवेश होना चाहिए, नहीं हो रहा है। कृषि पर आधारित उद्योगों की भारी कमी है। जो उद्योग थे भी वे बन्द हो चुके हैं।
(ii) रोजगार पर विपरित प्रभाव—बिहार में छोटे पैमाने के कुटीर उद्योग के क्षेत्र में उद्योग धंधे तो हैं, लेकिन बहुराष्ट्रीय कम्पनी की भड़कीली वस्तुओं के सामने इनकी माँग बहुत कम हो गई है। कुटीर और लघु उद्योग पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है।
(iii) आधारभूत संरचना की कमी-बिहार सरकार के काफी प्रयास के बावजूद अभी तक बिहार में आधारभूत संरचना की काफी कमी है। सड़कों का अभी तक पूर्ण विकास नहीं हो पाया है तथा बिजली की भी किल्लत है।
(iv) निवेश में कमी—आधारभूत संरचना की कमी के कारण कोई उद्योगपति यहाँनिवेश के लिए भी में से तैयार नहीं हैं लेकिन बाद में नेताओं की परेशानियों के कारण दुबक जाते हैं।
प्रश्न 3. भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर-भारत में वैश्वीकरण के पक्ष में निम्नलिखित तर्क दिए जा सकते हैं :(क) प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को प्रोत्साहन—वैश्वीकरण से भारत में प्रत्यक्ष निवेश प्रोत्साहित होगा। इससे भारत अपने विकास के लिए पूँजी प्राप्त कर सकेगा।(ख) प्रतियोगी शक्ति में वृद्धि-वैश्वीकरण की नीति अपनाने से भारत की प्रतियोगी शक्ति में वृद्धि होगी। प्रतियोगिता से शीघ्र विकास हो सकेगा।(ग) नई प्रौद्योगिकी के उपयोग में सहायक-वैश्वीकरण भारत जैसे पिछड़े देश को विकसित देशों द्वारा तैयार की गई प्रौद्योगिकी के प्रयोग में सहायक बनता है।(घ) अच्छी उपभोत्ता वस्तुओं की प्राप्ति-वैश्वीकरण के कारण भारत को अच्छी से अच्छी गुणवत्ता वाली उपभोक्ता वस्तुएँ अपेक्षाकृत कम मूल्य में प्राप्त हो जाती हैं। (ङ) नये बाजारों तक पहुँच-वैश्वीकरण के फलस्वरूप भारत विश्व के नये बाजारों तक पहुँचने का मार्ग प्रशस्त कर लिया है।(च) उत्पादन तथा उत्पादिता के स्तर को उन्नत करना-वैश्वीकरण के कारण ज्ञान का तेजी से प्रसार हुआ है । परिणामस्वरूप भारत अपने उत्पादन तथा अपनी उत्पादिता के स्तर को उन्नत कर सकता है। यह उत्पादिता अंतराष्ट्रीय स्तर प्राप्त करने के लिए गति प्रदान करती है।(छ) बैकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र में सुधार – वैश्वीकरण के फलस्वरूप विश्व के अन्य देशों के सम्पर्क में आने से बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्र की कुशलता बढ़ी है। (ज) मानवीय पूँजी की क्षमता का विकास- शिक्षा तथा प्रशिक्षित कौशल वैश्वीकरण के प्रमुख घटक हैं। इससे मानवीय विकास को बढ़ावा मिलता है।
प्रश्न 4. वैश्वीकरण का आम आदमी पर पड़े प्रभावों की चर्चा करें ।
उत्तर- वैश्वीकरण का आम आदमी पर कुछ प्रभाव अवश्य पड़े हैं, लेकिन वे प्रभाव कुछ अच्छे हैं तो कुछ बुरे भी। अच्छे प्रभाव निम्नलिखित हैं 🙁i) उपयोग के आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता-वैश्वीकरण के कारण विश्व के सभी देशों के उच्च उत्पादन लोगों को उपयोग के लिए उपलब्ध हो गया है। पहले जहाँ आम आदमी रेडियो के लिए भी तरसता था वहीं आज घर-घर में रंगीन टेलीविजन तथा हाथों में मोबाइल फोन की घंटी बजने लगी है।(ii) रोजगार की बढ़ रही सम्भावना-वैश्वीकरण के फलस्वरूप औद्योगिक प्रसार हुआ है, जिस कारण रोजगार के अन्य नए क्षेत्र खुल गए हैं। कुशल श्रमिकों को तो इससे और भी अधिक लाभ मिला है। के विकसित देशों से आधुनिकतम तकनीक विकासशील देशों में आसानी से उपलब्ध होनेल गी है। आधुनिक तकनीक के द्वार आज सबके लिए खुल गये हैं। वैश्वीकरण से उपर्युक्त लाभ प्राप्त तो हुए हैं किन्तु
इसका कुछ बुरा प्रभाव भी पड़ा है, जो निम्नलिखित हैं :
(i) बेरोजगारी बढ़ने की आशंका- वैश्वीकरण के कारण आधुनिक ओटोमेटिक संयंत्रों की संख्या बढ़ रही है। ये संयंत्र ऐसे हैं जहाँ बीस श्रमिक काम करते थे, अब दो से चार श्रमिकों से ही काम चल जाता है ।(ii) उद्योग और व्यापार में बढ़ रही प्रतियोगिता—विदेशी पूँजी और विदेशी कम्पनियों के बिना किसी प्रतिबंध के आयात होने से आम लोगों में बेरोजगारी की आशंकाबढ़ गई है या बढ़ सकती है। (iii) श्रम संगठनों पर बुरा असर-वैश्वीकरण के कारण श्रम कानूनों में कुछ ऐसा लचीलापन आ गया है कि श्रमिक नेताओं को अपनी दुकान चलानी कठिन हो गई है श्रमिकों को जो मिलता है, वह बिना माँगे ही मिल जाता है। इन सबके अलावे मध्यम एवं छोटे उत्पादकों की कठिनाई बढ़ी है। कृषि क्षेत्र तथा ग्रामीण क्षेत्र भी वैश्वीकरण से कुप्रभावित हुए हैं I
Economics Chapter 6 वैश्वीकरण Class 10
Bihar Board Class 10 Economics Chapter 6 वैश्वीकरण के कोई भी प्रश्न अब आप बड़े आसानी से बना सकते है बस आप को इन प्रश्न को कई बार पढ़ लेना है और हमने QUIZ Format मे आप के परीक्षा के मध्यनाज़र इस पोस्ट को तैयार किया है class 10h Economics वैश्वीकरण इस पोस्ट मे दिए गए है तो अब आप को परीक्षा मे कोई भी वैश्वीकरण के प्रश्न से डरने की जरूरत नहीं फट से उतर दे
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