Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022 | BSEB 10th Sst viral Question 2022 | यहीं आएगा परीक्षा में
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Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022 | BSEB 10th Sst viral Question 2022 | यहीं आएगा परीक्षा में
प्रश्न 1. भूमण्डलीकरण में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के योगदान (भूमिका) को स्पष्ट करें।
उत्तर- भूमण्डलीकरण राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक, वैज्ञानिक तथा सांस्कृतिक जीवन के विश्वव्यापी समायोजन की एक प्रक्रिया है जो विश्व के विभिन्न भागों के लोगों को भौतिक व मनोवैज्ञानिक स्तर पर एकीकृत करने का सफल प्रयास करती है।
भूमण्डलीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने व्यापार, निवेश व तकनीकी प्रवाह द्वारा विश्व के कोने-कोने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। इन कंपनियों के माध्यम से लोगों को जीविकोपार्जन के कई नवीन अवसर प्राप्त हुए हैं Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 2. कार्ल मार्क्स के विषय में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- वैज्ञानिक समाजवाद अथवा साम्यवाद के जनक कार्ल मार्क्स थे। वे हीगल, मांटेस्क्यू तथा रूसो के विचारों से गहरे रूप से प्रभावित थे। 1843 ई० में पेरिस में उनकी भेंट फ्रेड्रिक एंजेल्स से हुई । एंजेल्स श्रमिकों की दयनीय स्थिति से दुखी थे । मार्क्स उनके विचारों से प्रभावित हुए । अतः, दोनों ने मिलकर 1848 ई० में कम्युनिस्ट मैनिफेस्टो प्रकाशित किया ।
इसे आधुनिक समाजवाद का जनक माना जाता है । इसमें श्रमिकों को संगठित होने की प्रेरणा दी गई । 1867 ई० में कार्ल मार्क्स ने दास कैपिटल नामक पुस्तक का प्रकाशन किया, जिसे ‘समाजवादियों की बाइबिल’ कहा जाता है ।
इसके द्वारा उन्होंने साम्यवादी विचारधारा का प्रचार किया । बाद में मार्क्स इंगलैंड चले गए और अपना शेष जीवन वहीं व्यतीत किया । 1883 ई० में उनकी मृत्यु हो गयी । मार्क्स के विचारों का तेजी से प्रसार हुआ । साम्यवाद एक सशक्त आंदोलन के रूप में परिणत हो गया । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 3. अमेरिका हिंद-चीन में कैसे घुसा, चर्चा करें। ।
उत्तर- अमेरिका हिंद-चीन में फ्रांस को समर्थन देने के बहाने घुसा और धीरे-धीरे उसने साम्यवादियों के विरोध में हस्तक्षेप की नीति अपनाई। इन्हीं परिस्थितियों में मई 1954 ई० में जेनेवा में हिंद-चीन समस्या पर वार्ता हेतु सम्मेलन बुलाया गया, जिसे जेनेवा समझौते के नाम से जाना जाता है । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
जेनेवा समझौते ने पूरे वियतनाम को दो हिस्से में बाँट दिया-उत्तरी और दक्षिणी वियतनाम । उत्तरी वियतनाम में साम्यवाद समर्थित सरकार बनी जबकि दक्षिणी वियतनाम में अमेरिका समर्थित पूँजीवादी सरकार बाओदायी के नेतृत्व में बनी । अमेरिका समर्थित बाओदायी सरकार का संचालन न्यो-दिन्ह-दियम के हाथों में था।
प्रश्न 4. 1929 ई० के आर्थिक संकट के किन्हीं तीन कारणों का संक्षिप्त विवरण दें।
उत्तर- 1929 ई० के आर्थिक संकट का बुनियादी कारण स्वयं इस अर्थव्यवस्था के स्वरूप में समाहित था। प्रथम विश्व युद्ध के चार वर्षों में यूरोप को छोड़कर बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार होता चला गया, उसके मुनाफे बढ़ते चले गए। दूसरी ओर अधिकांश लोग गरीबी और अभाव में पिसते रहे । नवीन तकनीकी प्रगति और मुनाफे ने उत्पादन में काफी वृद्धि कर दी। किंतु अतिरिक्त उत्पादन के खरीददार बाजार में नहीं थे।
कृषि में भी अति उत्पादन की समस्या बनी हुई थी। अति उत्पादन के कारण कीमतें काफी गिर गईं जिससे किसानों की आय घट गई । अतः इस स्थिति से निपटने के लिए उन्होंने उत्पादन को और बढ़ाया ताकि कम कीमत पर ज्यादा माल बेचकर अपनी आय स्तर बनाये रख सकें। इससे कीमतें और नीची चली गई जिसने आर्थिक संकट को जन्म दिया। अमेरिका द्वारा यूरोपीय देशों को दिए गए ऋण की वापसी की मांग ने आर्थिक संकट को और गहरा दिया।
प्रश्न 5. अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कैसे हुई ? इसके प्रारम्भिक उद्देश्य क्या थे ?
उत्तर- 1883 ई० के दिसम्बर में इण्डियन एसोसिएशन के सचिव आनन्द मोहन बोस ने कलकत्ता में “नेशनल कांफ्रेंस” नामक एक अखिल भारतीय संगठन का सम्मेलन बुलाया, जिसका उद्देश्य बिखरे राष्ट्रवादी शक्तियों को एकजुट करना था। परंतु दूसरी तरफ एक रिटायर्ड ब्रिटिश अधिकारी ए. ओ. ह्यूम ने भारत में व्याप्त असंतोष को देखते हुए एक सुरक्षा कवच के रूप में कांग्रेस की स्थापना में अपना सहयोग दिया ।
अन्ततः 28 दिसम्बर, 1885 ई० को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। इस बैठक की अध्यक्षता व्योमेशचन्द्र बनर्जी ने की थी, इसमें कुल 72 सदस्य शामिल हुए थे। इस प्रकार एक अखिल भारतीय राजनीतिक मंच के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के आरंभिक उद्देश्य निम्नलिखित थे :-
(i) भारत के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय हित के काम से जुड़े लोगों के संगठनों के बीच एकता की स्थापना का प्रयास ।
(ii) देशवासियों के बीच भिन्नता और सद्भावना का संबंध स्थापित कर धर्म, वंश, जाति या प्रान्तीय विद्वेष को समाप्त करना।
(iii) राष्ट्रीय एकता के विकास एवं सुदृढ़ीकरण के लिए हर संभव प्रयास करना।
(iv) महत्त्वपूर्ण एवं आवश्यक विषयों के प्रश्नों पर भारत के प्रमुख नागरिकों के बीच चर्चा करना एवं उनके संबंध में प्रमाणों का लेख तैयार करना।
(v) प्रार्थना-पत्रों तथा स्मारपत्रों द्वारा वायसराय एवं उनकी काउन्सिल से सुधार हेतु प्रयास करना ।
प्रश्न 6. वाणिज्यिक क्रांति से क्या समझते हैं ?
उत्तर- आधुनिक काल के उदय के साथ ही भौगोलिक खोजों, पुनर्जागरण तथा राष्ट्रीय राज्यों के उदय जैसी घटनाओं ने वाणिज्यिक क्रांति को जन्म दिया। व्यापार के क्षेत्र में होनेवाला अभूतपूर्व विकास और विस्तार जो जल और स्थल दोनों मार्ग से सम्पूर्ण विश्व तक पहुँचा, इसे वाणिज्यिक क्रांति के नाम से जाना जाता है। इसका केन्द्र यूरोप (इंगलैण्ड) था।
प्रश्न 7. इटली के एकीकरण में मेजिनी, कावूर और गैरीबाल्डी के योगदान को बतायें।
उत्तर- इटली के एकीकरण में मेजिनी, कावूर और गैरीबाल्डी के निम्नलिखित योगदान थे :
मेजिनी- मेजिनी साहित्यकार, गणतांत्रिक विचारों का समर्थक और योग्य सेनापति था। मेजिनी सम्पूर्ण इटली का एकीकरण कर उसे एक गणराज्य बनाना चाहता था जबकि सार्डिनिया पिडमौंट का शासक चार्ल्स एलबर्ट अपने नेतृत्व में सभी प्रांतों का विलय चाहता था । उधर पोप भी इटली को धर्मराज्य बनाने का पक्षधर था। इस तरह विचारों के टकराव के कारण इटली के एकीकरण का मार्ग अवरुद्ध हो गया था।
कालांतर में आस्ट्रिया द्वारा इटली के कुछ भागों पर आक्रमण किए जाने लगे जिसमें सार्डिनिया के शासक चार्ल्स एलबर्ट की पराजय हो गयी । आस्ट्रिया के हस्तक्षेप से इटली में जनवादी आंदोलन को कुचल दिया गया। इस प्रकार मेजिनी की पुनः हार हुई और वह पलायन कर गया। 1848 ई० तक इटली के एकीकरण के लिए किए गए प्रयास वस्तुतः असफल ही रहे परंतु धीरे-धीरे इटली में इन आंदोलनों के कारण जनजागरूकता बढ़ रही थी और राष्ट्रीयता की भावना तीव्र हो रही थी।
इटली में सार्डिनिया-पिडमौंट का नया शासक विक्टर इमैनुएल राष्ट्रवादी विचारधारा का था और उसके प्रयास से इटली के एकीकरण का कार्य जारी रहा। अपनी नीति के क्रियान्वयन के लिए विक्टर ने काउंट कावूर को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
काउंट कावूर- कावूर एक सफल कूटनीतिज्ञ एवं राष्ट्रवादी था। वह इटली के एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा आस्ट्रिया को मानता था । अतः उसने आस्ट्रिया को पराजित करने के लिए फ्रांस के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया । 1953-54 ई० के क्रीमिया युद्ध में कावूर ने फ्रांस की ओर से युद्ध में सम्मिलित होने की घोषणा कर फ्रांस का राजनीतिक समर्थन हासिल किया। कावूर ने नेपोलियन-III से भी एक संधि की जिसके तहत फ्रांस ने आस्ट्रिया के खिलाफ पिडमौण्ट को सैन्य समर्थन देने का वादा किया।
बदले में नीस और सेवाय नामक दो रियासतें कावूर ने फ्रांस को देना स्वीकार किया । 1860-61 में कावूर ने सिर्फ रोम को छोड़कर उत्तर तथा मध्य इटली की सभी रियासतों (परमा, मोडेना, टसकनी, फब्बारा, बेलाजोना आदि) को मिला लिया तथा जनमत संग्रह कर इसे पुष्ट भी कर लिया। 1862 ई० तक दक्षिण इटली रोम तथा वेनेशिया को छोड़कर बाकी रियासतों का विलय रोम में हो गया और सभी ने विक्टर इमैनुएल को शासक माना ।
गैरीबाल्डी- इसी बीच महान क्रांतिकारी गैरीबाल्डी सशस्त्र क्रांति के द्वारा दक्षिणी इटली के रियासतों के एकीकरण तथा गणतंत्र की स्थापना करने का प्रयास कर रहा था । गैरीबाल्डी ने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनायी। उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किए।
इन रियासतों की अधिकांश जनता बू| राजवंश के निरंकुश शासन से तंग होकर गैरीबाल्डी की समर्थक बन गई। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता संभाली । दक्षिणी इटली के जीते हुए क्षेत्र को बिना किसी संधि के गैरीबाल्डी ने विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया।
उसने अपनी सारी सम्पत्ति राष्ट्र को समर्पित कर दी। 1871 ई० तक इटली का एकीकरण मेजिनी, कावूर और गैरीबाल्डी जैसे राष्ट्रवादी नेताओं के योगदान के कारण पूर्ण हुआ।
प्रश्न 8. मुद्रण क्रांति ने आधुनिक विश्व को कैसे प्रभावित किया ?
उत्तर- छापाखाना की संख्या में वृद्धि के परिणामस्वरूप पुस्तक निर्माण में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। 15वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध तक यूरोपीय बाजारों में लगभग 2 करोड़ मुद्रित किताबें आईं जिनकी संख्या 16वीं सदी तक 20 करोड़ हो गई। इस मुद्रण क्रांति ने आम लोगों की जिंदगी ही बदल दी ।
आम लोगों का जुड़ाव सूचना, ज्ञान, संस्था और सत्ता से नजदीकी स्तर पर हुआ। जिसके कारण लोक चेतना एवं दृष्टि में बदलाव संभव हुआ। मुद्रण क्रांति के फलस्वरूप किताबें समाज के सभी तबकों तक पहुँच गईं । किताबों की पहुँच आसान होने से पढ़ने की नई संस्कृति विकसित हुई। एक नया पाठक वर्ग पैदा हुआ। पढ़ने से उनके अंदर तार्किक क्षमता का विकास हुआ।
इससे तर्कवाद और मानवतावाद का द्वार खुला। धर्म सुधारक मार्टिन लूथर ने कैथोलिक चर्च की कुरीतियों की आलोचना करते हुए अपनी पंचानवें स्थापनाएँ लिखीं। लूथर के लेख आम लोगों में काफी लोकप्रिय हुए । फलस्वरूप चर्च में विभाजन हुआ और प्रोटेस्टेंट धर्म सुधार आंदोलन की शुरुआत हुई। लूथर ने कहा “मुद्रण ईश्वर की दी हुई महानतम देन है, सबसे बड़ा तोहफा” । इस तरह छपाई ने नए बौद्धिक माहौल का निर्माण किया एवं धर्म सुधार आंदोलन के नए विचारों का फैलाव तीव्र गति से आम लोगों तक फैला।
18वीं सदी के मध्य तक मुद्रण क्रांति के फलस्वरूप प्रगति और ज्ञानोदय का प्रकाश यूरोप में फैल चुका था । लोगों में निरंकुश सत्ता से लड़ने हेतु नैतिक साहस का संचार होने लगा था। फलस्वरूप मुद्रण संस्कृति ने फ्रांसीसी क्रांति के लिए भी अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण किया । परम्परा पर आधारित सामाजिक व्यवस्था दुर्बल हो गयी। अब लोगों में आलोचनात्मक सवालिया और तार्किक दृष्टिकोण विकसित होने लगी। धर्म और आस्था को तर्क की कसौटी पर कसने से मानवतावादी दृष्टिकोण विकसित हुआ । इस तरह की नई सार्वजनिक दुनिया ने सामाजिक क्रांति को जन्म दिया।
प्रश्न 9. भारत में किस तरह जातिगत असमानताएँ हैं ? स्पष्ट करें।
उत्तर- विश्व के सभी समाज में सामाजिक असमानताएँ और श्रम विभाजन पर आधारित समुदाय विद्यमान है। भारत इससे अछूता नहीं है । भारत में भी पेशा का आधार वंशानुगत है । पेशा एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में स्वयमेव चला आता है। पेशे पर आधारित सामुदायिक व्यवस्था ही जाति कहलाती है। यह व्यवस्था जब स्थायी हो जाती है तो श्रम विभाजन का अतिवादी रूप कहलाता है। यह एक खास अर्थ में समाज में दूसरे समुदाय से भिन्न हो जाता है।
इस प्रकार के वंशानुगत पेशा पर आधारित समुदाय, जिसे हम जाति कहते हैं, की स्वीकृति रीति-रिवाज से हो जाती है। उनकी पहचान एक अलग समुदाय के रूप में होती है और इस समुदाय के सभी व्यक्तियों का एक या मिलता-जुलता पेशा होता है। उनकी बेटे-बेटियों की शादी आपस के समुदाय में ही होती है तथा खान-पान भी समान समुदाय में होता है।
प्रश्न 10. गठबंधन की राजनीति कैसे लोकतंत्र को प्रभावित करती है?
उत्तर- गठबंधन में शामिल राजनीतिक दल अपनी आकांक्षों और लाभों की संभावनाओं के मद्देनजर ही गठबंधन करने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे प्रशासन पर सरकार की पकड़ ढीली पड़ जाती है।
नई लोकसभा में करोड़पति सांसदों की संख्या अब तक के सबसे ऊँचे स्तर पर पहुँच गई है। सभी पार्टियों में आपराधिक छवि वाले सांसदों की संख्या में इजाफा लोकतंत्र के लिए चुनौती है।
प्रश्न 11. आतंकवाद लोकतंत्र की चुनौती है, कैसे?
उत्तर- आतंकवाद देश की एकता और अखण्डता के लिए गंभीर खतरा है। इससे देश में शांति और व्यवस्था में बाधा उत्पन्न होती है। इससे अलगाववाद व नक्सली गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है। इन गतिविधियों से आम लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाता है और लोगों की शांति भंग हो जाती है।
अतः हम कह सकते हैं कि आतंकवाद लोकतंत्र के लिए एक गंभीर चुनौती है।
प्रश्न 12. जिला परिषद पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर- बिहार में जिला परिषद पंचायती राज व्यवस्था का तीसरा स्तर है। इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। जिले के सभी पंचायत समितियों के प्रमुख इसके सदस्य होते हैं। प्रत्येक जिला परिषद का एक अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष होता है। उनका निर्वाचन जिला परिषद के सदस्य अपने सदस्यों के बीच से पंचायती राज व्यवस्था को सुदृढ़ और शक्तिशाली बनाने के लिए करते हैं। बिहार पंचायती राज अधिनियम, 2005 के द्वारा महिलाओं के लिए सम्पूर्ण सीटों में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।
प्रश्न 13. राजनीतिक पार्टियों तथा दबाव समूहों (Pressuregroups) में सत्ता के बँटवारे की व्यवस्था का वर्णन करें ।
उत्तर- (i) लोकतंत्र में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों, दबाव समूहों तथा आंदोलनों के बीच भी सत्ता की साझेदारी होती है ।
(ii) लोकतंत्र नागरिकों को अपना शासन चुनने का विकल्प देता है । यह विकल्प विभिन्न पार्टियों के रूप में उपलब्ध होता है जो जीतने के लिए चुनाव लड़ती हैं । पार्टियों की यह आपसी प्रतिद्वंद्विता ही इस बात को सुनिश्चित कर देती है कि सत्ता एक व्यक्ति या समूह के हाथ में न रहे ।
(iii) एक बड़ी समयावधि पर सत्ता बारी-बारी से अलग-अलग विचारधारा और सामाजिक समूहों वाली पार्टियों के हाथ आती-जाती रहती है । कई बार सत्ता की यह भागीदारी एकदम प्रत्यक्ष दीखती है क्योंकि दो या अधिक पार्टियाँ मिलकर चुनाव लड़ती हैं । यदि इनका चुनाव हो जाता है तो ये गठबंधन सरकार बनाती हैं तथा सत्ता में साझेदारी होती है ।
(iv) लोकतंत्र में विभिन्न दबाव समूह तथा आंदोलन भी सक्रिय होते हैं।
सरकार की विभिन्न समितियों में सीधी भागीदारी करके या नीतियों पर अपने सदस्य वर्ग के लाभ के लिए दबाव बनाकर ये समूह भी सत्ता में भागीदारी करते हैं।
प्रश्न 14. राजनीतिक दलों के प्रमुख कार्य क्या हैं ?
उत्तर- (i) चुनाव : दल चुनाव लड़ते हैं । अधिकांश लोकतांत्रिक देशों में चुनाव राजनीतिक दलों द्वारा खड़े किए गए उम्मीदवारों के बीच लड़ा जात है । राजनीतिक दल उम्मीदवारों का चुनाव कई तरीकों से करते हैं । अमेरिका
जैसे कुछ देशों में उम्मीदवार का चुनाव दल के सदस्य और समर्थक करते हैं। अब इस तरह से उम्मीदवार चुनने वाले देशों की संख्या बढ़ती जा रही है । अन्य देशों, जैसे भारत में, दलों के नेता ही उम्मीदवार चुनते हैं ।
(ii) नीतियों की घोषणा : घरेलू तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश के सामने कुछ सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक मसले होते हैं । राजनीतिक पार्टियाँ अलग-अलग नीतियों और विचारों को मतदाताओं के सामने रखती हैं तथा मसलों के समाधान के उपाय भी सुझाती हैं । अधिकतर पार्टियों के पास उन्हें निर्देश देने के लिए शोध विभाग होते हैं ।
(iii) जनमत निर्माण : राजनीतिक पार्टियाँ लोगों के हितों के मामलों को देश के सामने रखती हैं । वे प्रेस, रेडियो, टेलीविजन तथा नुक्कड़ सभाएँ जैसे जनसंचार के सभी माध्यमों का प्रयोग करती हैं। इस प्रकार राजनीतिक पार्टियाँ अपने समर्थन के लिए लोगों को शिक्षित तथा प्रभावित करती हैं । राजनीतिक पार्टियाँ जनमत निर्माण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं ।
(iv) सरकार बनाना और चलाना : सरकार बनाना राजनीतिक पार्टी का प्रमुख कार्य तथा उद्देश्य है । संसदीय व्यवस्था में, सत्ता में दल का नेता प्रधानमंत्री बनता है तथा वह अपनी कैबिनेट में अन्य मंत्रियों को नियुक्त करता है।
प्रश्न 15. कोर बैंकिंग प्रणाली से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- आजकल प्लास्टिक के एक छोटे से टुकड़े पर इंगित यांत्रिकी चिह्न के माध्यम से पैसे का आदान-प्रदान तथा निकासी होने लगा है। जब व्यक्ति एक स्थान से दूसरे स्थान तक बिना विलम्ब के पैसे का लेनदेन करता है तो बैंक की इस प्रणाली को कोर बैंकिंग प्रणाली कहते हैं।
प्रश्न 16. आय से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- जब कोई व्यक्ति किसी प्रकार का शारीरिक अथवा मानसिक कार्य करता है और उस व्यक्ति को उसके कार्यों के बदले जो पारिश्रमिक मिलता है, उसे उस व्यक्ति की आय कहते हैं। आय वह मापदण्ड है जिसके द्वारा देश के आर्थिक विकास की स्थिति का आकलन किया जाता है। देश अथवा राज्य को उसकी आय के आधार पर ही विकसित अथवा विकासशील श्रेणी में रखा जाता है।
प्रश्न 17. सहकारिता की परिभाषा लिखें।
उत्तर- सहकारिता का अर्थ है “एक साथ मिलजुलकर कार्य करना” लेकिन अर्थशास्त्र में इस शब्द का प्रयोग अधिक व्यापक अर्थ में किया जाता है । “सहकारिता वह संगठन है जिसके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक मिलजुलकर, समान स्तर पर आर्थिक हितों की वृद्धि करते हैं। इस प्रकार सहकारिता उस आर्थिक व्यवस्था को कहते हैं जिसमें मनुष्य किसी आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिलजुलकर कार्य करते हैं।
प्रश्न 18. कुछ ऐसे कारकों की चर्चा करें जिससे उपभोक्ताओं का शोषण होता है?
उत्तर- उपभोक्ता-शोषण के मुख्य कारक निम्नलिखित हैं :
(i) मिलावट की समस्या-महँगी वस्तुओं में मिलावट करके उपभोक्ता का शोषण होता है।
(ii) कम तौल द्वारा-वस्तुओं के माप में हेरा-फेरी से भी उपभोक्ता का शोषण होता है।
(iii) कम गुणवत्ता वाली वस्तु-उपभोक्ता को धोखे से अच्छी वस्तु के स्थान पर कम गुणवत्ता वाली वस्तु देकर शोषण करना।
(iv) ऊँची कीमत द्वारा-ऊँची कीमत वसूल करके भी उपभोक्ता का शोषण किया जाता है।
(v) डुप्लीकेट वस्तुएँ-सही कंपनी का डुप्लीकेट वस्तुएँ प्रदान करके उपभोक्ता का शोषण होता है।
प्रश्न 19. बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के क्या कारण हैं ?
उत्तर- बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन के निम्नलिखित कारण हैं :
(i) तेजी से बढ़ती हुई जनसंख्या-बिहार में जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। इसके चलते विकास के लिए साधन कम हो जाते हैं। अधिकांश साधन जनसंख्या के भरण-पोषण में चला जाता है
(ii) आधारिक संरचना का अभाव-किसी भी देश या राज्य के विकास के लिए आधारिक संरचना का होना आवश्यक है । लेकिन बिहार इस मामले में काफी पीछे है। राज्य में सड़क, बिजली एवं सिंचाई का अभाव है। साथ ही शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ भी कम हैं। इस वजह से बिहार में पिछड़ेपन की स्थिति कायम है।
(iii) कृषि पर निर्भरता-बिहार की अर्थव्यवस्था पूरी तरह कृषि पर निर्भर है। यहाँ की अधिकांश जनता कृषि पर ही निर्भर है।
(iv) बाढ़ तथा सूखा से क्षति-बिहार में, खासकर उत्तरी बिहार में नेपाल से आये जल से बाढ़ आती है। हर साल बाढ़ का आना लगभग तय है। इससे जान-माल की काफी क्षति होती है। हाल के कोसी का प्रलय इसके प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। इसी तरह सूखे की मार दक्षिणी बिहार को झेलनी पड़ती है। इससे हमारे किसानों को अकाल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है।
(v) औद्योगिक पिछड़ापन-किसी भी देश या राज्य के लिए उद्योगों का विकास जरूरी होता है। यहाँ के सभी खनिज क्षेत्र एवं बड़े उद्योग तथा प्रतिष्ठित अभियांत्रिकी संस्थाएँ सभी झारखण्ड में चले गए। इस कारण बिहार में कार्यशील औद्योगिक इकाइयों की संख्या नगण्य रह गई है।
(vi) गरीबी-बिहार में गरीबी का भार सर्वाधिक है। राज्य में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के आधे से भी कम है। इसके चलते भी बिहार पिछड़ा है।
(vii) खराब विधि-व्यवस्था-किसी भी देश या राज्य के लिए शांति तथा सुव्यवस्था जरूरी होती है। लेकिन बिहार में वर्षों से कानून-व्यवस्था कमजोर स्थिति में थी जिसके चलते उद्योग व निवेश को प्रोत्साहन नहीं मिल सका। इस खराब विधि-व्यवस्था के कारण बिहार एक पिछड़ा राज्य बन गया।।
(viii) कुशल प्रशासन का अभाव-बिहार की प्रशासनिक स्थिति ऐसी हो गई है जिसमें पारदर्शिता का अभाव है। सारा प्रशासनिक तंत्र भ्रष्टाचार के दलदल में डूबा है जिसके कारण बिहार का विकास नहीं हो पा रहा है।
प्रश्न 20. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयों पर प्रकाश डालें।
उत्तर- वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्नलिखित कठिनाइयाँ हैं :
(i) आवश्यकता के दोहरे संयोग का अभाव-आवश्यकता के दोहरे संयोग का मतलब है कि एक की जरूरत दूसरे से मेल खा जाए । जैसे गेहूँ के बदले चावल का खरीददार मौजूद हो । लेकिन ऐसा कभी संयोग ही होता था कि किसी की जरूरत किसी से मेल खा जाए । वस्तु विनिमय प्रणाली की यह महत्त्वपूर्ण कठिनाई थी।
(ii) मूल्य के सामान्य मापक का अभाव-वस्तु विनिमय प्रणाली की दूसरी बड़ी कठिनाई मूल्य के मापने से संबंधित थी। कोई ऐसा सर्वमान्य मापक नहीं था जिसकी सहायता से सभी प्रकार की वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को ठीक प्रकार से मापा जा सके । अर्थात् एक किलो चावल के बदले कितना दूध दिया जाए; आदि ।
(iii) संचय का अभाव-वस्तु विनिमय प्रणाली में लोगों के द्वारा उत्पादित वस्तुओं के संचय की असुविधा थी। व्यवहार में व्यक्ति कुछ ऐसी वस्तुओं का उत्पादन करता है जो शीघ्र नष्ट हो जाती है। ऐसी शीघ्र नष्ट होनेवाली वस्तुएँ मछली, फल, सब्जी इत्यादि का लंबी अवधि तक संचय करना कठिन था।
(iv) सह विभाजन का अभाव-कुछ वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिनका विभाजन नहीं किया जा सकता है। यदि उनका विभाजन कर दिया जाए तो उनकी उपयोगिता नष्ट हो जाती है
(v) भविष्य के भुगतान की कठिनाई-वस्तु विनिमय प्रणाली में उधार लेने तथा देने में कठिनाई होती थी। इस प्रणाली में उधार देने वाले को घाटा होता था जबकि उधार लेने वाला फायदे में रहता था।
(vi) मूल्य हस्तांतरण की समस्या-वस्तु विनिमय प्रणाली में मूल्य के हस्तांतरण में कठिनाई होती थी। कठिनाई उस समय और अधिक बढ़ जाती थी जब कोई व्यक्ति एक स्थान को छोड़कर दूसरे स्थान पर बसना चाहता । ऐसी स्थिति में उसे अपनी सम्पत्ति छोड़कर जाना पड़ता था क्योंकि उसे बेचना कठिन था।
प्रश्न 21. संसाधन को परिभाषित कीजिए ।
उत्तर- उपयोग में आनेवाली सभी वस्तुएँ संसाधन कहलाती हैं । संसाधन भौतिक एवं जैविक दोनों हो सकते हैं। भूमि, मृदा, जल, खनिज जैसे विभिन्न भौतिक पदार्थ मानवीय आकांक्षाओं की पूर्ति में सहायक होकर संसाधन बन जाते हैं, तो वहीं दूसरी ओर वनस्पति, वन्य-जीव, जलीय-जीव आदि जैविक संसाधन हैं, जो मानवीय जीवन को सुखद बनाते हैं
प्रश्न 22. जल संसाधन के क्या उपयोग हैं ? लिखें।
उत्तर- जल की महत्ता को प्राचीन भारतीय ग्रंथ में ‘जल ही जीवन है’ कहकर निरूपित किया गया है। प्राणियों में 65 प्रतिशत तथा पौधों में 65-99 प्रतिशत जलीय अंश विद्यमान होता है। पेयजल, घरेलू कार्य, सिंचाई, उद्योग, हुआ । यहा जन स्वास्थ्य, स्वच्छता तथा मल-मूत्र विसर्जन आदि कार्यों में जल संसाधन का उपयोग अपरिहार्य है। साथ ही विकास के अन्य रूपों-जल-विद्युत निर्माण, परमाणु संयंत्र-शीतलन, मत्स्य पालन, जलकृषि, वानिकी आदि में भी जल संसाधन के उपयोग होते हैं।
प्रश्न 23. खनिज क्या है ?
उत्तर- खनिज धात्विक एवं अधात्विक पदार्थों का संयोग है, जिसमें रासायनिक एवं भौतिक विशिष्टताएँ निहित होती हैं। ये निश्चित रासायनिक संयोजन एवं विशिष्ट आंतरिक परमाणविक संरचना वाले गुणों से युक्त होते हैं।
प्रश्न 24. मुम्बई हाई तेल उत्पादक क्षेत्र का परिचय दें।
उत्तर- मुम्बई हाई क्षेत्र मुम्बई तट से 176 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम दिशा में अरब सागर में स्थित है । यहाँ 1975 में तेल खोजने का कार्य शुरू समुद्र में सागर सम्राट नामक मंच बनाया गया है जो एक जलयान है और पानी के भीतर तेल के कुँए खोदने का कार्य करता है । यहाँ 80 करोड़ टन तेल के भण्डार का अनुमान है
प्रश्न 25. भारत के प्रमुख राष्ट्रीय जलमार्गों के बारे में लिखिए।
उत्तर- भारत के पाँच राष्ट्रीय जलमार्ग हैं:
(i) राष्ट्रीय जलमार्ग 1-इलाहाबाद से हल्दिया के बीच 1620 कि० मी० की लंबाई में है।
(ii) राष्ट्रीय जलमार्ग 2-सदिया से धुबरी के बीच 891 कि० मी० की लंबाई में ब्रह्मपुत्र नदी में विकसित है।
(iii) राष्ट्रीय जलमार्ग 3-कोलम से कोट्टापुरम के बीच 205 कि० मी० लंबा यह जलमार्ग चंपाकारा तथा उद्योगमंडल नहरों सहित पश्चिमी तट नहर में विकसित है।
(iv) राष्ट्रीय जलमार्ग 4-1095 कि० मी० में गोदावरी-कृष्णा के सहारे पुड्डुचेरी-काकीनाडा नहर के सहारे आंध्रप्रदेश,तमिलनाडु एवं पुड्डुचेरी में फैला है।
(v) राष्ट्रीय जलमार्ग 5-यह 623 कि० मी० की लंबाई में उड़ीसा राज्य में ईस्ट-कोस्ट केनाल, मताई नदी, ब्राह्मणी नदी एवं महानदी डेल्टा के सहारे विकसित की जा रही है।
प्रश्न 26. बिहार के अत्यधिक घनत्व वाले जिलों का नाम लिखिए।
उत्तर-बिहार राज्य में अत्यधिक घनत्व वाले जिले क्रमशः पटना, दरभंगा, वैशाली, बेगूसराय, सीतामढ़ी एवं सारन हैं। इन जिलों में जनसंख्या घनत्व औसतन 1200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
प्रश्न 27. विकास के स्तर के आधार पर संसाधनों का वर्गीकरण करें।
उत्तर- (i) संभावी संसाधन (Potential Resources) ये वे संसाधन हैं, जो किसी प्रदेश में विद्यमान होते हैं, परंतु इनका उपयोग नहीं किया गया है । उदाहरण के तौर पर भारत के पश्चिमी भाग, विशेषकर राजस्थान और गुजरात में पवन ऊर्जा और सौर ऊर्जा संसाधनों की अपार संभावनाएँ हैं, परन्तु इनका सही ढंग से विकास नहीं हुआ है ।
(ii) विकसित संसाधन (Developed Resources)-वे संसाधन जिनका सर्वेक्षण किया जा चुका है और उनके उपयोग की गुणवत्ता और मात्रा निर्धारित की जा चुकी है, विकसित संसाधन कहलाते हैं । संसाधनों का विकास प्रौद्योगिकी और उनकी सम्भाव्यता के स्तर पर निर्भर करता है । उदाहरण के लिए, भारत के पास कोयला संसाधनों के कुल 2,47,847 मिलियन टन भंडार हैं।
(iii) भंडार (Stock)-पर्यावरण में उपलब्ध वे पदार्थ जो मानव की आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं परंतु उपयुक्त प्रौद्योगिकी के अभाव में उसकी पहुंच से बाहर हैं; भंडार में शामिल हैं । उदाहरण के लिए जल दो ज्वलनशील गैसों, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का यौगिक है तथा यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत बन सकता है । परंतु इस उद्देश्य से इनका प्रयोग करने के लिए हमारे पास आवश्यक तकनीकी ज्ञान नहीं है ।
(iv) संचित कोष-यह संसाधन भंडार का ही हिस्सा है, जिन्हें उपलब्ध तकनीकी की सहायता से प्रयोग में लाया जा सकता है परंतु भावी पीढ़ियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए इनके प्रयोग को अभी स्थगित कर दिया गया है । उदाहरण के लिए भारत के पास वर्तमान पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में वन हैं, परंतु भावी पीढ़ियों के लिए उन्हें सुरक्षित रखा गया है।
प्रश्न 28. भारत में सूती वस्त्र उद्योग के वितरण का वर्णन करें।
उत्तर- सूती वस्त्र उद्योग एक कृषि उत्पाद आधारित उद्योग है, जो कपास पर निर्भर है, जिसमें उद्योगों की स्थापना के सामान्य कारक के अतिरिक्त जलवायु जैसी कारक भी स्थानापन्न प्रमुख कारक हैं। क्योंकि आर्द्र जलवायु सूत की लंबाई एवं सुन्दरता के नियामक हैं। भारत में सूती-वस्त्र उद्योग का एक लंबा इतिहास रहा है।
अविभाजित भारत में ढाका का मलमल विश्व में विख्यात था। 1818 ई० में कोलकाताके निकट फोर्ट ग्लास्टर में प्रथम सूती-वस्त्र उद्योग लगाये गए थे। पर, यह सफल नहीं हो सकी । पुनः 1854 ई० में मुम्बई में काबसजी-नानाभाई डाबर द्वारा एक सफल उद्योग की स्थापना हुई जिसने भारतीय सूती वस्त्र उद्योग को आधार प्रदान किया।
आज भारत के सबसे विशाल उद्योग के रूप में सूती वस्त्र उद्योग को जाना जाता है । यह देश का दूसरा सबसे बड़ा रोजगार प्रदान करने वाला उद्योग है। वर्तमान में देश के औद्योगिक उत्पादन में इस उद्योग का 14 % योगदान है। जबकि देश के कुल GDP का 4% सहयोग सूती-वस्त्र उद्योग से प्राप्त होता है । विदेशी आय के कुल आय का 17 प्रतिशत (2006-07) इसी उद्योग के कारण है।
आज भारत में सूती वस्त्र की लगभग 1600 मिलें हैं। 80 प्रतिशत मिलें निजी क्षेत्र में स्थापित हैं प्रमुख सूती वस्त्र उत्पादक राज्यों में महाराष्ट्र, गुजरात, प० बंगाल, उ० प्रदेश, तमिलनाडु प्रमुख हैं। इस उद्योग का राष्ट्रव्यापी विकेन्द्रीकरण हुआ है। यहाँ से सं० रा०, अमेरिका, इंगलैण्ड, रूस, फ्रांस, यूरोप के पूर्वी देश सहित नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका एवं अफ्रीकी देशों को सूती वस्त्र निर्यात किया जाता है।
प्रश्न 29. आपदा प्रबंधन की आवश्यकता क्यों है ?
उत्तर- आपदा प्रबंधन की आवश्यकता आपदा के पूर्व एवं पश्चात् होने वाली क्षति को कम करने या बचने से है। प्राकृतिक आपदा या मानवनिर्मित आपदा इत्यादि के घटित होने से अधिक मात्रा में जैविक एवं अजैविक संसाधनों का नुकसान होता है। इसी संदर्भ में लोगों को विशेष प्रशिक्षण देकर इसके प्रभाव को कम करना, आपदा प्रबंधन कहलाता है।
प्रश्न 30. सुनामी के प्रमुख लक्षण लिखिए ।
उत्तर- (i) उत्तरदायी कारक-भूकंपों, भूस्खलनों, ज्वालामुखी विस्फोटों, ब्रह्मांडीय तत्त्वों, जैसे उल्का पिण्डों के प्रभाव के कारण सुनामी पैदा हो सकती है
(ii) लहरों की अधिक लंबाई तथा तेज गति-एक सुनामी की लहरों
की लंबाई 100 कि०मी० से अधिक तथा गति 50 कि०मी० प्रति घंटा से अधिक हो सकती है।
(iii) लहरों का सिलसिला-सुनामी में लहरों का सिलसिला होता है । अधिकतर पहली लहर सबसे बड़ी नहीं होती । पहली लहर आने के बाद परवर्ती सुनामी लहरों से खतरा कई घंटों तक बना रहता है ।
(iv) अत्यधिक शक्ति-कुछ सुनामी लहरों की शक्ति बहुत अधिक होती है । ये सुनामी लहरें कई टन भारी चट्टानों, नावें तथा अन्य मलबा अनेक मीटर पानी के अंदर ले जाती हैं । घर तथा अन्य इमारतें नष्ट हो जाती हैं । सभी तैरते हुए पदार्थ तथा पानी बहुत शक्ति के साथ बहता है तथा लोगों को जख्मी कर या मौत के घाट उतार सकता है ।
प्रश्न 31. आपदा के संदर्भ में तलाश तथा बचाव क्रियाओं का वर्णन करें।
उत्तर- यह विशेष रूप से प्रशिक्षित लोगों के समूह अथवा किसी एक व्यक्ति द्वारा प्रस्तुत तकनीकी क्रिया है, जो संकटकालीन स्थितियों में उन घायलों की देखभाल तथा बचाव करते हैं, जहाँ जीवन को खतरा होता है । तलाश तथा बचाव के उपाय समुदाय के पूर्ण सहयोग तथा टीम भावना से ही संभव हो पाते हैं।
प्रश्न 32. प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले किसी एक वैकल्पिक संचार माध्यम की चर्चा कीजिए
उत्तर -प्राकृतिक आपदा में उपयोग होने वाले वैकल्पिक संचार माध्यमों में रेडियो संचार प्रमुख है । रेडियो संचार में इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंग होते हैं जो एक स्थान से दूसरे स्थानों पर सूचना भेजने का कार्य करते हैं। रेडियो संचार
में विभिन्न दूरी के अनुसार फ्रीक्वेंसी को सेट करते हैं तथा सूचना प्राप्त करते हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में यह संचार-व्यवस्था प्रमुख हो जाती है।
प्रश्न 33. गैरीबाल्डी के कार्यों की चर्चा करें।
उत्तर- गैरीबाल्डी ने अपने कर्मचारियों तथा स्वयंसेवकों की सशस्त्र सेना बनायी। उसने अपने सैनिकों को लेकर इटली के प्रांत सिसली तथा नेपल्स पर आक्रमण किए। इन रियासतों की अधिकांश जनता बू| राजवंश के निरंकुश शासन से तंग होकर गैरीबाल्डी की समर्थक बन गयी। गैरीबाल्डी ने यहाँ गणतंत्र की स्थापना की तथा विक्टर इमैनुएल के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ की सत्ता संभाली ।
दक्षिणी इटली के जीते गए क्षेत्रों को बिना किसी संधि के गैरीबाल्डी ने विक्टर इमैनुएल को सौंप दिया। वह अपनी सारी सम्पत्ति राष्ट्र को समर्पित कर साधारण किसान की भाँति जीवन जीने की ओर अग्रसर हुआ । इटली के एकीकरण में गैरीबाल्डी का महत्त्वपूर्ण योगदान था।
प्रश्न 34. पाण्डुलिपि क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर- भारत में छापाखाना के विकास के पहले हाथ से लिखकर पाण्डुलिपियों को तैयार करने की पुरानी और समृद्ध परम्परा थी । यहाँ संस्कृत, अरबी एवं फारसी साहित्य की अनेकानेक तस्वीरयुक्त सुलेखन कला से परिपूर्ण साहित्यों की रचनाएँ होती रहती थीं। इन्हें मजबूती प्रदान करने के लिए सजिल्द भी किया जाता था। फिर भी पाण्डुलिपियाँ काफी नाजुक और महंगी होती थीं। पाण्डुलिपियों की बनावट कठिन होने एवं प्रचुरता से उपलब्ध नहीं होने के कारण यह आम जनता के पहुँच से बाहर थी।
प्रश्न 35. रासायनिक हथियारों एवं एजेंट ऑरेंज का वर्णन करें।
उत्तर- रासायनिक हथियार-नापाम-यह एक तरह का आर्गेनिक कम्पाउण्ड है जो अग्नि बमों में गैसोलिन के साथ मिलकर एक ऐसा मिश्रण तैयार करता था जो त्वचा से चिपक जाता और जलता रहता था। इसका व्यापक पैमाने पर वियतनाम में प्रयोग किया गया था। रासायनिक हथियार एजेंट ऑरेंज का भी अमरीकी सैनिकों द्वारा वियतनाम युद्ध में इस्तेमाल किया गया। यह एक ऐसा जहर था
जिससे पेड़ों की पत्तियाँ तुरत झुलस जाती थीं एवं पेड़ मर जाते थे। जंग को खत्म करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता था । इनका इस्तेमाल जंगलों के साथ-साथ खेतों और आबादी दोनों पर जमकर किया गया। इस जहर का असर आज भी वहाँ की आबादी में नजर आता है, जन्मजात विकलांगता और कैंसर के रूप में ।
प्रश्न 36. जतरा भगत के बारे में आप क्या जानते हैं ? संक्षेप में बताएँ।
उत्तर- अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासियों (छोटानागपुर क्षेत्र के उराँव) ने 1914 ई० से 1918 ई० के बीच विद्रोह किया जिसका नेता जतरा भगत था। इस आंदोलन में सामाजिक एवं शैक्षणिक सुधार पर विशेष बल दिया गया, जिसमें परमेश्वरवाद पर बल तथा मांस, मदिरा और आदिवासी नृत्यों से दूर रहने की बात कही गई।
प्रश्न 37. साइमन कमीशन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर भारत में संवैधानिक सुधार के मुद्दे पर विचार करने हेतु 1919 के भारत अधिनियम में यह व्यवस्था की गई कि 10 वर्ष के बाद एक आयोग नियुक्त किया जाएगा । यह आयोग अधिनियम में परिवर्तन पर विचार करेगा । सर जॉन साइमन के नेतृत्व में 1927 को साइमन कमीशन बना । जिस सात सदस्यीय आयोग का गठन किया गया
उसमें एक भी भारतीय नहीं था । भारत के स्वशासन के संबंध में निर्णय विदेशियों द्वारा किया जाना था । फलतः 3 फरवरी 1928 को बम्बई पहुँचने पर साइमन कमीशन का पूरे भारत में विरोध हुआ और जनता संघर्षरत हो गई ।
प्रश्न 38. आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय बनावट के दो प्रमुख आधार क्या हैं ?
उत्तर- आर्थिक तथा प्रशासनिक संदर्भ में ग्रामीण तथा नगरीय व्यवस्था के दो प्रमुख आधार हैं-(i) जनसंख्या का घनत्व तथा (ii) कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात । शहरों में जनसंख्या का घनत्व अधिक होता है जबकि कृषि आधारित आर्थिक क्रियाओं का अनुपात गाँवों में अधिक होता है।
प्रश्न 39. 1929 ई० के आर्थिक संकट के कारण और परिणाम को स्पष्ट करें।
उत्तर- 1929 ई० के आर्थिक संकट का बुनियादी कारण स्वयं इस अर्थव्यवस्था के स्वरूप में निहित था। प्रथम विश्वयुद्ध के चार वर्षों में यूरोप को छोड़कर बाजार आधारित अर्थव्यवस्था का विस्तार होता चला गया। उसके लाभ बढ़ते चले गए दूसरी ओर अधिकांश लोग गरीबी और अभाव में पिसते रहे । नवीन तकनीकी प्रगति तथा बढ़ते हुए मुनाफे के कारण उत्पादन में जो भारी वृद्धि हुई उससे ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई कि जो कुछ उत्पादित किया जाता था उसे खरीद सकने वाले लोग बहुत कम थे। कृषि क्षेत्र में अति उत्पादन की समस्या बनी हुई थी।
इससे कृषि उत्पादों की कीमतें कम हो गईं। गिरती कीमतों से किसानों की आय घटी, अतः इस स्थिति से निकलने के लिए उन्होंने उत्पादन को और बढ़ाया जिससे कीमतें और नीचे गिर गईं। कृषि उत्पाद पड़ी-पड़ी सड़ने लगी। अर्थशास्त्री काउलिफ ने अपनी पुस्तक “दि कॉमर्स ऑफ नेशन” में लिखा है कि विश्व के सभी भागों में कृषि उत्पादन एवं खाद्यान्न के मूल्य की विकृति 1929-32 ई० के आर्थिक संकट के मूल कारण थे। 1920 ई० के दशक के मध्य में बहुत सारे देशों ने अमेरिका से कर्ज लेकर अपनी युद्ध से तबाह हो चुके अर्थव्यवस्था को नये सिरे से विकसित करने का प्रयास किया ।
जब स्थिति अच्छी थी तब तक अमेरिकी पूँजीपतियों ने यूरोप को कर्ज दिए लेकिन अमेरिका की घरेलू स्थिति में संकट के कुछ संकेत मिलने के साथ ही वे लोग कर्ज माँगने लगे। इससे यूरोप के सभी देशों के समक्ष गहरा संकट आ खड़ा हुआ। इस परिस्थिति में यूरोप के कई बैंक डूब गए । महत्त्वपूर्ण देशों की मुद्रा-मूल्य गिर गई । अमेरिका में संकट के लक्षण देखते ही उसने संरक्षणात्मक उपाए करने आरंभ किए। आयातित वस्तुओं पर उन्होंने दो गुणा सीमा शुल्क लगा दिया,
साथ ही आयात की मात्रा भी सीमित किया। इस संकुचित आर्थिक राष्ट्रवाद ने विश्व व्यापार के बाजार आधारित अर्थव्यवस्था की कमर ही तोड़ दी। आर्थिक मंदी में अमेरिका के बाजारों में शुरू हुआ सट्टेबाजी की प्रवृत्ति भी निर्णायक रही। इस मंदी का बुरा प्रभाव अमेरिका को ही झेलना पड़ा । मंदी के कारण बैंकों ने लोगों को कर्ज देना बंद कर दिया और दिए हुए कर्ज की वसूली तेज कर दी। किसान अपनी उपज को बेच नहीं पाने के कारण तबाह हो गए।
कर्ज की कमी से कारोबार ठप्प पड़ गया। बैंकों ने लोगों के सामानों, मकान, कार, जरूरी चीजों को कुर्क कर लिया। लोग सड़क पर आ गए । कारोबार ठप्प पड़ने से बेरोजगारी बढ़ी । कर्ज की वसूली नहीं होने से बैंक बर्बाद हो गए एवं कई कंपनियाँ बंद हो गईं। 1933 ई० तक 4000 से ज्यादा बैंक बंद हो चुके थे और लगभग 110000 कंपनियाँ चौपट हो गई थीं। अन्य देशों पर होने वाले आर्थिक प्रभावों में जर्मनी और ब्रिटेन इस आर्थिक मंदी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ । महामंदी ने भारतीय व्यापार को भी प्रभावित किया।
1928-1934 ई० के बीच देश का आयात-निर्यात घटकर लगभग आधा रह गई। कृषि उत्पाद की कीमत काफी गिर गई, जिससे भारतीय किसान काफी प्रभावित हुए । सरकार की तरफ से किसानों को कोई
रियायत नहीं दी गई। इस मंदी ने सविनय अवज्ञा आंदोलन को आरंभ करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
प्रश्न 40. नई आर्थिक नीति क्या है ?
उत्तर- लेनिन ने 1921 ई० में एक नई नीति की घोषणा की जिसमें मार्क्सवाद के मूल्यों से कुछ हद तक समझौता करना पड़ा । नई आर्थिक नीति में निम्नलिखित प्रमुख बातें थीं :
(i) किसानों से अनाज लेने के स्थान पर एक निश्चित कर लगाया गया । बचा हुआ अनाज किसान का था, वह उसका मनचाहा इस्तेमाल कर सकता था।
(ii) यद्यपि यह सिद्धान्त में कायम रखा गया कि जमीन राज्य की है फिर भी व्यवहार में जमीन किसान की हो गई।
(iii) 20 से कम कर्मचारियों वाले उद्योगों को व्यक्तिगत रूप से चलाने का अधिकार मिल गया ।
(iv) उद्योगों का विकेन्द्रीकरण किया गया ।
(v) विभिन्न स्तरों पर बैंकों की स्थापना की गई।
(vi) विदेशी पूँजी भी सीमित तौर पर आमंत्रित की गई ।
(vii) व्यक्तिगत सम्पत्ति और जीवन की बीमा भी राजकीय एजेंसी द्वारा शुरू किया गया।
(viii) ट्रेड यूनियन की अनिवार्य सदस्यता समाप्त कर दी गई। नई आर्थिक नीति के द्वारा लेनिन ने उत्पादन की कमी को नियंत्रित किया। इसके परिणामस्वरूप कृषि एवं औद्योगिक उत्पादन में आशातीत वृद्धि हुई।
प्रश्न41. किन्हीं दो प्रावधानों का जिक्र करें जो भारत को धर्मनिरपेक्ष देश बनाते हैं ?
उत्तर- हमारे संविधान में धर्मनिरपेक्ष समाज की स्थापना हेतु निम्नलिखित प्रावधान किए गए हैं
(i) भारत में किसी भी धर्म को राजकीय धर्म के रूप में स्वीकार नहीं किया गया है। श्रीलंका में बौद्ध धर्म, पाकिस्तान में इस्लाम और ब्रिटेन में ईसाई धर्म को राजकीय धर्म का दर्जा दिया गया है किंतु भारत का संविधान किसी धर्म को विशेष दर्जा नहीं देता है।
(ii) संविधान में हर नागरिक को यह स्वतंत्रता दी गई है कि अपने विश्वास से वह किसी भी धर्म को अंगीकार कर सकता है। इस आधार पर उसे किसी अवसर से वंचित नहीं किया जा सकता है।
प्रश्न 42. लोकतंत्र में विरोधी पक्ष की भूमिका का उल्लेख करें ।
उत्तर- चुनाव हारने वाले दल, जो सरकार बनाने में असफल रहते हैं, विरोधी पक्ष की भूमिका निभाते हैं तथा वे सरकार के कामकाज, नीतियों एवं असफलताओं की आलोचना करने का महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं । वे तानाशाही सत्ता को अपनाने से सरकार को रोकते हैं । विरोधी दल सदन में कुछ विधियों का प्रयोग करते हैं,
जैसे-अविश्वास प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण ।
विधायिका से बाहर भी वे सरकार की संगठित आलोचना जारी रखते हैं । विरोधी पक्षों का काम विरोध करना, पोल खोलना तथा सत्ता से उतारना माना जाता है । इस प्रकार उनका उद्देश्य देश में एक बेहतर शासन सुनिश्चित करना होता है।
प्रश्न 43. पंचायती राज के उद्देश्यों का उल्लेख करें ।
उत्तर- पंचायती राज के मुख्य उद्देश्य हैं :
(i) ग्रामीण क्षेत्र की स्थानीय संस्थाओं को वास्तविक शक्तियाँ सौंपकर
लोकतंत्र का आधार मजबूत करना ।
(ii) स्थानीय मामलों के कार्यों में ग्रामीणों की अधिक साझेदारी सुनिश्चित करना ।
(iii) ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध मानव संसाधनों तथा अन्य संसाधनों का सही प्रयोग करना ।
(iv) ग्रामीणों के बीच आत्मनिर्भरता एवं सामुदायिक भावना को विकसित करना ।
(v) ग्रामीण क्षेत्र में सामुदायिक विकास योजनाओं को मूर्त रूप देना ।
(vi) ग्रामीण क्षेत्र के कमजोर वर्ग के लोगों को भी मुख्यधारा से जोड़ना, अर्थात ग्रामीण विकास योजनाओं में हाथ बँटाने का अवसर देना ।
प्रश्न 44. बिहार में हुए छात्र आंदोलन के प्रमुख कारण क्या थे ?
उत्तर- 1971-72 ई० के बाद के वर्षों में देश की सामाजिक-आर्थिक दशा में कोई सुधार नहीं हुआ था। बांग्लादेश से आये शरणार्थियों के चलते अर्थव्यवस्था और लड़खड़ा गयी। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि ने भारत की आर्थिक स्थिति को असंतुलित कर दिया । 1972-73 ई० में मानसून की असफलता के चलते पूरे देश में कृषि की पैदावार में काफी कमी आयी।
परिणामस्वरूप पूरे देश में असंतोष का माहौल था। मार्च 1974 ई० में प्रदेश में बेरोजगारी और भ्रष्टाचार एवं खाद्यान्न की कमी तथा कीमतों में हुई अप्रत्याशित वृद्धि के चलते बिहार के छात्रों ने सरकार के
विरुद्ध आंदोलन छेड़ दिया। बिहार के छात्रों ने अपने आंदोलन की अगुआई के लिए जयप्रकाश नारायण को आमंत्रित किया ।
प्रश्न 45. जीवन के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करें जिसमें भारत में स्त्रियों के साथ भेदभाव है या वे कमजोर स्थिति में हैं।
उत्तर- लैंगिक विभेद पर आधारित सामाजिक विभाजन सार्वजनिक क्षेत्र एवं निजी क्षेत्र दोनों में स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ता है। लड़के और लड़कियों के पालन-पोषण के क्रम में ही परिवार में यह भावना घर कर जाती है कि भविष्य में लड़कियों की मुख्य जिम्मेवारी गृहस्थी चलाने और बच्चों का पालन-पोषण तक ही सीमित होती है। और, उसकी पुष्टि श्रम के लैंगिक
विभाजन से हो जाती है। यह प्रवृत्ति कमोबेश सभी परिवारों में देखी जा सकती है। महिलाओं का कार्यक्षेत्र घर के अंदर तक ही सीमित रहता है।
उनका काम खाना बनाना, कपड़ा साफ करना, सिलाई-कढ़ाई करना और बच्चे का पालन-पोषण आदि है । पुरुष भी इन कार्यों को भलीभाँति कर सकता है। परंतु पुरुष वर्ग के दिमाग में यह विचारधारा घर बना चुका है कि औरत का जन्म इन घरेलू कार्यों को ही पूरा करने के लिए हुआ है । हमारा समाज अभी भी पितृ-प्रधान है। औरतों के साथ आज भी कई तरह के भेदभाव होते हैं। इस बात का संकेत निम्नांकित तथ्यों से मिलता है :
(i) महिलाओं में साक्षरता की दर अब भी मात्र 54 प्रतिशत है जबकि पुरुषों में 76 प्रतिशत । यद्यपि स्कूली शिक्षा में कई जगह लड़कियाँ अव्वल रही हैं फिर भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली लड़कियों का प्रतिशत बहुत ही ।
(ii) शिक्षा में लड़कियों के इसी पिछड़ेपन के कारण अब भी ऊँचे तनख्वाह वाले और ऊँचे पदों पर पहुँचने वाली महिलाओं की संख्या बहुत ही कम है।
(iii) यद्यपि एक सर्वेक्षण के अनुसार एक औरत औसतन रोजाना साढ़े सात घंटे से ज्यादा काम करती है जबकि एक मर्द औसतन रोज छः घंटे ही काम करता है। फिर भी पुरुषों द्वारा किया गया काम ही ज्यादा दिखाई पड़ता
है। क्योंकि उससे आमदनी होती है।
(iv) लैंगिक पूर्वाग्रह का काला पक्ष बड़ा दुखदायी है जब भारत के अनेक हिस्से में माँ-बाप को सिर्फ लड़के की चाह होती है। लड़की को जन्म लेने से पहले हत्या कर देने की प्रवृत्ति इसी मानसिकता का परिणाम है।
प्रश्न 46. भारत में लोकतंत्र कैसे सफल हो सकता है ?
उत्तर- भारत में लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि सर्वप्रथम जनता शिक्षित हो । शिक्षा ही उनके भीतर जागरूकता पैदा कर सकती है । यह सच्चाई है कि लोकतांत्रिक सरकारें बहुमत के आधार पर बनती हैं किंतु लोकतंत्र का अर्थ बहुमत की राय से चलने वाली व्यवस्था नहीं है बल्कि यहाँ अल्पमत की आकांक्षाओं पर ध्यान देना आवश्यक है। भारतीय लोकतंत्र की सफलता के लिए यह आवश्यक है
कि सरकारें प्रत्येक नागरिक को यह अवसर अवश्य प्रदान करें ताकि वे किसी न किसी अवसर पर बहुमत का हिस्सा बन सकें। लोकतंत्र की सफलता के लिए यह भी आवश्यक है कि व्यक्ति के साथ-साथ विभिन्न लोकतांत्रिक संस्थाओं के अंदर आंतरिक लोकतंत्र हो । विडंबना है कि भारतवर्ष में नागरिकों के स्तर पर और खासतौर पर राजनीतिक दलों के अंदर आंतरिक विमर्श अथवा आंतरिक लोकतंत्र की स्वस्थ परम्परा का अभाव है।
जाहिर है कि इसके दुष्परिणाम के तौर पर सत्ताधारी लोगों के चरित्र एवं व्यवहार गैर लोकतांत्रिक दिखेंगे और लोकतंत्र के प्रति हमारे विश्वास में कमी होगी । इसे हम अपनी सक्रिय भागीदारी एवं लोकतंत्र में अटूट विश्वास से दूर कर सकते हैं।
प्रश्न 47. मिश्रित अर्थव्यवस्था क्या है ?
उत्तर- मिश्रित अर्थव्यवस्था पूँजीवादी तथा समाजवादी अर्थव्यवस्था का मिश्रण है। मिश्रित अर्थव्यवस्था वह अर्थव्यवस्था है जहाँ उत्पादन के साधनों का स्वामित्व सरकार तथा निजी व्यक्तियों दोनों के पास होता है। भारत एक मिश्रित अर्थव्यवस्था वाला देश है। यह अर्थव्यवस्था पूँजीवाद एवं समाजवाद के बीच का रास्ता है। (It is a mid way between capitalism and socialism.)
प्रश्न 48. मार्शल द्वारा दी गई राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें।
उत्तर- मार्शल के अनुसार, “किसी देश की श्रम एवं पूँजी का उसके प्राकृतिक साधनों का प्रयोग करने से प्रतिवर्ष भौतिक तथा अभौतिक वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार की सेवाओं का जो शुद्ध समूह उत्पन्न होता है उसे राष्ट्रीय आय कहते हैं।”
प्रश्न 49. मौद्रिक प्रणाली क्या है ?
उत्तर- मौद्रिक प्रणाली में विनिमय का सारा कार्य मुद्रा की सहायता से होता है। इस प्रणाली में पहले कोई व्यक्ति अपनी वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त करता है और फिर उस मुद्रा से अपनी जरूरत की अन्य वस्तुएँ प्राप्त करता है। चूंकि इस प्रणाली में मुद्रा, विनिमय के माध्यम का कार्य करती है। इसलिए इसे मौद्रिक विनिमय प्रणाली कहा जाता है।
प्रश्न 50. आप किसी खाद्य पदार्थ संबंधी वस्तुओं को खरीदते समय कौन-कौन सी मुख्य बातों का ध्यान रखेंगे? बिन्दुवार उल्लेख करें।
उत्तर- किसी खाद्य पदार्थ संबंधी वस्तुओं को खरीदते समय हम निम्न बातों का ध्यान रखेंगे :
(i) अवयवों की सूची
(ii) वजन या परिमाण
(iii) निर्माता का नाम व पता
(iv) निर्माण की तिथि
(v) इस्तेमाल की समाप्ति
(vi) निरामिष/सामिष चिह्न
(vii) डाले गए रंग और खुशबू की घोषणा
(viii) पोषाहार का दावा-सम्मिलित पौष्टिक तत्त्वों की मात्राएँ
(ix) स्वास्थ्य के प्रति हानिकारक चेतावनी
(x) वैधानिक चेतावनी ।
प्रश्न 51. बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के उपायों का वर्णन करें।
उत्तर- बिहार के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा सकते हैं :
(i) जनसंख्या पर नियंत्रण-राज्य में तेजी से बढ़ती हुए जनसंख्या को नियंत्रित कर आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इसके लिए परिवार नियोजन कार्यक्रम को अपनाया जाए। इसके लिए राज्य में पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं को शिक्षित किया जाए।
(ii) कृषि में तेजी से विस्तार-बिहार में कृषि ही जीवन का आधार है। अतः कृषि में नए यंत्रों का प्रयोग किया जाए । उत्तम खाद, उत्तम बीज, का प्रयोग किया जाए ताकि उपज में वृद्धि लायी जा सके।
(iii) बाढ़ पर नियंत्रण-बिहार के विकास में बाढ़ एक बहुत बड़ा बाधक है। इससे जान-माल की काफी क्षति होती है। बाढ़ नियंत्रण के लिए नेपाल सरकार से वार्ता कर उचित कदम उठाने की जरूरत है। जल के प्रबंधन के द्वारा सिंचाई व बिजली जैसी सुविधाओं का पर्याप्त विकास किया जा सकता है।
(iv) आधारिक संरचना का विकास-बिहार में आधारिक संरचना, यथा-बिजली, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, बैंकिंग आदि की कमी है। इन क्षेत्रों आर्थिक विकास को त्वरित किया जा सकता है।
(v) उद्योगों का विकास-बिहार से झारखण्ड के अलग होने से यह राज्य लगभग उद्योग विहीन हो गया था। मुख्यतः चीनी मिलें, बिहार के हिस्से में रह गई थीं जो अधिकतर बंद पड़ी हैं। लेकिन विगत वर्षों में निवेश को प्रोत्साहित करने के कदम उठाये जा रहे हैं।
(vi) गरीबी दूर करना-बिहार में गरीबी का सबसे अधिक प्रभाव है। गरीबी रेखा के नीचे लगभग 42 प्रतिशत से अधिक लोग यहाँ जीवन बसर कर रहे हैं। इसके लिए रोजगार की व्यवस्था की जाए। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उन्हें प्रशिक्षण दिया जाए । में पर्याप्त सुधार
(vii) शांति व्यवस्था की स्थापना-बिहार में शांति का माहौल कायम कर निवेशकों में विश्वास जगाया जा सकता है तथा आर्थिक विकास की गति को तीव्र किया जा सकता है।
(viii) स्वच्छ तथा ईमानदार प्रशासन-बिहार के आर्थिक विकास के लिए स्वच्छ, कुशल तथा ईमानदार प्रशासन आवश्यक है।
(ix) केन्द्र से अधिक मात्रा में संसाधनों का हस्तांतरण-बिहार के विकास के लिए केन्द्र से अधिक मात्रा में संसाधनों के हस्तान्तरण की आवश्यकता है । कुछ राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देकर उन्हें अधिक मात्रा में केन्द्रीय सहायता दी जाती है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए जिससे राज्य को अधिक वित्तीय सहायता प्राप्त हो सके जिसका उपयोग राज्य के विकास के लिए किया जा सकता है।
प्रश्न 52. मुद्रा के कार्यों पर प्रकाश डालें।
उत्तर- आधुनिक समय में मुद्रा बहुत सारे कार्यों को सम्पन्न करती है। मुद्रा के निम्नलिखित कार्य हैं
(i) विनिमय का माध्यम
(ii) मूल्य का मापक
(iii) विलंबित भुगतान का मान
(iv) मूल्य का संचय
(v) क्रय-शक्ति का हस्तांतरण तथा
(vi) साख का आधार । मुख्यतः मुद्रा के चार कार्य हैं-मुद्रा के इन चार कार्यों को प्रायः अंग्रेजी की एक कविता द्वारा निम्न प्रकार से व्यक्त किया जाता है : Money is a matter of function four,ma medium, a measure, a standard, a store. अर्थात्-मुद्रा के हैं चार कार्य महान-माध्यम, मापन, संचय, भुगतान ।
(i) विनिमय का माध्यम-मुद्रा विनिमय का एक माध्यम है । क्रय तथा विक्रय दोनों में ही मुद्रा मध्यस्थ का कार्य करती है। मुद्रा के आविष्कार के कारण अब आवश्यकताओं के दोहरे संयोग के अभाव की कठिनाई उत्पन्न नहीं होती । अब वस्तु या सेवा को बेचकर मुद्रा प्राप्त की जाती है तथा मुद्रा से अपनी जरूरत की अन्य वस्तुएँ खरीदी जाती हैं। इस तरह मुद्रा ने विनिमय के कार्य को बहत ही आसान बना दिया है।
(ii) मूल्य का मापक-मुद्रा मूल्य का मापक है । मुद्रा के द्वारा वस्तुओं का मूल्यांकन करना सरल हो गया है। किस वस्तु का कितना मूल्य होगा, मुद्रा द्वारा यह पता लगाना सरल हो गया है।
(iii) विलंबित भुगतान का मान-आधुनिक युग में बहुत से आर्थिक कार्य उधार पर होता है और उसका भुगतान बाद में किया जाता है। अर्थात् भुगतान विलंबित या स्थगित होता है । मुद्रा विलंबित भुगतान का एक सरल
साधन है।
(iv) मूल्य का संचय-मनुष्य भविष्य के लिए कुछ बचाकर रखना चाहता है । वर्तमान आवश्यकताओं के साथ ही साथ भविष्य की आवश्यकताएँ भी महत्त्वपूर्ण हैं । मुद्रा में यह गुण है कि इसे संचित या जमा करके रखा जा सकता है।
(v) क्रय-शक्ति का हस्तांतरण-मुद्रा का एक आवश्यक कार्य क्रयशक्ति का हस्तांतरण भी है। मुद्रा में सामान्य स्वीकृति का गुण है। अतः कोई भी व्यक्ति किसी एक स्थान पर अपनी सम्पत्ति बेचकर किसी अन्य स्थान पर नयी संपत्ति खरीद सकता है । मुद्रा के माध्यम से क्रयशक्ति को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को हस्तांतरित किया जा सकता है
(vi) साख का आधार-वर्तमान समय में मुद्रा साख के आधार पर कार्य करती है। मुद्रा के कारण ही साख पत्रों का प्रयोग बड़े पैमाने पर होता है
प्रश्न 53. जैव तथा अजैव संसाधन क्या हैं ? कुछ उदाहरण दें।
उत्तर- जैव संसाधन -“वे सभी संसाधन, जिनकी प्राप्ति जीवमंडल से होती है और जिनमें जीवन व्याप्त है, जैव संसाधन कहलाते हैं ।” जैव संसाधन हैं-वन, प्राणिजात आदि ।
(ख) अजैव-“वे सभी संसाधन जो निर्जीव वस्तुओं से बने हैं, अजैव संसाधन कहलाते हैं।” अजैव संसाधन नवीकरण योग्य तथा अनवीकरण योग्य दोनों होते हैं । भूमि तथा जल नवीकरण योग्य अजैव संसाधन हैं जबकि लोहा तथा बॉक्साइट अनवीकरण योग्य अजैव संसाधन हैं।
प्रश्न 54. बहुउद्देश्यीय परियोजना से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- विकास की ऐसी परियोजना, जिसमें विकास के कई उद्देश्यों की साथ-साथ पूर्ति हो सके, बहुउद्देश्यीय परियोजना कही जाती है। आजादी के बाद देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए नदी-घाटी परियोजनाओं पर बल दिया गया। इस परियोजना के विकास के कई उद्देश्य हैं-बाढ़ नियंत्रण, मृदा अपरदन पर रोक, सिंचाई एवं पीने योग्य जल की आपूर्ति, विद्युत उत्पादन, उद्योगों को जलापूर्ति, मत्स्य-पालन, वन्य जीव संरक्षण, पर्यटन, परिवहन आदि ।
प्रश्न 55. खनिजों का क्या महत्त्व है ?
उत्तर- खनिज हमारे जीवन अथवा अर्थव्यवस्था के लिए एक अनिवार्य अंग हैं, क्योंकि
(i) हर चीज जो हम इस्तेमाल करते हैं एक छोटी सूई से लेकर एक बड़ी इमारत तक, या फिर एक बड़ा जहाज आदि सभी खनिजों से बने हैं ।
(ii) खनिजों के निर्यात से देश विदेशी मुद्रा अर्जित करता है
(iii) खनिजों के खनन से लोगों को रोजगार मिलता है ।
(iv) कोयला तथा पेट्रोलियम जैसे खनिज ऊर्जा के प्रमुख स्रोत हैं ।
प्रश्न 56. स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को उदाहरण सहित वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर- स्वामित्व के आधार पर उद्योगों को दो भागों में विभाजित किया जा सकता है-
(a) सार्वजनिक उद्योग-इसका संचालन सरकार स्वयं करती है। जैसे-दुर्गापुर, भिलाई, राउरकेला स्थित लौह-इस्पात उद्योग।
(b) संयुक्त अथवा सहकारी उद्योग-ऐसे उद्योगों में दो या दो से अधिक व्यक्तियों या सहकारी समितियों का योगदान होता है। जैसे-ऑयल इंडिया लिमिटेड, महाराष्ट्र के चीनी उद्योग, अमूल उद्योग (गुजरात) आदि ।
प्रश्न 57. बिहार में धान की फसल के लिए उपयुक्त भौगोलिक दशाओं का उल्लेख करें।
उत्तर- बिहार में धान की फसल के लिए भौगोलिक दशाएँ :
(i) ऊष्णार्द्र जलवायु ।
(ii) तापमान-22°-32°C के बीच ।
(iii) वर्षा-150-300 cm (iv) मिट्टी-जलोढ़, चिकनी
(v) बोआई- -जून से अगस्त, कटाई-सितंबर से नवम्बर ।
प्रश्न 58. बिहार में अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले कौन-कौन हैं ?
उत्तर- बिहार राज्य में अत्यन्त कम घनत्व वाले जिले क्रमशः पश्चिमी चम्पारण, बाँका, जमुई एवं कैमूर हैं। इन जिलों में जनसंख्या घनत्व प्रायः 600 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से भी कम पाया जाता
प्रश्न 59. भारत में सूचना एवं प्रौद्योगिकी उद्योग का विवरण दीजिए।
उत्तर- सूचना-प्रौद्योगिकी उद्योग का संबंध ज्ञान से है । अतः इस उद्योग को ज्ञानाधारित उद्योग भी कहा जाता है। यह उद्योग एक प्रकार का फुटलूज उद्योग है जो कहीं भी लगाये जा सकते हैं। किसी भी उद्योग के उत्पादन को बढ़ाने के लिए विशिष्ट नवीन ज्ञान, उच्च प्रौद्योगिकी, अनवरत शोध-अनुसंधान की आवश्यकता है।
इन सभी वांछित आवश्यकता की पूर्ति सूचना-प्रौद्योगिकी से हो सकती है। इस प्रौद्योगिकी के आने से देश के आर्थिक ढाँचे एवं लोगों के जीवन पद्धति में काफी विकास हुआ है। इस उद्योग के अंदर आने वाले उत्पाद ट्रांजिस्टर, टेलिविजन, टेलीफोन, पेजर, रडार, सेल्यूलर टेलीकाम, लेजर, जैसे-प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष उपकरण, कम्प्यूटर की सामग्रियाँ हैं।
भारत में दूसरे प्रमुख उत्पादकों में बंगलौर, मुम्बई, दिल्ली, हैदराबाद, पूणे, चेन्नई, कोलकाता, कानपुर, लखनऊ आदि प्रमुख हैं। इस उद्योग के विकास से कई सूचना-प्रौद्योगिकी पार्क की स्थापना हो चुकी है। जो एकल विंडो एवं उच्च-आंकड़े संचार जैसी सुविधाएँ प्रदान कर रही हैं। इससे रोजगार का भी सृजन हुआ है।
प्रश्न 60. समोच्च रेखा क्या है ? इसके द्वारा विभिन्न प्रकार केढालों का प्रदर्शन किस प्रकार किया जाता है ?
उत्तर- समोच्च रेखा भूतल पर समुद्रतल से एक समान ऊँचाई को मिलाने वाली काल्पनिक रेखाएँ होती हैं। इस विधि को उच्चावच प्रदर्शन का सर्वश्रेष्ठ विधि माना जाता है। वास्तविक सर्वेक्षण के आधार पर इन रेखाओं को बादामी रंग से खींचा जाता है। प्रत्येक रेखा के मान को भी अंकित कर दिया जाता है।
विभिन्न प्रकार के उच्चावच को प्रदर्शित करने के लिए समोच्च रेखाओं के खींचने या बनाने का प्रारूप भिन्न-भिन्न होता है। एक समान ढाल को दिखाने के लिए समान दूरी पर रेखाएँ खींची जाती हैं। खड़ी ढाल को दिखाने के लिए समोच्च रेखाएँ पास-पास बनायी जाती हैं। इसके विपरीत मंद ढाल को दिखाने के लिए इन रेखाओं को दूर-दूर बनाया जाता है। सीढ़ीनुमा ढाल के लिए समोच्च रेखाएँ अंतराल पर परन्तु,
दो या तीन रेखाएँ एक साथ जोड़ में बनाई जाती हैं। इसी तरह अन्य अनेक भू-आकृतियों को समोच्च रेखाओं से प्रदर्शित किया जा सकता है
प्रश्न 61. आपदा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- प्रकृति में घटित होने वाली वैसी प्राकृतिक या मानवनिर्मित घटनाएँ जिनके घटित होने के फलस्वरूप अधिक संख्या में मानव, की मृत्यु एवं प्राकृतिक संसाधनों का नुकसान हो, आपदा कहलाता है। जैसे-भूकंप, बाढ़, सूखा, आतंकवाद इत्यादि ।
प्रश्न 62. भूकंप के कारण सुनामी कैसे पैदा होती हैं ?
उत्तर- 1. समुद्र के नीचे जब भी भूकंप आता है तो उस क्षेत्र का जल अपनी सम अवस्था से विस्थापित हो जाता है ।
2. समुद्र तल में विस्फोट पानी को ऊपर धकेलता है जिससे लहरें उत्पन्न होती हैं।
3. ये लहरें 500 कि.मी. प्रति घंटा की गति से सागर की गहराई में तेजी से बहती हैं।
4. जैसे ही ये लहरें तट के पास पहुँचती हैं तो इनकी गति कम हो जाती है परंतु इनकी ऊँचाई बढ़ जाती है ।
5. सुनामी तट पर बहुत अधिक शक्ति से पहुँचता है तथा मार्ग में आने वाली हर वस्तु को नष्ट कर देता है ।
प्रश्न 63. जीवन-रक्षक आकस्मिक प्रबंधन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर- आपदा के प्रारंभ होते ही प्रभावित लोगों को आपदा से निजात दिलाने के उद्देश्य से किए जाने वाले कार्य जीवन-रक्षक आकस्मिक प्रबंधन कहलाता है। इसके अंतर्गत सहायता पहुँचाने हेतु आमलोगों की एकजुटता
अधिक महत्त्वपूर्ण मानी जाती है जिसके कारण प्रभावित लोगों के जीवन बचाने का कार्य किया जाता है।
प्रश्न 64. सुखाड़ में मिट्टी की नमी को बनाए रखने के लिए आप क्या करेंगे?
उत्तर- सुखाड़ में मिट्टी की नमी को बनाये रखने के लिए घास का आवरण रहने देना चाहिए साथ ही खेतों की गहरी जुताई किया जाना चाहिए, जिससे मृदा में नमी बनी रहे ।
प्रश्न 65. 1848 ई० के फ्रांसीसी क्रांति के क्या कारण थे?
उत्तर-लुई फिलिप एक उदारवादी शासक था किंतु वह बहुत ही महत्त्वाकांक्षी शासक था। उसने अपने विरोधियों को खुश करने के लिए स्वर्णिम मध्यम वर्गीय नीति का अवलम्बन करते हुए 1840 ई० में गीजो को प्रधानमंत्री नियुक्त किया, जो कट्टर प्रतिक्रियावादी था। वह किसी भी तरह के वैधानिक, सामाजिक एवं आर्थिक सुधारों के विरुद्ध था। लुई फिलिप ने पूँजीपति वर्ग को साथ रखना पसंद किया,
जिसे शासन में कोई अभिरुचि नहीं थी और जो अल्पमत में भी था। उसके पास कोई भी सुधारात्मक कार्यक्रम नहीं था और न ही उसे विदेश नीति में ही किसी तरह की सफलता हासिल
हो रही थी। उसके शासनकाल में भुखमरी एवं बेरोजगारी व्याप्त होने लगी, जिसके कारण 1848 ई० की क्रांति हुई।
प्रश्न 66. रूसी क्रांति के किन्हीं दो कारणों का वर्णन करें।
उत्तर-रूसी क्रांति के दो कारण निम्नलिखित थे :
(i) जार की निरंकुशता एवं अयोग्य शासन- 1917 ई० से पूर्व रूस में निरंकुश जारशाही व्यवस्था कायम थी। राजतंत्र अपना विशेषाधिकार छोड़ने के लिए तैयार नहीं था। जार निकोलस-II, जिसके शासनकाल में क्रांति हुई, राजा के दैवी अधिकारों में विश्वास करता था। उसे आम लोगों की सुख-दुख की कतई चिंता नहीं थी। जार ने जो अफसरशाही व्यवस्था बनायी थी वह जड़ और अकुशल थी।
(ii) मजदूरों की दयनीय स्थिति- रूस में मजदूरों की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी। उन्हें काम अधिक करना पड़ता था। उनकी मजदूरी काफी कम थी। उसके पास कोई राजनीतिक अधिकार नहीं थे। अतः वे तत्कालीन व्यवस्था से असंतुष्ट थे।
प्रश्न 67. हिंद-चीन में फ्रांसीसी प्रसार का वर्णन करें।
उत्तर-17वीं शताब्दी में बहुत से फ्रांसीसी व्यापारी पादरी हिंद-चीन पहुँच गए। 1747 ई० के बाद से फ्रांस अन्नान में रुचि लेने लगा। 1787 ई० में कोचीन-चीन के शासक के साथ संधि का मौका मिला। 19वीं शताब्दी में अन्नान, कोचीन-चीन में फ्रांसीसी पादरियों की बढ़ती गतिविधियों के विरुद्ध उग्र आंदोलन हो रहे थे।
फिर भी 1862 ई० में अन्नान को सैन्यबल पर संधि के लिए बाध्य किया गया। उसके अगले वर्ष कंबोडिया भी संरक्षण में ले लिया गया और 1783 ई० में तोंकिन में फ्रांसीसी सेना का प्रवेश हुआ । इसी तरह 20वीं शताब्दी के आरंभ तक सम्पूर्ण हिंद-चीन फ्रांस की अधीनता में आ गया।
प्रश्न 68. गुटेनबर्ग ने मुद्रण यंत्र का विकास कैसे किया ?
उत्तर-गुटेनबर्ग ने अपने ज्ञान एवं अनुभव से टुकड़ों में बिखरी मुद्रण कला के ऐतिहासिक शोध को संगठित एवं एकत्रित किया तथा टाइपों के लिए पंच, मेट्रिक्स, मोल्ड आदि बनाने का योजनाबद्ध तरीके से कार्य आरंभ किया। ,मुद्रण टाइप बनाने हेतु उसने शीशा, टिन और बिस्मथ धातुओं से उचित मिश्रधातु बनाने का तरीका ढूँढा । शीशे का प्रयोग सस्ता और स्याही के स्थानान्तरण की क्षमता के कारण किया गया।
रांगा तथा टिन का उपयोग उसकी कठोरता एवं गलाने के गुणों के कारण किया गया । गुटेनबर्ग ने आवश्यकता के अनुसार मुद्रण स्याही भी बनाई और हैण्डप्रेस का प्रथम बार मुद्रण कार्य सम्पन्न करने में प्रयोग किया। इस हैण्डप्रेस में लकड़ी के चौकट में दो समतल भाग प्लेट एवं बेड-एक के नीचे दूसरा समानान्तर रूप से रखे गए थे।
कम्पोज किया हुआ टाइप मैटर बेड पर कस दिया जाता था एवं उस पर स्याही लगाकर तथा कागज रखकर प्लेट द्वारा दबाकर मुद्रित किया जाता था। इस प्रकार एक सुस्पष्ट एवं शीघ्र कार्य करने वाला गुटेनबर्ग का ऐतिहासिक मुद्रण शोध-1440 वें वर्ष में आरंभ हुआ ।
प्रश्न 69. दांडी यात्रा का क्या उद्देश्य था ?
उत्तर-दांडी यात्रा का उद्देश्य दांडी समुद्र तट पर पहुँचकर समुद्र के पानी से नमक बनाकर, नमक कानून का उल्लंघन कर, सरकार को बताना था कि नमक पर कर बढ़ाना अनुचित फैसला है । साथ ही, यह सरकार के खिलाफ सविनय अवज्ञा आन्दोलन के शुरूआत का संकेत भी था ।
प्रश्न 70. ग्रामीण तथा नगरीय जीवन के बीच किन्हीं दो भिन्नताओं का उल्लेख करें।
उत्तर-गाँव और शहर के बीच काफी भिन्नताएँ हैं। गाँव की आबादी कम होती है, नगर की ज्यादा । गाँव में खेती और पशुपालन मुख्य आजीविका है, शहर में व्यापार और उत्पादन । गाँव में प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ है, शहर में प्रदूषित । शिक्षा, यातायात, स्वास्थ्य सुविधाएँ आदि में शहर अधिक उन्नत अवस्था में होते है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में इन बुनियादी सुविधाओं-शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, संचार आदि का अभाव रहता है ।
शहर व्यक्ति को संतुष्ट करने के लिए अंतहीन संभावनाएँ प्रदान करता है जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित संभावनाएँ होती हैं। शहरों में जहाँ भव्य अट्टालिकाएँ होती हैं, गाँवों में छोटे-छोटे मिट्टी तथा ईंटों के बने घर होते हैं। ग्रामीण जीवन में जहाँ सादगी व संतुष्टि देखने को मिलती है वहीं नगरीय जीवन में ज्यादा चमक-दमक (बनावटी) व भागदौड़ तथा अंतहीन आवश्यकताओं के प्रति ललक देखने को मिलती है।
प्रश्न 71. हिंद-चीन में राष्ट्रवाद के विकास का वर्णन करें। (B.M.)
उत्तर-हिंद-चीन में फ्रांसीसी उपनिवेशवाद को समय-समय पर विद्रोहों का सामना तो आरंभिक दिनों से ही झेलना पड़ा था किंतु 20वीं शताब्दी के शुरू में यह और मुखर होने लगा। फान बोई चाऊ ने “द हिस्ट्री ऑफ द लॉस
ऑफ वियतनाम” लिखकर हलचल पैदा कर दी। 1905 ई० में जापान द्वारा रूस को हराना हिंद-चीनियों के लिए प्रेरणा
स्रोत बन गया साथ ही रूसो एवं माण्टेस्क्यू जैसे विचारकों के विचार भी इन्हें उद्वेलित कर रहे थे।
उसी समय एक दूसरे राष्ट्रवादी नेता फान चू त्रिन्ह हुए जिन्होंने राष्ट्रवादी आंदोलन के राजतंत्रीय स्वरूप को गणतंत्रवादी बनाने का प्रयास किया । जापान में शिक्षा प्राप्त करने गए छात्र उसी तरह के विचारों के समर्थक थे। सनयात सेन के नेतृत्व में चीन में सत्ता परिवर्तन ने उन्हें और बढ़ावा दिया। इन्हीं छात्रों में वियतनाम कुबान फुक होई (वियतनाम मुक्ति एसोसिएशन) की स्थापना की। हिंद-चीन में आरंभिक राष्ट्रवाद का विकास कोचीन-चीन अन्नाम, तोंकिन जैसे शहरों तक ही सीमित था
किंतु प्रथम विश्व युद्ध के आरंभ होने पर उन्हीं प्रदेशों के हजारों लोगों को सेना में भर्ती किया गया तथा हजारों मजदूरों को बेगार के लिए फ्रांस ले जाया गया । यहाँ के सैनिकों को युद्ध की प्रथम पंक्ति में रखा जाता था। अतः मारे जाने वालों में इनकी संख्या ज्यादा होती थी। इन सब बातों की प्रतिक्रिया हिंद-चीनी लोगों पर हुई थी। 1914 ई० में ही देशभक्तों ने “वियतनामी राष्ट्रवादी दल नामक संगठन बनाया जिसका प्रथम अधिवेशन कैण्टन में हुआ ।
जनता की हालत लगातार दयनीय होती जा रही थी। जनता ने इससे क्रुद्ध होकर 1919 ई० में चीनी बहिष्कार आंदोलन चलाया। हो-ची-मिन्ह 1930 ई० में वियतनाम में बिखरे राष्ट्रवादी गुटों को एकजुट कर वियतनाम कांग सान देंग’ अर्थात् वियतनाम कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की। 1930 ई० के दशक की विश्वव्यापी मंदी ने भी राष्ट्रवाद के विकास में योगदान किया। चावल, रबर आदि के दाम गिर गए थे। हिंद-चीन में बेरोजगारी बढ़ती चली जा रही थी। इस स्थिति से परेशान किसान भी साम्यवाद को अपना रहे थे और राष्ट्रवाद आंदोलन जोर पकड़ता जा रहा था।
दूसरी तरफ फ्रांसीसी सरकार का दमनचक्र काफी तीव्र एवं क्रूर होता जा रहा था। इस दमनचक्र में हजारों लोग मारे गए। आंदोलन दब-सा गया किंतु यह सोये हुए ज्वालामुखी के समान था जो अंदर ही अंदर खौलता रहा और भूमिगत\ आंदोलन की शुरूआत हो गयी। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 72. भारत में मजदूर आंदोलन के विकास का वर्णन करें।
उत्तर-यूरोप में औद्योगीकरण और मार्क्सवादी विचारों के विकास का प्रभाव अन्य देशों पर भी पड़ा और भारत में भी औद्योगिक प्रगति के साथ-साथ मजदूर वर्ग में चेतना जागृत हुई। 20वीं शताब्दी के आरंभिक वर्षों में में सुब्रह्मण्यम अय्यर ने मजदूरों के यूनियन के गठन की बात कही तो दूसरी ओर स्वदेशी आंदोलन का भी प्रभाव मजदूरों पर पड़ा ।
अहमदाबाद में मजदूरों ने अपने अधिकार को लेकर आंदोलन तेज कर दिया। गांधीजी ने मजदूरों की माँग का समर्थन किया और मिल-मालिकों के साथ मध्यस्थता का प्रयास किया । अतः उन्हीं के सुझाव पर बोनस पुनः बहाल किया गया और इसकी दर 35 प्रतिशत निर्धारित की गई। 1917 ई० की रूसी क्रांति का प्रभाव मजदूर वर्ग पर भी पड़ा। 31 अक्टूबर, 1920 ई० को कांग्रेस पार्टी ने ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना की ।
सी. आर. दास ने सुझाव दिया कि कांग्रेस ने द्वारा किसानों एवं श्रमिकों को राष्ट्रीय आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल किया जाए और उनकी मांगों का समर्थन किया जाए। कालांतर में वामपंथी विचारों की लोकप्रियता ने मजदूर आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाया, जिससे ब्रिटिश सरकार की चिंता और अधिक बढ़ गयी। मजदूरों के खिलाफ दमनकारी उपाय भी किए गए। 1931 ई० में ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस का विभाजन हो गया। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
इसके बाद भी राष्ट्रीय आंदोलन में जवाहरलाल नेहरू, सुभाषचन्द्र बोस आदि नेताओं द्वारा समाजवादी विचारों के प्रभावाधीन मजदूरों का समर्थन जारी रहा ।
प्रश्न 73. जाति और नस्ल में क्या अंतर है?
उत्तर-जाति और नस्ल समान नहीं हैं क्योंकि जाति का आधार सामाजिक होता है और नस्ल का आधार जीवशास्त्रीय है। किंतु नस्ल विशुद्ध रूप से जीवशास्त्रीय नहीं है। यह जाति की तरह ही काफी हद तक समाजशास्त्रीय और वैधानिक वर्गीकरण है, जो लोकतांत्रिक देश के लिए विध्वंसकारी तत्त्व है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 74. लोकतंत्र से आप क्या समझते हैं ? भारत में किस तरह का लोकतंत्र है?
उत्तर-लोकतंत्र का अर्थ ‘जनता का शासन’ होता है । लोकतंत्र का अँगरेजी शब्द ‘डेमोक्रेसी’ दो यूनानी शब्दों से बना है-‘डेमोस’ और ‘क्रेशिया’, जिनका अर्थ क्रमशः ‘जनता’ और ‘शासन’ है । स्पष्ट है कि व्युत्पत्ति की दृष्टि से लोकतंत्र का अर्थ ‘जनता का शासन’ हुआ । लोकतंत्र में जनता स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधियों द्वारा शासन में भाग लेती है ।
लोकतंत्र की अनेक परिभाषाएँ दी गई हैं । उन परिभाषाओं में अब्राहम लिंकन की परिभाषा अत्यंत लोकप्रिय हुई । लिंकन के अनुसार, “लोकतंत्र जनता का, जनता के लिए और जनता द्वारा शासन है ।” लोकतंत्र के दो प्रकार हैं-प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष । भारत में अप्रत्यक्ष लोकतंत्र है।
प्रश्न 75. परिवारवाद क्या है ?
उत्तर-हाल के दशकों में यह परम्परा बनी कि जिस प्रतिनिधि के निधन या इस्तीफे के कारण कोई सीट खाली हुई उसके ही किसी परिजन को चुनाव में टिकट दे दिया जाए। इस प्रकार परिवारवाद आज भी लोकतंत्र की एक
गंभीर समस्या है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 76. ताड़ी विरोधी आंदोलन का वर्णन करें।
उत्तर-दक्षिण राज्य आन्ध्रप्रदेश में ताड़ी विरोधी आंदोलन वहाँ की महिलाओं का स्वतः स्फूर्त आंदोलन था। इस आंदोलन के जरिए महिलाएँ अपने आस-पड़ोस में मदिरा की बिक्री पर पाबंदी की माँग कर रही थी। वर्ष 1992 ई० के सितम्बर-अक्टूबर माह में वहाँ की ग्रामीण महिलाएँ शराब के विरुद्ध आंदोलन छेड़कर अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था में सुधार करना
चाहती थीं। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 77. बिहार में पंचायती राज व्यवस्था के स्वरूप पर प्रकाश डालें।
उत्तर-बिहार में पंचायती राज व्यवस्था का त्रिस्तरीय ढाँचा लागू है जो निम्नांकित है :
(i) ग्राम पंचायत-बिहार में ग्राम पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों की स्वायत्त संस्थाओं में सबसे नीचे का स्तर है लेकिन इसका स्थान सबसे महत्त्वपूर्ण होता है। राज्य सरकार 7000 की औसत आबादी को ग्राम पंचायतों की स्थापना का आधार मानती है। ग्राम पंचायतों का प्रधान मुखिया होता है और उसकी सहायता के लिए एक उपमुखिया का पद सृजित किया गया है। हर पंचायत में सरकार की ओर से एक पंचायत सेवक नियुक्त होते हैं जो सचिव की भूमिका निभाते हैं। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(ii) पंचायत समिति-पंचायती राज व्यवस्था का यह दूसरा या मध्य स्तर है । वास्तव में यह ग्राम पंचायत और जिला परिषद के बीच की कड़ी है। बिहार में 5000 की आबादी पर पंचायत समिति के एक सदस्य को चुनने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त पंचायत समिति के क्षेत्र के अंदर आने वाली समिति के प्रमुख का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। पंचायत समिति का प्रधान अधिकारी प्रमुख होता है । वह पंचायत समिति के कार्यों की देखभाल करता है और प्रमुख ही विकास पदाधिकारी पर नियंत्रण रखता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(ii) जिला परिषद-बिहार में पंचायती राज का यह तीसरा स्तर है। 50000 की आबादी पर जिला परिषद का एक सदस्य चुना जाता है। जिला परिषद के क्षेत्राधिकार के अन्तर्गत जिला के सभी पंचायत समितियाँ आती हैं। इसका कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। जिले के सभी पंचायत समितियों के प्रमुख इसके सदस्य होते हैं प्रत्येक जिला परिषद का एक अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष होता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 78. लोकतंत्र किस तरह उत्तरदायी एवं वैध सरकार का गठन करता है?
उत्तर- लोकतंत्र किस प्रकार लोगों के प्रति उत्तरदायी है और किस हद तक वैध है इसकी जाँच के लिए निम्न तथ्यों को देखा जा सकता है :
(i) क्या लोकतंत्र में लोगों को चुनावों में भाग लेने और अपने प्रतिनिधियों को चुनने का अधिकार है ?
(ii) क्या चुनी हुई सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने में प्रभावी हो पाती है?
(iii) क्या सरकार द्वारा फैसले शीघ्र लिए जाते हैं और फैसले कितने जनकल्याणकारी होते हैं?
उपर्युक्त सवालों के संदर्भ में लोकतंत्र का यदि मूल्यांकन करें तो हम देखते हैं कि लोग चुनावों में भाग लेते हैं। अपने प्रतिनिधियों को चुनने का कार्य करते हैं किंतु यह देखा जाता है कि आर्थिक एवं सामाजिक दृष्टि से मजबूत लोगों का दबदबा रहता है। बावजूद इसके कि जनता में जागरूकता की वृद्धि एवं व्यापक प्रतिरोध से लगातार सुधार की संभावना बनी रहती है। उल्लेखनीय है कि शिक्षा के व्यापक प्रचार-प्रसार के कारण आज लोग अपने मताधिकार का बढ़-चढ़कर उपयोग कर रहे हैं। यों भारतीय लोकतंत्र के ढाँचागत स्वरूप में कोई बुनियादी परिवर्तन नहीं हुआ है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
किंतु लोगों की लोकतंत्र के प्रति आस्था बढ़ी है। आज लोग सिर्फ मताधिकार का ही प्रयोग नहीं कर रहे हैं बल्क सरकार की निर्णय प्रक्रिया में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं। यही कारण है कि सरकार को जनता के प्रति उत्तरदायी बनना पड़ता है क्योंकि इससे जनता द्वारा नकारने का खतरा बरकरार रहता है लोकतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव नियमित होते रहते हैं। सरकार जब कानून बनाती है तो उस पर जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ आम जनता के बीच भी खुलकर चर्चाएँ होती हैं।
इस प्रकार लोकतांत्रिक व्यवस्था थोड़ी बहुत कमियों के बावजूद एक सर्वोत्तम शासन व्यवस्था है। गैरलोकतांत्रिक व्यवस्था से तुलना के पश्चात् कोई संदेह नहीं कि लोकतांत्रिक व्यवस्था एक उत्तरदायी एवं वैध शासन व्यवस्था है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 79. पीगू के द्वारा दी गई राष्ट्रीय आय की परिभाषा लिखें।
उत्तर-पीगू ने राष्ट्रीय आय को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है-“राष्ट्रीय लाभांश किसी समाज की वस्तुनिष्ठ अथवा भौतिक आय का वह भाग है जिसमें विदेशों से प्राप्त आय भी सम्मिलित होती है और जिसे मुद्रा के रूप में माप हो सकती है।”
प्रश्न 80. वस्तु विनिमय प्रणाली क्या है ?
उत्तर-वस्तु विनिमय प्रणाली उस प्रणाली को कहा जाता है जिसमें एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु का आदान-प्रदान होता है। दूसरे शब्दों में “किसी एक वस्तु का किसी दूसरी वस्तु के साथ बिना मुद्रा के प्रत्यक्ष रूप से लेन-देन वस्तु विनिमय प्रणाली कहलाती है।” (The act of directexchange of one commodity for another without the mediation of money is known as Barter system) उदाहरणीय, गेहूँ से चावल बदलना, सब्जी से तेल बदलना आदि । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 81. विश्व व्यापार संगठन क्या है? यह कब और क्यों स्थापित किया गया?
उत्तर-विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है जिसका उद्देश्य अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। इसकी स्थापना 1995 ई० में की गई थी। भारत इसका संस्थापक सदस्य रहा है। वर्तमान में 164 देश विश्व व्यापार संगठन (2006 ई०) के सदस्य हैं। इसका मुख्यालय जेनेवा में है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
विश्व व्यापार संगठन अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करता है और देखता है कि इन नियमों का पालन हो । विश्व व्यापार संगठन सभी देशों को मुक्त व्यापार की सुविधा देता है।
प्रश्न 82. उपभोक्ता कौन है ? संक्षेप में बताएँ।
उत्तर-व्यक्ति जब वस्तुएँ एवं सेवाएँ अपने प्रयोग के लिए खरीदता है तब वह उपभोक्ता कहलाता है। खरीददार की अनुमति से ऐसी वस्तुओं और सेवाओं का प्रयोग करने वाला व्यक्ति भी उपभोक्ता है। उपभोक्ता को बाजार का राजा माना जाता है। यदि उपभोक्ता नहीं रहे तो उत्पादित वस्तुओं की माँग करने वाला ही नहीं होगा। उत्पादन की समस्त क्रियाएँ उपभोक्ता के द्वारा ही संचालित होती हैं। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 83. आर्थिक विकास की माप कुछ सूचकांक के द्वारा करें।
उत्तर- आर्थिक विकास की माप एवं सूचकांक निम्नलिखित हैं :
(i) राष्ट्रीय आय-राष्ट्रीय आय को आर्थिक विकास का एक प्रमुख सूचक माना जाता है। किसी देश में एक वर्ष की अवधि में उत्पादित सभी वस्तुओं एवं सेवाओं के मौद्रिक मूल्य के योग को राष्ट्रीय आय कहा जाता है सामान्य तौर पर जिस देश का राष्ट्रीय आय अधिक होता है वह देश विकसित कहलाता है और जिस देश का राष्ट्रीय आय कम होता है वह देश अविकसित
कहलाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(ii) प्रति व्यक्ति आय-आर्थिक विकास की माप करने के लिए प्रतिव्यक्ति आय को सबसे उचित सूचकांक माना जाता है। प्रति व्यक्ति आय देश में रह रहे सभी व्यक्तियों की औसत आय होती है। राष्ट्रीय आय को देश की कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो भागफल आता है, वह प्रति व्यक्ति आय कहलाता है।
(iii) मानव विकास सूचकांक-किसी भी देश का मानव विकास सूचकांक—(i) जीवन प्रत्याशा (ii) शिक्षा प्राप्ति तथा (iii) जीवन स्तर के द्वारा निर्धारित होता है। अर्थात HDI तीन सूचकों का औसत है। पैमाने पर सभी देशों की HDI दर शून्य से एक होती है। विकसित देशों की सूचकांक दर ऊँची होती है जबकि अविकसित देशों की सूचकांक दर (HDI) नीची होती है। नार्वे का HDI 0.965 है जबकि भारत का HDI 0.611 Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(iv) उपभोक्ता व्यय-उपभोक्ता व्यय को आर्थिक विकास का सूचक मानते हुए अपने देश की पहली राष्ट्रीय मानव विकास रिपोर्ट में यह बताया गया है कि विगत कुछ वर्षों में देश की ग्रामीण जनता की व्यय क्षमता में कमी आयी है जबकि शहरी क्षेत्र में इसमें काफी वृद्धि हुई है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 84. बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियों का वर्णन करें ।
उत्तर- (i) बैंक जमा रकम का एक छोटा हिस्सा अपने पास नकद के रूप में रखते हैं । उदाहरण के लिए आजकल भारत में बैंक जमा का केवल 15 प्रतिशत हिस्सा नकद के रूप में अपने पास रखते हैं । इसे किसी एक दिन में जमाकर्ताओं द्वारा धन निकालने की संभावना को देखते हुए यह प्रावधान किया जाता है । चूंकि किसी एक विशेष दिन में, केवल कुछ जमाकर्ता ही नकद निकालने के लिए आते हैं, इसलिए बैंक का काम इतने नकद से आराम से चल जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(ii) बैंक जमा राशि के एक बड़े भाग को ऋण देने के लिए इस्तेमाल करते हैं । विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए ऋण की बहुत माँग रहती है । बैंक जमा राशि का लोगों की ऋण-आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए
इस्तेमाल करते हैं।
(iii) इस तरह बैंक जिनके पास अतिरिक्त राशि है (जमाकर्ता) एवं जिन्हें राशि की जरूरत है (कर्जदार) के बीच मध्यस्थता का काम करते हैं ।
(iv) बैंक जमा राशि पर जो ब्याज देते हैं, उससे ज्यादा ब्याज ऋण पर लेते हैं । कर्जदारों से लिए गए ब्याज और जमाकर्ताओं को दिए गए ब्याज के बीच का अंतर बैंकों की आय का प्रमुख स्रोत है । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 85. संसाधन संरक्षण की अनिवार्यता पर प्रकाश डालें।
उत्तर-विकास कार्यों के लिए मानव ने संसाधनों का अविवेकपूर्ण एवं\ अतिउपयोग किया है । परिणामस्वरूप कई सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय समस्याएँ उभरती जा रही हैं । यही नहीं, कई संसाधन समाप्ति के कगार पर भी पहुँच चुके हैं । जबकि, मानवीय विकास की गति अभी जारी है । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
साथ ही, संसाधनों के अविवेकपूर्ण उपयोग से पर्यावरणीय समस्याएँ भी उभरती जा रही हैं, जिससे मानवीय जीवन एवं अस्तित्व ही संकट में पड़ता जा रहा है । अतः, सतत पोषणीय विकास के लिए यह आवश्यक है कि संसाधन संरक्षण पर जोर दिया जाए । संसाधन संरक्षण पर भूतकाल से ही कई नेताओं और चिंतकों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। इनमें महात्मा गाँधी का नाम उल्लेखनीय है । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 86. वन और वन्य-जीवों के संरक्षण में सहयोगी रीति-रिवाजों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर-भारतीय परम्परा का वन और वन्य-जीवों के साथ अभिन्नसम्बन्ध रहा है। पौराणिक ग्रन्थों, कर्मकाण्डों में वनों और प्राणियों को काफी महत्त्व दिया गया है। धार्मिक अनुष्ठानों में लगभग एक सौ पौधों की प्रजातियों का प्रयोग हमारे रीति-रिवाजों में वनों की महत्ता को ही बताता है। सम्राट अशोक ने तो वन्य जीव-जन्तुओं के शिकार पर रोक लगा दिया था।
बाबर और जहांगीर के आलेखों में भी प्रकृति संरक्षण का उल्लेख मिलता है । मुगल चित्रकला में वन एवं वन्य-प्राणियों से प्रेम का सम्प्रेषण मिलता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 87. मैंगनीज के उपयोग पर प्रकाश डालिए।
उत्तर-मैंगनीज एक अत्यंत उपयोगी खनिज पदार्थ है। इस्पात निर्माण सहित अनेक मिश्र-धातु निर्माण में इसका उपयोग किया जाता है। इसके अतिरिक्त सूखा-सेल बनाने में, फोटोग्राफी में, चमड़ा एवं माचिस उद्योग सहित रंग-रोगन को तैयार करने में यह उपयोगी है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 88. वायु परिवहन की प्रमुख विशेषताओं को लिखें ।
उत्तर- वायु परिवहन की प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
(i) यह सबसे महंगा परिवहन का साधन है ।
(ii) इसके द्वारा तीव्रतम यात्रा संभव है ।
(iii) इसके द्वारा आरामदायक यात्रा का लुफ्त मिलता है ।
(iv) इस परिवहन में ट्रैफिक जाम की समस्या नहीं होती है ।
(v) अन्य देशों में जाने के लिए दुर्गम स्थान एवं समुद्र की बाध्यता आड़े नहीं आती है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 89. बिहार में दलहन के उत्पादन एवं वितरण का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-बिहार में दलहन के फसलों में चना, मसूर, खेसारी, मटर, मूंग, अरहर, उरद तथा कुरथी प्रमुख हैं। इनमें अरहर एवं मूंग खरीफ दलहन हैं। जबकि शेष सभी रबी दलहन हैं। 2006-07 के आँकड़ा के हिसाब से यहाँ रबी दलहन की खेती 519.6 हजार हेक्टेयर भूमि पर किया गया, जिससे 372 हजार मेट्रिक टन दलहन उत्पादित हुआ।
जबकि खरीफ दलहन की खेती 87.26 हजार हेक्टेयर में किया गया और इससे 74 हजार मैट्रिक टन दलहन का उत्पादन हुआ। दलहन के उत्पादक जिलों में पटना, औरंगाबाद, कैमूर प्रमुख हैं Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 90. बिहार की जनसंख्या सभी जगह एक समान नहीं है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-बिहार राज्य की जनसंख्या एक समान नहीं है। जनसंख्या वितरण पर राज्य की धरातलीय उच्चावच का प्रभाव पड़ता है। बिहार के मैदानी क्षेत्रों में जहाँ कृषि, सिंचाई, उपजाऊ मृदा एवं नगरीकरण का प्रभाव अधिक है वहाँ जनसंख्या अत्यंत ही घनी है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
जबकि पहाड़ी, उर्वरक मृदा का अभाव, सिंचाई में कमी इत्यादि के कारण जनसंख्या विरल पायी जाती है। पटना, दरभंगा, गया, मुजफ्फरपुर जिलों में जनसंख्या सघन है जबकि पश्चिमी चम्पारण, बाँका, कैमूर जिलों में जनसंख्या विरल है।
प्रश्न 91. सड़क परिवहन रेल परिवहन से अधिक महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर- (i) सड़कों के लिए रेलवे की अपेक्षा पूँजी निवेश की आवश्यकता कम होती है।
(ii) इनका निर्माण बहुत ऊँचे स्थानों या किसी भी स्थान पर किया जा सकता है।
(iii) सड़क परिवहन सुविधाजनक तथा साधारण व्यक्ति की पहुँच के अंदर होता है तथा 24 घंटे उपलब्ध होता है ।
(iv) इसकी देखभाल की लागत कम आती है ।
(v) इसके माध्यम से ही कृषि का विकास होता है ।
(vi) सड़क परिवहन में वैयक्तिक सेवा प्रदान करने का विशेष गुण होता है।
(vii) सड़कें शीघ्र नष्ट होने वाली वस्तुओं, जैसे दूध और सब्जियों आदि को विभिन्न क्षेत्रों में ढोने की सुविधा प्रदान करती हैं । इससे उत्पादन में बढ़ोतरी । होती है तथा साथ ही किसानों का ज्ञान भी बढ़ता है जिन्हें उपयोगी तकनीक प्रदान की जाती है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 92. भारत में उद्योगों के विकेन्द्रीकरण के लाभों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर-प्रत्येक कल्याणकारी सरकार का यह कर्त्तव्य है कि वह जनता को उचित मूल्य पर उचित गुणवत्ता की वस्तुएँ उपलब्ध करवाए । इसके लिए उद्योगों का विकेन्द्रीकरण बहुत आवश्यक है । संक्षेप में, उद्योगों के विकेन्द्रीकरण
के लाभों का वर्णन इस प्रकार है-
(i) उद्योगों का विकेन्द्रीकरण विभिन्न उद्योगों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को जन्म देता है । इसके कारण उद्योगपति अपने उत्पादों का उचित मूल्य निर्धारित करते हैं और उसकी गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखते हैं ।
(ii) उद्योगों के विकेन्द्रीकरण से रोजगार के अवसर बढ़ते हैं । इसमें बेरोजगारी की समस्या नियंत्रित रहती है ।
(iii) उद्योगों के विकेन्द्रीकरण में सरकार पर कार्य का बोझ कम होता है और वह प्रशासनिक और कल्याणकारी
कार्यों की ओर उचित ध्यान दे पाती है । (iv) उद्योगों का विकेन्द्रीकरण अप्रत्यक्ष रूप से वैज्ञानिक उन्नति को भी बढ़ावा देता है । प्रत्येक उद्योगपति यह चाहता है कि उसका उत्पाद दूसरे उत्पादों की अपेक्षा उत्तम हो । इसके लिए यह वैज्ञानिक अनुसंधानों और प्रौद्योगिकी शिक्षा को प्रोत्साहित करता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 93. आपदा कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर-आपदा दो प्रकार की होती हैं
(a) प्राकृतिक आपदा
(b) मानव निर्मित आपदा ।
(a) प्राकृतिक आपदा, जैसे-भूकंप, बाढ़, सूखा, भूस्खलन, चक्रवात, सुनामी आदि ।
(b) मानव निर्मित आपदा, जैसे-सड़क दुर्घटना, रेल दुर्घटना, आग लगना, आतंकवाद, युद्ध । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 94. सुनामी से बचाव के कोई तीन उपाय बताइए।
उत्तर- सुनामी से बचाव हेतु तीन उपाय निम्नलिखित हैं :
(a) समुद्र तटीय क्षेत्रों के समीप मैंग्रोव वनस्पति को लगाने का कार्य किया जाना चाहिए।
(b) तटीय क्षेत्रों के समीप रहने वाले लोगों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए
(c) समुद्र के नजदीक कंक्रीट तटबंधों का निर्माण किया जाए। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 95. भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन की चर्चा संक्षेप में कीजिए।
उत्तर- भूकंप एवं सुनामी की स्थिति में आकस्मिक प्रबंधन अत्यंत ही आवश्यक है। सर्वप्रथम भूकंप या सुनामी से प्रभावित लोगों को राहत कैम्प में ले जाना तत्पश्चात् मलबों दबे हुए लोगों को निकालना तथा मृत जीव-जंतुओं को धार्मिक संस्कारों के अनुसार दफनाना या जलाना । राहत कैम्प में रहने वाले लोगों के लिए भोजन, पेयजल, दवा इत्यादि की व्यवस्था आकस्मिक प्रबंधन के अंतर्गत सम्मिलित हैं। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 96. सुनामी सम्भावित क्षेत्रों में गृह निर्माण पर अपना विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर- सुनामी सम्भावित क्षेत्रों में गृह निर्माण तट से दूर किया जाना चाहिए जो 100 मीटर की दूरी पर हो । गृह निर्माण का कार्य समतल भागों की अपेक्षा सामान्यतः ऊँचे भागों पर किया जाना चाहिए तथा मकान निर्माण Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 97. ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास शेष यूरोप की तुलना में किस प्रकार भिन्न था?
उत्तर- (i) क्रांति के बगैर-ब्रिटेन में राष्ट्र-राज्य का निर्माण अचानक हुई उथल-पुथल या क्रांति का परिणाम नहीं था । यह एक लंबी चलने वाली प्रक्रिया का नतीजा था । इसके अलावा यूरोप के अन्य देशों में क्रांति के लिए
राष्ट्रवाद ही जिम्मेदार था । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(ii) भिन्न रीतिरिवाज-अठारहवीं सदी से पहले ब्रितानी राष्ट्र था ही नहीं। यह एक जातीय समूहों का संगठन था जिनकी अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक परम्पराएं थीं । इन सबके बावजूद यहाँ राष्ट्रवाद की भावना उदित हुई । लेकिन अन्य यूरोपीय देशों के लोग एक ही जाति से संबंध रखते थे ।
(ii) संसद का योगदान-इंगलैंड में राष्ट्रवाद की भावना संसद क माध्यम से आई । लेकिन दूसरे राष्ट्रों में राजा और राष्ट्रीय अभिनेता इसके लिए जिम्मेदार थे । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 98. खूनी रविवार क्या है ?
उत्तर-1905 ई० के ऐतिहासिक रूस-जापान युद्ध में रूस बुरी तरह पराजित हुआ। इस पराजय के कारण 1905 ई० में रूस में क्रांति हो गई। 9 फरवरी, 1905 ई० को लोगों का समूह “रोटी दो” के नारे के साथ सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए सेंट पीटर्सबर्ग स्थित महल की ओर जा रहा था । परन्तुजार की सेना ने इन निहत्थे लोगों पर गोलियाँ बरसायीं जिसमें हजारों लोग मारे गए, उस दिन रविवार था इसलिए उस तिथि को खूनी रविवार (लाल रविवार) के नाम से जाना जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 99. जेनेवा समझौता कब और किनके बीच हुआ?
उत्तर-1954 ई० में जेनेवा में हिंद-चीन समस्या पर वार्ता हेतु सम्मेलन बुलाया गया, जिसे जेनेवा समझौता कहा जाता है। जेनेवा समझौते ने पूरे वियतनाम को दो हिस्सों में बाँट दिया। हनोई नदी से सटे उत्तर का क्षेत्र उत्तरी वियतनाम साम्यवादियों को और उससे दक्षिण में दक्षिणी वियतनाम अमेरिका समर्थित सरकार को दे दिया गया । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 100. चंपारण सत्याग्रह के बारे में बताएँ।
उत्तर-बिहार में नीलहे गोरों द्वारा तीनकठिया व्यवस्था प्रचलित थी जिसमें किसान को अपनी भूमि के 3/20 हिस्से में नील की खेती करनी होती थी। किसान नील की खेती नहीं करना चाहते थे क्योंकि इससे भूमि की उर्वरता कम हो जाती थी। उसे उत्पादन का उचित कीमत भी नहीं मिलता था जिससे उसकी स्थिति दयनीय हो गई थी।
किसानों के पक्ष को लेकर महात्मा गाँधी ने चंपारण में सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की। इससे ब्रिटिश सरकार को अन्ततः झुकना पड़ा। इसे ही चम्पारण सत्याग्रह के नाम से जाना जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 101. असहयोग आन्दोलन प्रथम आन्दोलन था । कैसे ?
उत्तर-1920 ई० में गाँधीजी के नेतृत्व में चलाया गया असहयोग आन्दोलन इस मायने में प्रथम जन-आन्दोलन था कि इससे पूर्व के सभी आन्दोलन आर्थिक या सामाजिक आधार पर किसी वर्ग-विशेष के द्वारा अपने हितों की रक्षा अथवा पूर्ति के लिए चलाये गये थे जबकि असहयोग आन्दोलन के कार्य ऐसे थे कि हर तरह के लोग इसमें अपना योगदान कर सकें । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
जैसे- सरकारी उपाधियों एवं अवैतनिक पदों का त्याग, सरकारी और अर्द्धसरकारी उत्सवों का बहिष्कार, सरकारी स्कूलों एवं कॉलेजों का बहिष्कार, सरकारी न्यायालयों का बहिष्कार, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आदि । जनता ने अपने-अपने स्तर के अनुरूप इन कार्यक्रमों में योगदान दिया और असहयोग आन्दोलन को जन-आन्दोलन का रूप प्रदान किया। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 102. किन तीन प्रक्रियाओं के द्वारा आधुनिक शहरों की स्थापना निर्णायक रूप से हुई ?
उत्तर-तीन ऐतिहासिक प्रक्रियाओं ने आधुनिक शहरों की स्थापना में निर्णायक भूमिका निभाई। पहला औद्योगिक पूँजीवाद का उदय, दूसरे विश्व के विशाल भू-भाग पर औपनिवेशिक शासन की स्थापना और तीसरा लोकतांत्रिक आदर्श का विकास। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 103. भारत में औद्योगिकरण के परिणामस्वरूप होने वाले परिवर्तन पर प्रकाश डालें।
उत्तर-औद्योगिकरण के परिणामस्वरूप :
(i) नगरों का विकास
(ii) कुटीर उद्योगों का पतन
(iii) साम्राज्यवाद का विकास
(iv) समाज में वर्ग विभाजन एवं बुर्जुआवर्ग का उदय
(v) फैक्ट्री मजदूर वर्ग का जन्म
(vi) स्लम पद्धति की शुरुआत हुई । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
1850 से 1950 ई० के बीच भारत में वस्त्र उद्योग, लौह उद्योग, कोयला उद्योग जैसे कई उद्योगों का विकास हुआ। जमशेदपुर, सिन्द्री तथा डालमियानगर आदि नए व्यापारिक नगर तत्कालीन बिहार राज्य में कायम हुए। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों के कायम हो जाने से प्राचीन गह उद्योग का पतन आरंभ हो गया। विभिन्न देशों में आर्थिक विकास की दरें (1950-2000 ई०) शासन का प्रकार और देश। विकास दर सभी लोकतांत्रिक शासन। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
3.95 प्रतिशत सभी तानाशाहियाँ। 4.42 प्रतिशत तानाशाही वाले गरीब देश। 4.34 प्रतिशत लोकतंत्र वाले गरीब देश। 4.28 प्रतिशत उपर्युक्त आंकड़ों के अवलोकन से लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था से निराशा तो होती है। किंतु किसी देश का आर्थिक विकास उस देश की जनसंख्या, आर्थिक प्राथमिकताएँ, अन्य देशों से सहयोग के साथ-साथ वैश्विक स्थिति पर भी निर्भर करती है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
लोकतांत्रिक शासन में विकास की दर में कमी के बावजूद लोकतांत्रिक व्यवस्था का चयन सर्वोत्तम होना चाहिए क्योंकि इसके अनेक सकारात्मक एवं विश्वसनीय फायदे हैं जिसका एहसास हमें धीरे-धीरे होता है, जो अन्ततः सुखद होता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 104. गरीबी रेखा से क्या समझते हैं ?
उत्तर-गरीबी को निर्धारित करने के लिए योजना आयोग द्वारा सीमांकन किया गया है। गरीबी रेखा कैलोरी मापदण्ड पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी तथा शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निर्धारित किया गया है। अर्थशास्त्र में गरीबी की माप की यह काल्पनिक रेखा है ।
इस रेखा से नीचे के लोगों को गरीबी रेखा के नीचे (Below Poverty Line) माना जाता है। उसे संक्षेप में BPL के नाम से जाना जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 105. सकल या कुल घरेलू उत्पाद से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर-किसी देश में किसी दिए हुए वर्ष में वस्तुओं और सेवाओं की जो कुल मात्रा उत्पादित की जाती है उसे सकल घरेलू उत्पाद (GDP) कहा जाता है । (The total quantity of goods and services produced in an economy in a given year is called Gross Domestic Product.) Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 106. साख क्या है?
उत्तर- साख का अर्थ है विश्वास अथवा भरोसा । अर्थशास्त्र में साख का अर्थ ऋण लौटाने या भुगतान करने की क्षमता में विश्वास से होता है। प्रो० जोड के अनुसार, “साख एक ऐसा विनिमय कार्य है जो एक निश्चित अवधि के बाद भुगतान करने के बाद पूरा हो जाता है। (Credit is an exchange which is complete after the expiry of a certain period of time after payment.) साख के दो पक्ष होते हैं Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
(i) ऋणदाता तथा (ii) ऋणी Debtor. अर्थात् किसी दिए हुए समय में ऋणी रुपये, सेवाएँ या वस्तुएँ साख के आधार पर प्राप्त करता है और एक निश्चित अवधि के बाद उतनी ही मुद्रा ब्याज सहित लौटाने का वादा करता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 107. उदारीकरण को परिभाषित करें।
उत्तर-उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबंधों, जैसे लाइसेंस, कोटा आदि को हटाना है। आर्थिक सुधारों के अन्तर्गत 1991 ई० से भारत सरकार ने उदारीकरण की नीति अपनायी। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 108. आर्थिक विकास क्या है ? आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में अंतर बतायें।
उत्तर-आर्थिक विकास की परिभाषा को लेकर अर्थशास्त्रियों में काफी मतभेद है। इसकी एक सर्वमान्य परिभाषा नहीं दी जा सकती है। प्रो० रोस्टोव आर्थिक विकास एक ओर श्रम शक्ति में वृद्धि की दर तथा दूसरी ओर जनसंख्या में वृद्धि के बीच का संबंध है। “प्रो० मेयर एण्ड बोल्डविन के अनुसार, “आर्थिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा दीर्घकाल में किसी अर्थव्यवस्था की वास्तविक राष्ट्रीय आय में वृद्धि होती है।” Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
अर्थात् आर्थिक विकास आवश्यक रूप से परिवर्तन की प्रक्रिया है। इससे अर्थव्यवस्था के ढाँचे में परिवर्तन होता है। इसके चलते प्रति व्यक्ति वास्तविक आय बदलती है तथा आर्थिक विकास के निर्धारक निरन्तर बदलते रहते हैं आर्थिक विकास एवं आर्थिक वृद्धि में अंतर-सामान्यतः आर्थिक विकास तथा आर्थिक वृद्धि में कोई अंतर नहीं माना जाता है।
दोनों शब्दों को एक दूसरे के स्थान पर प्रयोग किया जाता है । श्रीमती उर्मिला हिक्स के अनुसार, “वृद्धि शब्द का प्रयोग आर्थिक दृष्टि से विकसित देशों के संबंध में किया जाता है जबकि विकास शब्द का प्रयोग अविकसित अर्थव्यवस्था के संदर्भ में किया जा सकता है। आर्थिक विकास से तात्पर्य राष्ट्रीय विकास में वृद्धि के साथ-साथ उत्पादन क्षमता के विस्तार से होता है जबकि आर्थिक वृद्धि से तात्पर्य राष्ट्रीय आय में वृद्धि से है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 109. राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के कार्यों का वर्णन करें।
उत्तर-राज्य स्तरीय संस्थागत वित्तीय स्रोत के निम्नलिखित कार्य हैं-
(i) सहकारी बैंक-इनके माध्यम से किसानों को अल्पकालीन, मध्यकालीन तथा दीर्घकालीन ऋण की सुविधा उपलब्ध होती है।
(ii) प्राथमिक सहकारी समितियाँ-इसकी स्थापना कृषि क्षेत्र की अल्पकालीन ऋणों की आवश्यकता की पूर्ति के लिए की गई है। एक गाँव अथवा क्षेत्र के कोई भी कम से कम 10 व्यक्ति मिलकर एक प्राथमिक साख समिति का निर्माण कर सकते हैं
(iii) भूमि विकास बैंक-राज्य में किसानों को दीर्घकालीन ऋण प्रदान करने के लिए भूमि बंधक बैंक खोला गया था, जिसे अब भूमि विकास बैंक कहा जाता है। यह किसानों की भूमि को बंधक रखकर कृषि में स्थायी सुधार एवं विकास के लिए दीर्घकालीन ऋण प्रदान करता है
(iv) व्यावसायिक बैंक-देश में बैंकों पर सामाजिक नियंत्रण की नीति 1968 के बाद में उनका राष्ट्रीयकरण (1969) के बाद व्यावसायिक बैंक अधिक मात्रा में किसानों को ऋण प्रदान करने लगे। यद्यपि बिहार जैसे राज्य में व्यावसायिक बैंकों के द्वारा किसानों को साख की सुविधा प्रदान किया जा रहा है। लेकिन यह संतोषजनक नहीं है।
(v) क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक-सीमान्त एवं छोटे किसानों, कारीगरों तथा अन्य कमजोर वर्ग की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक देश में 1975 में स्थापित किए गए।
(vi) नाबार्ड राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक-देश में कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए पुनर्वित्त प्रदान करने वाली शिखर की संस्था है। यह कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए सरकारी संस्थाओं, व्यावसायिक बैंकों तथा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को वित्त की सुविधा प्रदान करता है जो बाद में किसानों को यह सुविधा प्रदान करते हैं। बिहार राज्य में नाबार्ड ने 1998-99
से 2000-01 के बीच कुल 539.27 करोड़ रुपए का पुनर्वित्त सहायता प्रदान किया। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 110. संसाधन नियोजन की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर-(i) अधिकतर संसाधनों की आपूर्ति सीमित होती है ।
(ii) अधिकतर संसाधनों का वितरण देश भर में असमान होता है ।
(iii) संसाधनों का अत्यधिक प्रयोग पर्यावरण को प्रदूषित करता है ।
(iv) संसाधनों का कम उपयोग देश की अर्थव्यवस्था को अविकसित करता है।
(v) मानवीय संसाधनों को नियोजित करने की आवश्यकता है क्योंकि
तभी हमारे प्राकृतिक संसाधन विकसित हो पाएँगे ।
प्रश्न 111. बिहार में वन सम्पदा की वर्तमान स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर-झारखण्ड के बिहार से अलग हो जाने के बाद यहाँ की वन-सम्पदा काफी दयनीय स्थिति में आ गयी है। केवल 6764.14 हेक्टेयर पर अब वन बच गये हैं, जो बिहार की कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का सिर्फ 7.1 प्रतिशत है। बिहार के 38 में से 17 जिलों में वन प्रदेश तो समाप्त हो गये हैं।
पश्चिमी चम्पारण, मुंगेर, बांका, जमुई, नवादा, नालंदा, गया, रोहतास, कैमूर और औरंगाबाद में वनों की स्थिति कुछ अच्छी है। शेष में वन के नाम पर झाड़-झुरमुट बच गए Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 112. पेट्रोलियम से किन-किन वस्तुओं का निर्माण होता है ?
उत्तर-पेट्रोलियम से निर्मित होने वाली वस्तुएँ निम्नांकित हैं
(i) गैसोलीन
(ii) डीजल
(iii) किरासन तेल
(iv) स्नेहक (ग्रीस)
(v) पेट्रोल
(vi) कृत्रिम रेशा
(vii) कीटनाशी एवं अन्य दवाइयाँ
(viii) साबुन
(ix) प्लास्टिक आदि । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 113. भारत के लिए जलमार्ग का क्या महत्त्व है ?
उत्तर- भारत के लिए जलमार्ग का महत्त्व इस प्रकार है-
(i) भारत का विदेशी व्यापार जलमार्ग से होता है । (ii) यह परिवहन का सर्वोत्तम सस्ता साधन है । (iii) तटीय इलाके के लोग मछली मारकर अपनी आजीविका चलाते हैं। (iv) तीन ओर से समुद्र से घिरे होने के कारण भारत को प्रायद्वीप कहा जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 114. कृषि बिहार की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है । इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर–संयुक्त बिहार, (झारखंड के अलग होने से पूर्व) खनिज के भंडार की दृष्टि से भारत के अग्रणी राज्यों में से एक था। किन्तु, विभाजनोपरांत सभी खनन क्षेत्र झारखंड में चले गये। अब बिहार की सीमा में केवल कृषि कार्य के लिए ही भूमि उपलब्ध है। यहाँ की समृद्धि कृषि पर ही निर्भर है।
क्योंकि यहाँ की 90 प्रतिशत आबादी गाँवों में निवास करती है, जिनका मुख्य पेशा कृषि है । 80 प्रतिशत लोग कृषि पर ही आधारित हैं । अतः उनके जीविका के आधार एवं अर्थव्यवस्था की रीढ़ कृषि को कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 115. तलचिह्न और स्थानिक ऊँचाई क्या है ?
उत्तर-तलचिह्न-वास्तविक सर्वेक्षण के द्वारा दीवारों, पुलों, खांभों, पत्थरों जैसे स्थायी वस्तुओं पर समुद्र तल से मापी गई ऊँचाई को प्रदर्शित करने वाले चिह्न को तलचिह्न (Bench Mark) कहा जाता है। इसे फीट या मीटर की इकाई में प्रदर्शित किया जाता है ।
स्थानिक ऊँचाई-तलचिह्न की सहायता से किसी स्थान विशेष की मापी गई ऊँचाई को स्थानिक ऊँचाई (Spot Height) कहा जाता है। इस विधि में बिंदुओं के सहारे मानचित्र में स्थानों की ऊँचाई की संख्या लिख दी जाती है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 116. जलाक्रांतता कैसे उपस्थित होता है ? मृदा अपरदन में इसकी क्या भूमिका है ?
उत्तर-आजादी के बाद भारत में उद्योग-धंधों के विकास पर जोर के साथ ही अधिक अन्नोत्पादन पर भी जोर दिया गया । इसके आशातीत परिणाम भी सामने आए। किन्तु विकास की यह प्रक्रिया शीघ्र ही अंधाधुंध विकास से जुड़ गयी । इसी अंधाधुंध विकास क्रम से उत्पन्न हुई-जलाक्रांतता । पंजाब, हरियाणा और प० उत्तर प्रदेश के इलाके में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग के साथ ही अधिक सिंचन का प्रयोग कृषि में हुआ है।
इससे इस इलाके में भूमि पर जलाक्रांतता की स्थिति उत्पन्न हो गयी। जलाक्रांतता से भूमि का निम्नीकरण हुआ। इससे मृदा में लवणीय और क्षारीय गुण बढ़ जाता है जो भूमि के निम्नीकरण के लिए उत्तरदायी होते हैं। अत्यधिक जलाक्रांतता से भूमि में लवण की मात्रा बढ़ने लगती है। इससे भूमि के पोषक तत्त्व तो कम होते ही हैं, साथ ही मिट्टी की परतों में भी क्षय होने लगता है । मिट्टी के अवयव घुलते जाते हैं। कुछ जल में बह जाते हैं,
तो कुछ सूखने पर हवा द्वारा उड़ा लिये जाते हैं। इस तरह अपरदन की क्रिया शुरू होती है और निर्बाध गति से चलती रहती है। फलतः सम्बन्धित भूमि का निम्नीकरण भी होता जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 117. खनिज कितने प्रकार के होते हैं ? प्रत्येक का सोदाहरण परिचय दीजिए।
उत्तर-सामान्यतः खनिजों को दो भागों में विभक्त कर अध्ययन किया जा सकता है
A. धात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में धातु मौजूद रहते हैं। ये धातु किसी-न-किसी पदार्थों के साथ मिले होते हैं। जैसे-लौह-अयस्क, ताँबा, निकेल इत्यादि । लौह धातु की उपस्थिति के आधार पर धात्विक खनिज को भी दो उप-विभागों में विभाजित किया जा सकता है :
(i) लौहयुक्त धात्विक खनिज- ऐसे खनिज में लोहांश अधिक होते हैं। जैसे-लौह अयस्क, मैंगनीज, निकेल, टंग्सटन आदि।
(ii) अलौहयुक्त धात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में लोहांश अतिन्यून होते हैं, जैसे-सोना, चाँदी, बॉक्साइट, टिन, ताँबा आदि।
B. अधात्विक खनिज- ऐसे खनिजों में धातु नहीं होते हैं । जैसे- -चूना-पत्थर, डोलोमाइट, अभ्रक, जिप्सम इत्यादि । जीवाश्म की उपस्थिति के आधार पर अधात्विक खनिज के भी दो उपविभाग किये जा सकते हैं :
(i) कार्बनिक खनिज- ऐसे खनिजों का निर्माण भूगर्भ में प्राणी एवं पादप के दबने से होते हैं जिसमें जीवाश्म होते हैं तथा कालान्तर में परिवर्तित होकर खनिजों का रूप धारण कर लेते हैं। जैसे-कोयला, पेट्रोलियम, चूनापत्थर आदि।
(ii) अकार्बनिक खनिज- ऐसे खनिजों में जीवाश्म की मात्रा नहीं होती है। जैसे-अभ्रक, ग्रेफाइट इत्यादि।
प्रश्न 118. सूखे की स्थिति को परिभाषित करें ।
उत्तर-औसत से कम (50 cm से कम) वर्षा होने एवं भूमिगत जल स्तर के अधिक गहराई तक नीचे चले जाने से उत्पन्न समस्या, सूखा कहलाती है। सूखे के कारण पीने हेतु एवं फसलों की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध नहीं हो पाता है। सूखे का सबसे प्रमुख कारण भूमंडलीय ताप में वृद्धि है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 119. भूकंप के केंद्र एवं अधिकेंद्र के बीच अंतर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-भूपटल के नीचे का वह स्थल जहाँ भूकंपीय कंपन प्रारंभ होता है, भूकम्प केन्द्र कहलाता है जबकि भूपटल पर वे केन्द्र जहाँ भूकंप के तरंग का सर्वप्रथम अनुभव होता है, अधिकेन्द्र कहलाता है
प्रश्न 120. आपदा के समय सर्वप्रथम सक्रिय या मददगार कौन होते
उत्तर-आपदा के दौरान तथा एकदम बाद अधिकतर पड़ोसी अथवा समुदाय के लोग ही सबसे पहले सक्रिय या मददगार होते हैं । वे लोग, जो आपात्कालीन स्थिति में सबसे पहले क्रियाशील होते हैं, जिनके पास चिकित्सा संबंधी अथवा अन्य आपत्तियों से निपटने के लिए मूलभूत योग्यताएँ होती हैं तथा वे समुदाय के भाग होते हैं अथवा उनसे मिलकर कार्य करते हैं। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 121. भूकम्प के प्रभावों को कम करने वाले चार उपायों को लिखिए।
उत्तर- भूकम्प के प्रभावों को कम करने वाले चार उपाय निम्न हैं :
(a) भवन का निर्माण आयताकार किया जाना चाहिए ।
(b) ईंट, पत्थर या कंक्रीट युक्त दिवालों का निर्माण किया जाना चाहिए ।
(c) दरवाजे तथा खिड़कियों की स्थिति भूकम्प अवरोधी होनी चाहिए ।
(d) गलियों एवं सड़कों को चौड़ा होना चाहिए। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 122. उन्नीसवीं शताब्दी के राष्ट्रवाद की भावना शताब्दी के प्रथम भाग की भावना से किस प्रकार भिन्न थी?
उत्तर-उन्नीसवीं शताब्दी की अंतिम चौथाई तक राष्ट्रवाद का वह उदारवादी जनतांत्रिक स्वभाव नहीं रह गया था जो शताब्दी के प्रथम भाग में था । यह अब सीमित लक्ष्यों वाला संकीर्ण सिद्धांत बन गया था ।
इस अवधि में राष्ट्रवादी समूह परस्पर अनुदार होते चले गए और सदैव लड़ाई लिए तैयार रहते थे । इसके साथ ही प्रमुख यूरोपीय शक्तियों ने भी अपने साम्राज्यवादी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए अधीनस्थ लोगों की राष्ट्रवादी आकांक्षाओं का इस्तेमाल किया । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 123. अक्टूबर क्रांति क्या है ?
उत्तर-लेनिन ने बल प्रयोग द्वारा केरेन्सकी सरकार को पलट देने का निश्चय किया। सेना और जनता दोनों ने साथ दिया। 7 नवम्बर 1917 ई० को बोल्शेविकों ने पेट्रोग्राड के रेलवे स्टेशन, बैंक, डाकघर, टेलीफोन केन्द्र, mकचहरी, अन्य सरकारी भवनों पर अधिकार कर लिया।
करेन्सकी रूस छोड़कर भाग गया। इस प्रकार रूस की महान नवंबर क्रांति (जिसे अक्टूबर क्रांति भी कहते हैं) सम्पन्न हुई। अब शासन की बागडोर लेनिन के हाथों में आ गई। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 124. फ्रांस की औपनिवेशिक योजना का वर्णन करें।
उत्तर-फ्रांस की औपनिवेशिक योजना
(i) फ्रांस के विशाल साम्राज्य को एक यूनियन में बदल दिया जाएगा जिसमें सभी अधीनस्थ उपनिवेश रहेंगे।
(ii) हिंद-चीन इस फ्रांसीसी महासंघ का एक स्वशासित अंग होगा।
(iii) हिंद-चीन के संरक्षित राज्यों एवं कोचीन-चीन को मिलाकर एकसंघ बनाया जाएगा।
(iv) हिंद-चीन संघ की विदेश नीति एवं सैन्य पर फ्रांस का नियंत्रण रहेगा।
प्रश्न 124. ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस की स्थापना क्यों हुई ?
उत्तर-20वीं शताब्दी के आरंभिक काल में भारत में साम्यवादी विचारधारा के अन्तर्गत बम्बई, कलकत्ता, कानपुर, लाहौर, मद्रास आदि जगहों पर साम्यवादी सभाएँ बननी शुरू हो गई थीं। इसके माध्यम से किसानों व मजदूरों के हितों को आगे बढ़ाया गया।
ऑल इण्डिया ट्रेड यूनियन काँग्रेस (AITUC) की स्थापना 1920 ई० में कांग्रेस पार्टी ने की थी जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय आंदोलन में किसानों और श्रमिकों का सक्रिय सहयोग प्राप्त करना था। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 125. बिहार के किसान आन्दोलन पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर-बिहार के किसान आन्दोलनों में 1917 ई० के चंपारण आन्दोलन का प्रमुख स्थान है । यह आन्दोलन उस व्यवस्था के खिलाफ था जिसमें प्रत्येक किसान को अपने भूमि के 3/20 हिस्से पर नील की खेती करनी होती थी । इस उपज को अत्यन्त कम कीमत पर उनसे ले लिया जाता था । व्यापार के घाटे को किसानों से वसूल किया जाता रहा ।
लगान भी बढ़ा दी गई । चम्पारण के राजकुमार शुक्ल ने 1916 ई० के लखनऊ अधिवेशन में किसानों की परेशानियों से अवगत कराते हुए महात्मा गांधी को चम्पारण आने को कहा।\ गाँधीजी ने चम्पारण में सत्याग्रह चलाकर किसानों को राहत पहुँचाई । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 126. शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका किस प्रकार की रही?
उत्तर- शहरों के उद्भव में मध्यम वर्ग की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही । एक नए शिक्षित वर्ग का अभ्युदय हुआ, जो विभिन्न देशों में रहकर भी औसतन एक समान आय प्राप्त करने वाले वर्ग के रूप में उभरकर आए एवं बुद्धिजीवी वर्ग के रूप में स्वीकार किए गए। यह विभिन्न रूपों में कार्यरत रहे,
जैसे-शिक्षक, वकील, चिकित्सक, इंजीनियर, क्लर्क, एकाउण्टेंट्स परन्तु उनके जीवन मूल्य के आदर्श समान रहे और इनकी आर्थिक स्थिति भी एक वेतनभोगी वर्ग के रूप में उभर कर आयी। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 127. राष्ट्रवाद के उदय के कारणों एवं प्रभाव का वर्णन करें।
उत्तर- राष्ट्रवाद आधुनिक विश्व की राजनीतिक जागृति का प्रतिफल है। यह एक ऐसी भावना है जो किसी विशेष भौगोलिक, सांस्कृतिक या सामाजिक परिवेश में रहनेवाले लोगों में एकता की वाहक बनती है। राष्ट्रवाद की भावना का बीजारोपण यूरोप में पुनर्जागरण के काल में ही हो चुका था।
परन्तु 1789 ई० की फ्रांसीसी क्रांति से यह उन्नत रूप में प्रकट हुई। 19वीं शताब्दी में तो यह उन्नत एवं आक्रामक रूप में सामने आयी। यूरोप में राष्ट्रीयता की भावना के विकास में फ्रांस की राज्य क्रांति तत्पश्चात् नेपोलियन के आक्रमणों ने महत्त्वपूर्ण योगदान दिया । फ्रांसीसी क्रांति ने राजनीति को अभिजात्यवर्गीय परिवेश से बाहर कर उसे अखबारों, सड़कों और सर्वसाधारण की वस्तु बना दिया।
यूरोप के कई राज्यों में नेपोलियन के अभियानों द्वारा नवयुग का संदेश पहुँचा । नेपोलियन ने जर्मनी और इटली के राज्यों को भौगोलिक नाम की परिधि से बाहर कर उसे वास्तविक एवं राजनीतिक रूपरेखा प्रदान की, जिससे इटली और जर्मनी के एकीकरण का मार्ग प्रशस्त हुआ Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
दूसरी तरफ नेपोलियन की नीतियों के कारण फ्रांसीसी प्रभुता और आधिपत्य के विरुद्ध यूरोप में देशभक्तिपूर्ण विक्षोभ भी जगा । राष्ट्रवाद ने न सिर्फ दो बड़े राज्यों के उदय को ही सुनिश्चित नहीं किया बल्कि अन्य यूरोपीय राष्ट्रों में भी इसके कारण राजनीतिक उथल-पुथल शुरू हुए। हंगरी, बोहेमिया तथा यूनान में स्वतंत्रता आंदोलन इसी राष्ट्रवाद का परिणाम था।
इसी के प्रभाव ने ओटोमन साम्राज्य के पतन की कहानी को अंतिम रूप दिया। बालकन क्षेत्र में राष्ट्रवाद के प्रसार ने स्लाव जाति को संगठित कर सर्बिया को जन्म दिया । इस प्रकार यूरोप में जन्मी राष्ट्रीयता की भावना ने प्रथमतः यूरोप को एवं अन्ततः पूरे विश्व को प्रभावित किया, जिसके फलस्वरूप यूरोप के राजनीतिक मानचित्र में बदलाव तो आया ही साथ-साथ कई उपनिवेश भी स्वतंत्र हुए। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 128. 19वीं सदी में भारत में प्रेस के विकास को रेखांकित करें।
उत्तर- भारत में समाचार पत्रों का उदय 19वीं शताब्दी की एक महत्त्वपूर्ण विशेषता है। भारतीय द्वारा प्रकाशित प्रथम समाचार पत्र 1816 ई० में गंगाधर भट्टाचार्य का साप्ताहिक ‘बंगाल गजट’ था। 1818 ई० में ब्रिटिश व्यापारियों ने जेम्स सिल्क बकिंघम की सेवा प्राप्त की इसने बड़ी योग्यता से कलकत्ता जनरल का सम्पादन करके लॉर्ड हेस्टिंग्स तथा जॉन एडम्स को परेशानी तथा उलझन में डाल दिया । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
बकिंघम ने अपनी पत्रकारिता के माध्यम से प्रेस को जनता का प्रतिबिम्ब बनाया । इस प्रेस को आलोचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने जाँच पड़ताल करके समाचार देने तथा नेतृत्व प्रदान करने की ओर प्रवृत्त किया। 1821 ई० में बंगाल में ‘संवाद कौमुदी’ तथा 1822 ई० में फारसी में प्रकाशित ‘मिरातुल’ अखबार के साथ प्रगतिशील राष्ट्रीय प्रवृत्ति के समाचार पत्रों का प्रकाशन आरंभ हुआ। इन समाचार पत्रों के संस्थापक राजा राममोहन राय थे जिन्होंने इन्हें सामाजिक धार्मिक सुधार आंदोलन का हथियार भी बनाया।
अंग्रेजी में ‘ब्राह्मनिकल’ मैगजीन भी राममोहन राय ने निकाला। 1822 ई० में बंबई से गुजराती भाषा में ‘दैनिक बंबई’, समाचार निकलने लगा। द्वारिकानाथ टैगोर, प्रसन्न कुमार टैगोर तथा राममोहन राय के प्रयास से 1830 ई० में ‘बंगदत्त’ की स्थापना हुई। 1831 ई० में जामे जमशेद, 1851 ई० में गोफ्तार तथा अखबारे सौदागर का प्रकाशन आरंभ हुआ । अंग्रेजी प्रकाशकों ने भारतीय समाचार पत्रों द्वारा तत्कालीन सामाजिक, धार्मिक तथा राजनीतिक समस्याओं पर विचार विमर्श का स्वागत नहीं किया और प्रेस को प्रतिबंधित करने का कुत्सित प्रयास किया । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
उन्नीसवीं शताब्दी में अंग्रेजों द्वारा सम्पादित कई समाचार पत्र थे, जिसमें टाइम्स ऑफ इण्डिया 1861 ई०, स्टेटमैन 1875 ई०, इंग्लिशमैन कलकत्ता से, मद्रास मेल मद्रास से पायनियर 1865 ई० में इलाहाबाद से और 1876 ई० में सिविल और मिलिस्ट्री गजट लाहौर से प्रकाशित होने लगे थे। 1858 ई० में ईश्वरचन्द विद्यासागर ने सोमप्रकाश का प्रकाशन साप्ताहिक के रूप में बंगाली में आरंभ किया। कुछ वर्षों बाद हिंदू पैट्रियट को भी विद्यासागर ने ले लिया। 1874-75 ई० के बीच इस पत्र के लंदन में संवाददाता सुरेन्द्रनाथ टैगोर और मनमोहन घोष ने ‘इंडियन मिरर’ का प्रकाशन आरंभ किया । केशवचन्द्र सेन ने ‘सुलभ समाचार’ का बंगला में दैनिक प्रकाशन किया। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
मोती लाल घोष के संपादन में 1868 ई० से अंग्रेजी बांग्ला साप्ताहिक के रूप में अमृत बाजार पत्रिका का प्रेस के इतिहास में महत्त्वपूर्ण स्थान है। कलकत्ता से हिंदी बंगवासी, आर्यावर्त, उचितवक्ता, भारत मित्र आदि का प्रकाशन हुआ। 1899 ई० में अंग्रेजी मासिक ‘हिंदुस्तान रिव्यू’ की स्थापना सच्चिदानन्द सिन्हा ने की जिसका दृष्टिकोण राजनीतिक था। तिलक ने मराठा और केसरी का संपादन किया। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 129. सत्ता की साझेदारी के लिए युक्तिपरक तर्क का वर्णन करें।
उत्तर-सत्ता का बंटवारा ठीक है क्योंकि इससे विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है । चूँकि सामाजिक टकराव आगे बढ़कर अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है इसलिए सत्ता में हिस्सा दे देना राजनीतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छा है ।
बहुसंख्यक समुदाय की इच्छा को बाकी सभी पर थोपना तात्कालिक तौर पर लाभकारी लग सकता है पर आगे चलकर यह देश की अखंडता के लिए घातक हो सकता है । बहुसंख्यकों का आतंक सिर्फ अल्पसंख्यकों के लिए ही परेशानी पैदा नहीं करता बल्कि अक्सर यह बहुसंख्यकों के लिए भी बर्बादी का कारण बन जाता है । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 130. दलित पैंथर्स पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर-दलित पैंथर्स महाराष्ट्र के दलितों की सामाजिक-आर्थिक बदलावों से संबंधित है। दलितों ने लम्बे अरसे तक भारतीय समाज में क्रूरतापूर्ण जातिगत अन्याय को भुगता है। इसी क्रम में महाराष्ट्र में दलित हितों की दावेदारी के लिए 1972 ई० में दलित युवाओं का एक संगठन बना जिसे दलित पैंथर्स के नाम से जाना जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 131. क्या शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है ?
उत्तर-हाँ, शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है। नागरिक जागरूकता के अभाव में लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता है। शिक्षा ही उनके भीतर जागरूकता पैदा कर सकती है।
प्रश्न 132. राजनीतिक दलों के किन्हीं चार दोषों का वर्णन करें।
उत्तर-राजनीतिक दलों के चार दोष इस प्रकार हैं-(i) दलों द्वारा चुनाव के समय झूठे वादे कर जनता को गुमराह किया जाता है । (ii) देश की एकता पर कुठाराघात होता है । (iii) दलों द्वारा जातीयता एवं सांप्रदायिकता को प्रोत्साहित किया जाता है । (iv) अनुशासन एवं ठोस सिद्धांतों का अभाव पाया जाता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 133. राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण क्यों कहा जाता है ?
उत्तर-राजनीतिक दल लोकतांत्रिक शासन-व्यवस्था में काफी महत्त्वपूर्ण कार्य करते हैं। जनता की विभिन्न समस्याओं के समाधान में राजनीतिक दल महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण कहा जाता है। किसी भी शासन-व्यवस्था में किसी भी समस्या पर हजारों लोग अपना विचार रखते हैं। किंतु इन विचारों और दृष्टिकोणों का कोई मतलब नहीं रह जाता है जब तक इन विचारों को किसी दल के विचारों से न जोड़ा जाए ।
राजनीतिक दल देश के लोगों की भावनाओं एवं विचारों को जोड़ने का कार्य करते हैं। इस दृष्टि से हमारे लिए राजनीतिक दलों की महती आवश्यकता इसके अलावा लोकतंत्र में राजनीतिक दल की आवश्यकता इसलिए भी है कि यदि दल नहीं होगा तो सभी उम्मीदवार निर्दलीय होंगे। उम्मीदवार अपनी नीतियाँ राष्ट्रहित में न बनाकर उस क्षेत्र विशेष के लिए बनाएंगे जिस क्षेत्र से वे चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसी स्थिति में देश की एकता और अखण्डता खतरे में पड़ जाएगी। इन समस्याओं से बचने के लिए राजनीतिक दल का होना अनिवार्य है। अतः राजनीतिक दल को लोकतंत्र का प्राण कहा जाता है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 134. बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में कहाँ तक सहायक हैं ?
उत्तर-बिहार की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लोकतंत्र के विकास में सहायक हैं। आज की महिलाएँ राष्ट्र की प्रगति के लिए पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही है। खेतीबारी से लेकर वायुयान उड़ाने और अंतरिक्ष तक जा रही है। इसके बावजूद वे दोयम दर्जे की शिकार हैं।
ग्रामीण महिलाओं के लिए सरकार ने नई पंचायती राज व्यवस्था में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रावधान किया है। गाँव में आज जो महिलाएँ\पंच और सरपंच चुनी जा रही हैं, उनमें ज्यादातर अपने परिवार के पुरुषों के प्रभाव में काम कर रही हैं। ऐसा देखा जा रहा कि गाँव की पंचायतों, या नगर परिषदों में निर्वाचित महिला मुखिया के स्थान पर उसका पति या पुत्र अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहा है।
किंतु इसके बावजूद राजनीति और प्रशासन में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी से लोकतंत्र के मार्ग में हम एक कदम आगे अवश्य बढ़े हैं Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 135. मानव विकास रिपोर्ट क्या है ?
उत्तर- संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा प्रकाशित मानव वकास रिपोर्ट (Human Development Report_HDR) विभिन्न देशों की तुलना लोगों के शैक्षिक स्तर, उनकी स्वास्थ्य स्थिति और प्रति व्यक्ति आय के आधार पर करती है। मानव विकास सूचकांक HDI के तीन सूचक हैं-
(i) जीवन प्रत्याशा,
(ii) शिक्षा प्राप्ति,
(iii) जीवन स्तर ।
HDI तीनों सूचकांक का औसत होता है। पैमाने पर सभी देशों की HDI दर शून्य से एक होती है।
प्रश्न 136. राष्ट्रीय आय की गणना में होने वाली कठिनाइयों का वर्णन करें।
उत्तर-राष्ट्रीय आय की गणना में होने वाली कठिनाइयाँ निम्नलिखित हैं
(i) आँकड़ों को एकत्र करने में कठिनाई
(ii) दोहरी गणना की संभावना
(iii) मूल्य के मापने में कठिनाई । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 137. क्रडिट कार्ड (Credit Card) क्या है?
उत्तर-क्रेडिट कार्ड प्लास्टिक मुद्रा का एक रूप है। विश्व में प्रचलित क्रेडिट में टैप, मास्टर कार्ड, अमेरिकन एक्सप्रेस आदि प्रसिद्ध है। क्रेडिट कार्ड के अन्तर्गत ग्राहक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक उसकी साख की एक राशि निर्धारित कर देती है जिसके अन्तर्गत वह अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्धारित धनराशि के अन्दर वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकता है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 138. बहुराष्ट्रीय कंपनी किसको कहते हैं ?
उत्तर-बहुराष्ट्रीय कंपनी वह है जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नयंत्रण व स्वामित्व रखती है, जैसे–फोर्ड मोटर्स, सैमसंग, कोकाकोला, नोकिया आदि । बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उत्पादन लागत में कमी करने एवं अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से उन जगहों या देशों में उत्पादन के लिए कारखाने स्थापित करती है जहाँ उन्हें सस्ता श्रम, सस्ता कच्चा माल एवं अन्य संसाधन मल सकते हैं। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 139. राष्ट्रीय आय की परिभाषा दें। इसकी गणना की प्रमुख विधि कौन-कौन सी है?
उत्तर-राष्ट्रीय आय का मतलब किसी देश में एक वर्ष में उत्पादित वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल मूल्य से लगाया जाता है। दूसरे शब्दों में वर्ष भर में किसी देश में अर्जित आय की कुल मात्रा को राष्ट्रीय आय कहा जाता है। प्रो० अल्फ्रेड मार्शल के अनुसार, “किसी देश की श्रम एवं पूँजी का उसके प्राकृतिक साधनों पर प्रयोग करने से प्रतिवर्ष भौतिक तथा अभौतिक वस्तुओं पर विभिन्न प्रकार की सेवाओं का जो शुद्ध समूह उत्पन्न होता है उसे राष्ट्रीय आय कहते हैं।
” प्रो० पीगू के अनुसार, “राष्ट्रीय लाभांश किसी समाज की वस्तुनिष्ठ अथवा भौतिक आय का वह भाग है जिसमें विदेशों से प्राप्त आय भी सम्मिलित होती है और जिसकी मुद्रा के रूप में माप हो सकती है।” प्रो० फिशर के अनुसार, “वास्तविक राष्ट्रीय “वास्तविक राष्ट्रीय आय वार्षिक शुद्ध उत्पादन का वह भाग है जिसका उस वर्ष के अन्तर्गत प्रत्यक्ष रूप से उपयोग किया जाता है।” प्रो० कीन्स के अनुसार, Y=C+I राष्ट्रीय आय = उपभोग व्यय + विनियोग राष्ट्रीय आय की गणना-राष्ट्रीय आय की गणना निम्नलिखित विधि से की जाती है
(i) उत्पादन विधि-राष्ट्र के व्यक्तियों की आय उत्पादन के माध्यम से\ अथवा मौद्रिक आय के माध्यम से प्राप्त होती है, इसलिए उसकी गणना उत्पादन के योग के द्वारा किया जाता है तो उसे उत्पादन गणना विधिm कहते हैं।
(ii) आय विधि-जब राष्ट्र के व्यक्तियों की आय के आधार पर राष्ट्रीय आय की गणना की जाती है तो उस गणना विधि को आय गणना विधि कहते हैं।
(iii) व्यय विधि-प्राप्त की गई आय व्यक्ति अपने उपभोग के लिए व्यय भी करता है। इसलिए राष्ट्रीय आय की गणना लोगों के व्यय के माप से किया जाता है। राष्ट्रीय आय को मापने की इस प्रक्रिया को व्यय गणना विधि कहते हैं Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 140. व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्यों की विवेचना करें।
उत्तर-व्यावसायिक बैंक के प्रमुख कार्य निम्नलिखित हैं-
(i) जमा राशि को स्वीकार करना-व्यावसायिक बैंक का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण कार्य अपने ग्राहकों से जमा के रूप में मुद्रा प्राप्त करना है। बैंकजमा राशि के आधार पर कर्ज देकर लाभ कमाते हैं।
(ii) ऋण प्रदान करना-व्यावसायिक बैंक का दूसरा मुख्य कार्य लोगों को ऋण प्रदान करना है। बैंक के पास जो रुपया जमा के रूप उसमें से एक निश्चित राशि नकद कोष में रखकर बाकी रुपया बैंक द्वारा दूसरे व्यक्तियों को उधार दे दिया जाता है। ये बैंक प्रायः उत्पादक कार्यों के लिए ऋण देते हैं तथा उचित जमानत की माँग करते हैं। व्यावसायिक बैंक निम्न प्रकार से ऋण प्रदान करते हैं-अभियाचित एवं अल्पकालीन ऋण, नकद साख, अधिविकर्ष, विनिमय बिलों का भुगतान, ऋण एवं अग्रिम ।
(iii) सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य-इसके अतिरिक्त व्यावसायिक बैंक अन्य बहुत से कार्यों को भी सम्पन्न करते हैं जिन्हें सामान्य उपयोगिता संबंधी कार्य कहा जाता है। जैसे-यात्री चेक एवं साख प्रमाण पत्र जारी करना, लॉकर की सुविधा, ATM एवं क्रेडिट कार्ड, सुविधा, व्यापारिक सूचनाएँ एवं आँकड़े एकत्रीकरण आदि ।
(iv) एजेंसी संबंधी कार्य-वर्तमान समय में व्यावसायिक बैंक ग्राहकों की एजेंसी के रूप में सेवा करते हैं। इसके अन्तर्गत चेक, बिल व ड्राफ्ट का संकलन, ब्याज तथा लाभांश का संकलन तथा वितरण, ब्याज, ऋण की किस्त, बीमें की किस्त का भुगतान, प्रतिभूति का क्रय-विक्रय तथा ड्राफ्ट तथा डाक द्वारा कोष का हस्तांतरण आदि क्रियाएँ करते हैं।
प्रश्न 141. पर्वतीय क्षेत्रों में मृदा अपरदन को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं ?
उत्तर- सीढ़ीदार तथा समोच्च जुताई (Terracing and contour bunding)- पहाड़ी ढलानों पर सीढ़ीदार तथा समोच्च जुताई मृदा संरक्षण का प्रभावशाली तथा सबसे पुराना तरीका है । पहाड़ी ढलानों को काटकर कई चौड़ी सीढ़ियाँ बना दी जाती हैं । ढाल वाली भूमि पर समोच्च रेखाएँ बना दी जाती हैं।
(ख) वन लगाना (Forestation)-वनों के अधीन क्षेत्र को बढ़ाना मृदा संरक्षण का सबसे बेहतर तरीका है । पेड़ों की कटाई को रोककर नए क्षेत्रों में अधिक-से-अधिक पेड़ लगाने के प्रयत्न करने चाहिए ।
(ग) पशुओं की चराई को सीमित करना (Restricted grazing of animals)-मृदा के अपरदन को रोकने के लिए पशुओं को विभिन्न चारागाहों में ले जाना चाहिए । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 142. वन्य-जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- वन्य-जीवों के ह्रास के चार प्रमुख कारक हैं :
(i) वन्य प्रदेश के कटने के कारण लगातार छोटे होते जाने से वन्य जीवों का आवास छोटा होना,
(ii) वन्य जीवों का लगातार शिकार
(iii) कृषि में अनेक रसायनों के प्रयोग ने भी कई वन्य प्राणियों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न कर दिया है।
(iv) प्रदूषण के कारण भी वन एवं वन्यप्राणी का ह्रास हुआ है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 143. मुम्बई हाई तेल उत्पादक क्षेत्र का परिचय दें।
उत्तर-‘ मुम्बई हाई’ भारत का सबसे पहला तथा सबसे धनी अपतट वेधन तेल क्षेत्र है । यह अरब सागर में स्थित मुंबई से पश्चिम में 176 कि०मी० दूर स्थित है । यहाँ उथले सागर के पेंदे को बेधकर तेल के कुएँ विकसित किए गए हैं।
प्रश्न 144. कोंकण रेलमार्ग परियोजना का वर्णन करें।
उत्तर-यह देश के पश्चिमी तट के किनारे मुम्बई से मंगलौर तक एक रेलमार्ग बनाने की परियोजना है । इस परियोजना की व्यवस्था कोंकण रेलवे निगम द्वारा की गई है । यहाँ नियमित यात्री रेल सेवा प्रारम्भ की जा चुकी है। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 145. नदी घाटी परियोजनाओं के मुख्य उद्देश्यों को लिखें। उत्तर-नदी घाटी योजनाओं को बहुउद्देश्यीय परियोजना कहा जाता है। इसके मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं :
(i) बाढ़ पर नियंत्रण
(ii) सिंचाई एवं जल विद्युत के लिए नहरों का विकास
(iii) परिवहन के लिए जलमार्ग का विकास
(iv) जल-कृषि एवं मत्स्य पालन जैसे व्यावसायिक कृषि पक्ष को बढ़ावा देना
(v) पर्यटन के अवसर को विकसित करना
(vi) जल विद्युत विकसित करना
(vii) पेयजल उपलब्ध कराना इत्यादि ।
प्रश्न 146. अभ्रक कहाँ मिलता है ? इसका क्या उपयोग है ?
उत्तर-बिहार में अभ्रक झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों-नवादा, बाँका जिलों में पाया जाता हैं । यहाँ का अभ्रक सर्वोत्कृष्ट मस्कोह्वाइट किस्म का है। इसका अधिकांश उपयोग विद्युत कुचालक होने के कारण विद्युत उपकरण निर्माण में होता है। इसके अलावे वस्त्र निर्माण, रंग-रोगन, गुलाल-अबीर, तारपेंटिंग, में भी इसका उपयोग होता है Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 147. धात्विक एवं अधात्विक खनिजों में क्या अंतर है ? तुलना कीजिए।
उत्तर-धात्विक खनिज एवं अधात्विक खनिजों में निम्नलिखित अंतर है
धात्विक खनिज
1. | इन्हें गलाने पर धातु की प्राप्ति होती है।
2. ये कठोर एवं चमकवाले होते हैं।
3. इन्हें प्रायः आग्नेय चट्टानों से प्राप्त किया जाता है।
4. | इसे पीट कर तन्तु निकाले जा सकते हैं।
अधात्विक खनिज
1. इनके प्रगलन से धातु नहीं प्राप्त किया जा सकता है
2. इसमें चमक नहीं होती।
3. ये प्रायः परतदार चट्टानों से प्राप्त किये जाते हैं।
4. इन्हें पीटकर तन्तु नहीं निकाला जा सकता है । ये आघातवर्द्धनीय होते हैं, फलतः चूर-चूर हो जाते हैं।
प्रश्न 148. जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक एवं आर्थिक कारकों की विवेचना कीजिए।
उत्तर-जल विद्युत उत्पादन हेतु अनुकूल भौगोलिक कारक :
(i) प्रचुर जल राशि
(ii) नदी मार्ग में ढाल का होना
(iii) जल का तीव्रतम वेग
(iv) प्राकृतिक जल प्रपात इत्यादि ।
आर्थिक कारक:
(i) सघन औद्योगिक आबाद क्षेत्र
(ii) बाजार
(iii) पर्याप्त पूँजी निवेश
(iv) परिवहन के साधन
(v) प्राविधिक ज्ञान
(vi) अन्य ऊर्जा स्रोतों का अभाव । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 149. बाढ़ नियंत्रण के लिए उपाय बताएँ।
उत्तर-बाढ़ नियंत्रण हेतु निम्न उपायों को अपनाना चाहिए :
(a) नदी तटबंधों को मरम्मत करने का कार्य करना चाहिए ।
(b) नदी तटबंध के ऊपर वृक्षारोपण करना चाहिए ।
(c) सरकार के द्वारा विभिन्न नदियों को आपस में जोड़ने का कार्य किया जाना चाहिए।
(d) सुदूर संवेदन प्रणाली के द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का अध्ययन कर बाँधों का नियमित समय पर जाँच किया जाना चाहिए। Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
प्रश्न 150. भूकंपीय तरंगों से आप क्या समझते हैं ? प्रमुख भूकंपीय तरंगों के नाम लिखिए।
उत्तर- भूकंप के दौरान उत्पन्न होने वाली विभिन्न प्रकार के कंपन को भूकंपीय तरंग कहते हैं। भूकंपीय तरंगों का वेग भिन्न-भिन्न होता है। भूकंप के दौरान उत्पन्न होने वाली तरंगें निम्नलिखित हैं :
(a) प्राथमिक तरंग (P)
(b) द्वितीयक तरंग (S)
(c) दीर्घ तरंग (L)
प्रश्न 151. ‘आपदा से पहले के कुछ घंटे तथा बाद के कुछ घंटे बहुत महत्त्वपूर्ण होते हैं क्यों ?
उत्तर-1. यह समय लोगों की जान बचाने तथा भावी नुकसान को कम करने का होता है।
2. बाहरी सहायता का घटनास्थल तक पहुँचने में समय लग सकता है। ऐसे समय में समुदाय के पेशेवर लोग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं
प्रश्न 152. प्राकृतिक आपदा एवं मानवजनित आपदा में अंतर सही उदाहरणों के साथ प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर-प्राकृतिक आपदा एवं मानवनिर्मित आपदा में निम्नांकित अंतर हैं :
(a) प्राकृतिक आपदा- हमारे वातावरण में घटित होने वाली वैसी घटनाएँ जो प्राकृतिक कारणों से उत्पन्न होती हों, प्राकृतिक आपदा कहलाती हैं। जैसे-भूकंप, बाढ़, सूखा, सुनामी, भूस्खलन, चक्रवात ।
(b) मानवनिर्मित आपदा- वैसी घटनाएँ जिसकी उत्पत्ति में मानवीय कारकों का हाथ हो तथा जिसके घटित होने के फलस्वरूप अधिक संख्या में मानवों की मृत्यु एवं संसाधनों की हानि पहुँचती हो, मानवनिर्मित आपदा कहलाती हैं। जैसे-रेल एवं सड़क दुर्घटना, आग, युद्ध, आतंकवाद, महामारी, साम्प्रदायिक दंगे आदि । Bihar Board Matric Social Science vvi Subjective Question 2022
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