Class 10 Subjective Hindi varnikaa poetry Chapter 5 धरती कब तक घूमेगी हिंदी (Hindi Exam) सब्जेक्ट प्रश्नों के तलाश कर रहे हैं छात्र-छात्राओं के लिए मंटू सर Mantu Sir(Dls Education) के द्वारा बनाए गया यह मॉडल सेट (Subjective Model Set) काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है इस मॉडल सेट (Subjective Model Set) में कई सारे महत्वपूर्ण सब्जेक्टिव प्रश्न (Important subjective questions) शामिल किए गए हैं और इसके अलावा काव्य खंड के सभी चेप्टर के सब्जेक्ट के प्रश्नों को भी आप लोग को बिल्कुल मुफ्त में दिया जा रहा है
चैप्टर वाइज सब्जेक्टिव प्रश्नों (Chapter Wise Subjective Questions) को याद कर परीक्षा में अधिक से अधिक अंक प्राप्त कर पाएंगे आप लोग के लिए पिछले कुछ वर्षों के परीक्षाओं के दौरान पूछे जाने वाले प्रश्नों को भी इसमें शामिल किया गया जिससे आप अधिकांश प्राप्त कर सकते हैं आपको बता दें कि बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा (Bihar Board Matric Exam 2025) में 50% सब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाना है ऐसे में आप लोगों को महत्वपूर्ण प्रश्न (Important Questions) को याद करना जरूरी है
इसे जरूर पढ़े
Class 10 Subjective Hindi varnikaa poetry Chapter 5 धरती कब तक घूमेगी
वर्णिका(चंद्रिका) पाठ 5. धरती कब तक घूमेगी
बोध और अभ्यास : प्रश्न एवं उनके उत्तर
प्रश्न 1. सीता अपने ही घर में क्यों घुटन महसूस करती है?
उत्तर—सीता अपने ही घर में इसलिए घुटन महसूस करती है, क्योंकि परिवारका माहौल ठीक नहीं है। भरा-पूरा घर है। बेटे-बहुएँ हैं, पोते-पोतियाँ हैं, लेकिनकिसी में तालमेल नहीं है। परिवार की ऐसी स्थिति देख उसका मन भर जाता है।वह आँखें पोंछकर आकाश की ओर देखने लगती है। उसे लगता है कि जैसे पृथ्वीऔर आकाश के बीच घुटन भरी हुई है, वैसी घुटन उसके हृदय में भरी हुई है,क्योंकि वह घर में उपेक्षित है।
खाने को रोटी तो मिल जाती है, लेकिन माँ के प्रतिबेटे का जो दायित्व होना चाहिए वह नहीं दिखता। अर्थात् माँ-बेटे के बीच जो आत्मीयता होती है उसका अभाव है। न तो कोई माँ का हालचाल पूछने वालाहै और न माँ की समस्या को जानने वाला ही है। घर के लोग माँ को बोझ जैसा मानते हैं। इन्हीं कारणों से सीताअपने घर में घुटन महसूस करती हैं।
प्रश्न 2. पाली बदलने पर अपने घर दादी माँ के खाने को लेकर बच्चेखुश होते हैं जबकि उनके माता-पिता नाखुश । बच्चे की खुशी और माता-पिता की नाखुशी के कारणों पर विचार करें ।
उत्तर—पाली बदलने पर अपने घर दादी माँ के खाते देखकर बच्चे इसलिएखुश होते थे कि वे अपनी दादी माँ के साथ एक ही थाली में खाएँगे, उनके साथ खेलेंगे। लेकिन उनके माता-पिता नाखुश हो जाते थे, क्योंकि उन्हें एक महीना उनका खर्च वहन करना होगा। बच्चों के माता-पिता अपनी माँ (सीता) को बोझ मानते हैं।
एक माँ के प्रति पुत्र की जो आत्मीयता होनी चाहिए, वह नहीं है। माँ को दोनों शामरोटी इसलिए देते हैं, क्योंकि यह तो गले को आफत मानने लगे थे। तात्पर्य यह कि वे पुत्र का नही,अपितु सामाजिक बाध्यता तथा बदनामी के भय से दोनों वक्त रोटी दे देते थे। यदि यह भय नहीं होता तो रोटी भी नहीं देते, लेकिन बच्चे उन्हें अपनी दादी जानकर खुश होते थे कि उन्हें अपने पिता की माँ का स्नेह भरा प्यार मिलता था।
प्रश्न 3. ‘इस समय उसकी आँखों के आगे न तो अँधेरा था और न ही उसेधरती और आकाश के बीच घुटन हुई।’ सप्रसंग व्याख्या करें।
उत्तर—प्रस्तुत गद्यांश साँवर दइया द्वारा लिखित कहानी ‘धरती कब तकघूमेगी’ शीर्षक पाठ से उद्धृत है। इसमें कहानीकार ने तीन बेटे की एक माँ की मनोदशा का मार्मिक चित्रण किया है। घर भरा-पूरा भरा है। बेटे-बहुएँ, पोते-पोतियाँ तथा धन-सम्पत्ति से सम्पन्न परिवार है। लेकिन पति के मरते ही सीता (माँ) दूध की मक्खी बन जाती है। तीनों बेटे बारी-बारी से माँ को एक-एक महीने अपने परिवार में खाना तो देते हैं, लेकिन सभी उन्हें उपेक्षा एवं घृणा की दृष्टि से देखते हैं।
परिवार की ऐसी स्थिति देख माँ का हृदयटूट जाता है। वह अपनी व्यथा अन्दर-ही-अन्दर सह लेती है, लेकिन व्यक्त नहीं करती। इसके बावजूद जब माँ, बेटे और रोटी में रोटी ही महत्त्वपूर्ण रह जाती है तब वह एक के बाद दूसरे और दूसरे के बाद तीसरे में पाँच वर्षों तक चक्कर लगाती रहती है। इस पर भी मन नहीं भरता है तब माहवारी खर्च के लिए माँ को डेढ़ सौ रुपये देने का निर्णय लिया जाता है।
बेटों के इस निर्णय से माँ का स्वाभिमान जागपड़ा। उसने बेटों से मज़दूरी लेने की अपेक्षा कहीं और नौकरी करना बेहतर समझा, क्योंकि वहाँ न तो अपमानित होना पड़ेगा और न ही ताने सुनने पड़ेंगे। दूसरे के घरमें परिश्रम के अनुकूल आदर तथा अपनी इच्छा प्रकट करने का अवसर मिलेगा ।स्वतंत्र जीवन तथा खुली हवा होगी। यही कारण है कि घर छोड़ते समय आँखों के आगे न तो अँधेरा था और न ही उसे धरती और आकाश के बीच घुटन महसूस होरहा था ।
प्रश्न 4. सीता का चरित्र-चित्रण करें ।
उत्तर—सीता इस कहानी की नायिका है जो स्वाभिमानी, सहनशील, धैर्यवानतथा ममतामयी है। पति की मृत्यु के बाद वह इच्छारहित हो उसे जो कुछ खाने कोमिलता है, चुपचाप खा लेती है।, उसे इस बात पर आश्चर्य होता है कि कहने कोतो वह माँ है, लेकिन कोई हालचाल तक नहीं पूछता। यह सोचकर उसका हृदय भरआता है । वह खिन्न हो जाती है, लेकिन किसी के समक्ष अपनी दुख प्रकट नहीं करती है।
वह हर अपमान को चुपचाप सह लेती है। परिवार के दूषित वातावरण को देख कहती है कि “कहने को तो यह घर है। गली के लोगों की दृष्टि में अच्छाखाता-पीता घर है, लेकिन यहाँ खाते-पीते घर में ही खाने-पीने को लेकर झगड़ाएक पेट के लिए इतने झंझट ! ये लोग सुबह-शाम गाय-कुत्ते को रोटी डालते हैं।फिर मेरी रोटी में ऐसा क्या है कि इन लोगों को हमेशा नये ढंग से सोचना पड़ताहै।”
इस प्रकार वह परिवार की हर उपेक्षा तथा घृणा को धैर्यपूर्वक सह लेती हैलेकिन तीनों बेटे द्वारा माहवारी खर्च के रूप में डेढ़ सौ रुपये दिए जाने की बातहै Iसुनकर विदग्ध हो जाती है तथा एक स्वाभिमानी की भाँति स्वतंत्रतापूर्ण जीवन व्यतीतकरने के उद्देश्य से घर का त्याग कर चल देती है।
प्रश्न 5. कहानी के शीर्षक की सार्थकता स्पष्ट कीजिए ।
उत्तर—प्रस्तुत कहानी ‘धरती कब तक घूमेगी’ चरित्र प्रधान कहानी है। कहानी आरंभ से अंत तक सीता के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी तीन बेटे और एक माँ कीदोनों वक्त रोटी की कहानी है, जिसमें रोटी ही महत्त्वपूर्ण सिद्ध होती है। माँ की रोटी के कारण बड़ा बेटा कैलाश अपने दो भाइयों से कहता है-“माँ को रखने का ठेकासिर्फ उसी ने तो नहीं ले रखा है।” परिणामतः माँ को तीनों बेटों में बारी-बारी सकएक-एक महींना खाने के लिए घूमना पड़ता है।
और यह क्रम तब तक चलता है जबतक सीता (माँ) घर छोड़कर चली नहीं जाती है।कहानीकार ने कहानी का शीर्षक ‘धरती कब तक घूमेगी’ के माध्यम से यह स्पष्टकरने का प्रयास किया है कि धरती अर्थात् माँ दो वक्त की रोटी के लिए एक से दूसरे तथा दूसरे से तीसरे के घर कब तक घूमेगी ? इसी चक्कर को रोकने के लिए कैलाश तीनों भाई माँ को पचास-पचास रुपये हर महीने देने का निर्णय करता है, लेकिन माँइसे अपना अपमान मानकर घर का त्याग कर देती है ।
इस प्रकार कहानी अपने लक्ष्य तक पहुँच पाठकों के मन में एक जिज्ञासा पैदाकर देती है कि आखिर वह कहाँ गई ? अतः कहानी का शीर्षक विषयानुकूल तथाभाव उद्बोधक है।
Hindi varnikaa poetry Chapter 1 दही वाली मंगम्मा Subjective
धरती कब तक घूमेगी के कोई भी प्रश्न अब आप बड़े आसानी से बना सकते है बस आप को इन प्रश्न को कई बार पढ़ लेना है और हमने QUIZ Format मे आप के परीक्षा के मध्यनाज़र इस पोस्ट को तैयार किया है class 10th धरती कब तक घूमेगी इस पोस्ट मे दिए गए है तो अब आप को परीक्षा मे कोई भी धरती कब तक घूमेगी के प्रश्न से डरने की जरूरत नहीं फट से उतर दे
सभी वीडियो (YouTube Videos) Click Here
हिन्दी Class 10 Subjective
हमारे DLS Education के द्वारा तैयार किये Model Set हल करने से आप अपनी तैयारी का आकलन कर सकते हैं और अपने कमजोर बिंदुओं को सुधार सकते हैं।
Class 10th Hindi online Preparation ऑनलाइन तैयारी और अच्छे अंक प्राप्त करें
ऑनलाइन तैयारी के लिए महत्वपूर्ण Hindi Subjective Set और Quiz प्रदान कर रहे है और करेंगे ताकि आप परीक्षा (Class 10th Exam 2025) मे अच्छे अंक प्राप्त कर सकें। हमारे कई छात्र हमारे Quiz के माध्यम से अच्छे अंक प्राप्त कर रहे हैं और आप भी इस अवसर का लाभ उठा सकते हैं। बिलकुल मुफ्त
S.N | CLASS 10TH HINDI वर्णिका (हिन्दी) काव्य खंड OBJECTIVE 2025 |
1 | दही वाली मंगम्मा Click Here |
2 | ढहते विश्वास Click Here |
3 | माँ Click Here |
4 | नगर Click Here |
5 | धरती कब तक घूमेगी Click Here |