नगर | Class 10th Hindi Subjective Question 2022 | Bihar Board Class 10th Hindi Subjective Question 2022 |

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नगर (सुजाता)

लेखक- परिचय–कहानीकार सुजाता का जन्म 1935 ई. में तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ। इनका असली नाम एस. रंगराजन है। इन्होंने तमिल कहानी में अपनी रचना-शैली तथा विषय-वस्तु के द्वारा उल्लेखनीय बदलाव किया। इनकी रचनाएँ अति लोकप्रिय हुई। इन्होंने कुछ अभिनेय नाटक भी लिखे। इनके उपन्यासो पर चलचित्र भी बने हैं। इनके उपन्यास ‘करैयेल्लान शेण्बक्प्पू’ एवं ‘कनवुत् तोलिशाले’ काफी चर्चित और सम्मानित हुए। इनकी पच्चीस से अधिक कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी है। प्रस्तुत कहानी ‘नगर’ ‘आधुनिक तमिल कहानियाँ नेशनल बुक, ट्रस्ट ऑफ इंडिया से साभार संकलित है। इस कहानी के अनुवादक के ए, जमुना है

प्रश्न 1. लेखक ने कहानी का शीर्षक ‘नगर‘ क्यों रखाशीर्षक की सार्थकता स्पष्ट करें।

उत्तर- कोई भी कहानीकार या लेखक अपनी रचना का नामकरण देश, काल, पात्र, परिस्थिति, विषयवस्तु तथा प्रवृत्ति के आधार पर करते हैं।नगर’ कहानी का शीर्षक नगर’ नगरीय व्यवस्था के आधार पर रखा गया है। आज नगर सारी अव्यवस्थाओं का केन्द्र है। यही हर दुष्प्रवृत्ति का जन्म तथा विकास होता है। नगर हर सुविधाओं से युक्त होता है। जिस कारण ग्रामीणों को अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए यहाँ आना पड़ता है, किन्तु यहाँ के पढ़े-लिखे लोग भोली-भाली साधारण आम जनता की उपेक्षा तथा शोषण करते है कहानीकार ने मदुरै नगर के माध्यम से सारे नगरो की अव्यवस्था या अस्त- व्यस्तता की ओर ध्यान आकृष्ट किया है। उसका मानना है कि आज नगर सारे जुल्मो का अड्डा है, जहाँ निरीह जनता शोषण एवं उपेक्षा की शिकार होती है। वल्लिअम्माल अपनी पुत्री पाणाति को नगर के अस्पताल में इलाज कराने ले जाती है, लेकिन वहाँ की अव्यवस्था से भयभीत होकर पुत्री को लेकर वापस लौट जाती है, क्योंकि नगर में पैसो वालों की पूछ होती है। वहाँ ‘पैसा फेको, तमाशा देखो’ वान्ती बात चल रही है। जिसके पास पैसे नहीं है, वहाँ उनके लिए कोई जगह नहीं है कहानी का शीर्पक घटना एवं परिस्थिति के अनुकूल  है।

प्रश्न 2. पाप्पाति कौन थी और वह शहर क्यो लायी गयी थी?

उत्तर– पाप्पाति बारह वर्षीया एक ग्रामीण लड़को है। उसकी मां का नाम वल्लिअम्माल है। पाप्पाति को बुखार आ गया था। गांव के प्राइमरी हेल्प सेटर के डॉक्टर ने उसे तुरंत मदुरै नगर के बड़े अस्पताल में ले जाने की सलाह दी  इसी इलाज के क्रम में उसकी माँ ने उसे शहर ले गई।

प्रश्न 3. बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्याति को अस्पताल में भर्ती कर लेने के लिए क्यों कहा? विचार करे।

उत्तर- बड़े डॉक्टर ने अपने अधीनस्थ डॉक्टरों से पाप्पाति को अस्पताल में भर्ती कर लेने के लिए इसलिए कहा, क्योंकि पाप्पाति मेनिनजाइटिस’ रोग से पीड़ित थी। बड़े डॉक्टर विदेश से शिक्षा प्राप्त कर लौटे थे। वह एम. डी. के छात्रों को पढ़ाते थे। उन्होंने हाल ही में ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में इस रोग की कुछ नई दवाइयों के बारे में पढ़ा था। वह स्वयं पाप्पाति का इलाज करना चाहते थे। वह अपने प्राप्त ज्ञान का उपयोग कर यश प्राप्त करना चाहते थे, क्योंकि पहले मेनिनजाइटिस एक भयानक रोग माना जाता है। इस रोग वालों को बचना असंभव माना जाता है। इसलिए उन्होंने एक्यूट केस ऑफ मेनिनजाइटिस’ कहा था और उसे अस्पताल में भर्ती कर लेने को कहा था।

प्रश्न 4. बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति अस्पताल में भर्ती क्यों नहीं हो पाती?

उत्तर– बड़े डॉक्टर के आदेश के बावजूद पाप्पाति की अस्पताल में भत्ती इसलिए नहीं हो पाती, क्योंकि उसकी माँ अनपढ़, गरीब, ग्रामीण महिला है। अशिक्षा के कारण उसकी माँ न तो किसी की बात समझ पाती है और न ही कुछ पढ़ पाती है। इस कारण उसे बार-बार इधर उधर भटकना पड़ता है। साथ ही, अस्पताल में कार्यरत लोग पैसे पर बिकने वाले थे। जो उनकी जेब भर देता था, उनके लिए कोई नियम या पाबंदी नहीं थी, जबकि वल्लिअम्माल जैसी निरीह महिला को नियम की बात कहकर परेशान किया जाता । यानी अधीनस्थ डॉक्टर एवं कर्मचारी पैसे पर बिके है। उन्होंने बेड खाली न रहने की बात कहकर पाप्पाति की भत्ती नहीं की और अगले दिन सुबह साढ़े सात बजे आने को कहा। अस्पताल के ऐसे दूषित वातावरण से वल्लि अम्माल भयभीत हो गई कि उसे अपनी बेटी के पास रहने देगा या नहीं, ऐसा सोचकर बेटी को लेकर वह चली गई।

 प्रश्न 5. वल्लिअम्माल का चरित्रचिरण करें।

उत्तर- वल्लिअम्माल ग्रामीण अनपढ़ महिला है। वह स्वभाव से भीरू है। भय के कारण ही वह किसी से कुछ पूछने में डरती है  अनपद होने के कारण वह किसी प्रश्न का सही उत्तर नहीं देती है और 48 नं. कमरा भी नहीं खोज पाती । पुर्जी लेकर भटकती रह जाती है। वह परेशानी के कारण रोने लगती है तथा मृत पति पर आक्रोश प्रकट करती है। वह सरल हृदय महिला है। उसे अपनी पुत्री के प्रति असीम प्रेम है। वह पुत्री से क्षण भर भी अलग होना नहीं चाहती है। यही कारण है कि जब डेढ़ घंटे तक अकेला छोड़ अस्पताल में इधर-उधर भटकती रहती है तो बेटी के पास पहुँचने के लिए बेचैन हो उठती है और मुख्य दरवाजे में ताला लगा देख फूट-फूट कर रोने लगती है। वह आस्तिक स्वभाव की है। उसे झाड़-फूक, देवी-देवता आदि पर असीम श्रद्धा है। यही कारण है कि जब वह अस्पताल से बेटी को लेकर बस अड्डा की ओर जाती है तो मन्नत मानती है कि जब पाप्पाति ठीक हो जाएगी तो वैदीश्वरन जी के मंदिर जाकर दोनों हाथों में रेजगारी भरकर भगवान को भेट चढाऊँगी।

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